रुद्रप्रयागः जिले के बच्छणस्यूं और धनपुर पट्टी में भालू का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. शाम होते ही भालू गांव में धमक रहा है. इतना ही नहीं भालू गौशालाओं में घुसकर मवेशियों (Bear hunts cattle in Rudraprayag) को अपना शिकार बना रहा है. बच्छणस्यूं पट्टी के महड़ गांव में भी भालू ने दो मवेशियों को अपना शिकार बनाया है. जिससे ग्रामीणों में काफी खौफजदा हैं. आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार और वन विभाग के खिलाफ आंदोलन का मन बना दिया है.
बता दें कि बीते तीन से चार सालों में जिले के विभिन्न इलाकों में भालू का आतंक (Bear Attack) बना हुआ है. भालू को पकड़ने के लिए अब तक वन विभाग ने कोई ठोस प्रयास नहीं किए हैं, जिस कारण आए दिन भालू के आतंक की घटनाएं सामने आ रही हैं. मंगलवार सुबह चार बजे के करीब बच्छणस्यूं पट्टी के महड़ गांव में भालू ने ग्रामीण शूरवीर कठैत की गौशाला को तहस नहस कर दिया और फिर भीतर घुसकर मवेशियों को अपना निवाला बना दिया. ग्रामीणें को भय सता रहा है कि कई किसी दिन भालू आवासीय मकान में घुसकर उन्हें अपना शिकार न बना दे. ऐसे में पूरे क्षेत्र में भय का महौल बना हुआ है.
ये भी पढ़ेंः केदारघाटी में भालू मचा रहा उत्पात, दहशत में ग्रामीण, देखें वीडियो
जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट ने बताया कि बच्छणस्यूं और धनपुर पट्टी में भालू के आतंक (Bear Attack) से गामीणों की नींद हराम हो गई है. शाम ढलते ही भालू ग्रामीण इलाकों की ओर से आ रहा है और गौशालाओं को फाड़कर मवेशियों को अपना शिकार बना रहा है. अभी तक कई ग्रामीणों को भी भालू घायल कर चुका है. इससे पहले संकरोड़ी गांव में एक महिला को भालू ने घायल (Bear Attack on Woman in Sankrodi Village) कर दिया, जबकि बणगांव में दो भैंसों को अपना शिकार बना दिया. इसके अलावा च्वींथ गांव में भी भालू ने एक ग्रामीण को बुरी तरह जख्मी कर दिया.
इन सब घटनाओं के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. ग्रामीणों की आर्थिकी को भालू चोट पहुंचा रहा है, जिससे ग्रामीणों की आजीविका भी डगमगा गई है. किसी तरह ग्रामीण जनता गाय-भैंसों का दूध बेचकर अपनी आजीविका चला रहे हैं. भालू के आतंक के कारण उनकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो रही है. रोजगार के नाम पर ग्रामीण इलाकों में अन्य कोई साधन भी नहीं हैं.
ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयाग: रानीगढ़ पट्टी में भालू का आतंक, दुधारू पशुओं का कर रहा शिकार
उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रदेश सरकार से लेकर शासन-प्रशासन और वन विभाग को अवगत कराने के बावजूद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वन विभाग से आतंकी भालू को मारने या फिर पिंजरे में कैद कर चिड़ियाघर में छोड़ने की मांग की जा रही है. ग्रामीणों की परेशानियों को न ही प्रदेश सरकार समझने को तैयार है और न ही वन महकमा कोई कार्रवाई कर रहा है. ऐसे में ग्रामीणों ने आंदोलन का मन बना दिया है. उन्होंने वन विभाग से प्रभावित ग्रामीण को जल्द मुआवजे देने की भी मांग की.