रुद्रप्रयाग: द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शनिवार को अपने धाम केदारनाथ पहुंच गयी है. आगामी 17 मई को कपाट खुलने की तैयारियां देव स्थानम् बोर्ड द्वारा चाक-चौबन्द कर दी गयी हैं. वहीं पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने शनिवार को भी द्वितीय रात्रि प्रवास भूतनाथ मंदिर में ही किया. रविवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मंदिर से प्रस्थान कर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर नृत्य करते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. भगवान तुंगनाथ के कपाट भी 17 मई खोले जाएंगे.
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केदारनाथ धाम में व्यवस्थाएं चौक-चौबंद
कोरोना की वजह से इस बार उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित किया है. हालांकि चारोंधाम के कपाट नियत तिथि को पूरी विधि-विधान के साथ खोले जा रहे हैं. बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सवडोली भी शनिवार को धाम पहुंच गई है. गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के साथ चल रहे भक्तों, तीर्थ पुरोहितों, हक-हकूकधारियों व देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए रहने व खाने की व्यवस्था सुचारू होने पर सभी ने तहसील प्रशासन का आभार व्यक्त किया है.
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शनिवार को गौरी माता मंदिर गौरीकुण्ड में केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत तैंतीस कोटि देवी-देवताओं सहित भगवान केदारनाथ का आह्वान कर आरती उतारी. ठीक आठ बजे भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली पैदल मार्ग से धाम के लिए रवाना हुई.
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिंनचोली, बड़ी लिंनचोली, रुद्रा प्वाइंट सहित पैदल मार्ग पर परम्परानुसार पूजा-अर्चना की गयी. देर शाम भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर वहां पहले से मौजूद देवस्थानम् बोर्ड के 12 सदस्यीय दल ने डोली का पुष्प, अक्षत्रों से भव्य स्वागत किया.
देवस्थानम् बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि आगामी 17 मई को कपाट खुलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. इस बार गौरीकुण्ड, भीमबली व लिंनचोली में भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के साथ चलने वाले हक-हकूकधारियों, तीर्थ पुरोहित समाज और देवस्थानम् बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए रहने व खाने की व्यवस्था चाक चौबंद होने पर उन्होंने उप जिलाधिकारी जितेन्द्र वर्मा और नायब तहसीलदार जयबीर राम बधाणी का आभार व्यक्त किया.
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भगवान तुंगनाथ की डोली
भगवान तुंगनाथ के कपाट 17 मई को खोले जाएंगे. शनिवार को भूतनाथ मन्दिर में पण्डित भारत भूषण मैठाणी व सतीश मैठाणी ने ब्रह्म बेला में पंचाग पूजन के तहत गणेश, कुबेर, पृथ्वी, अग्नि सहित पंचनाम देवताओं सहित भगवान तुंगनाथ का आह्वान कर रुद्राभिषेक कर आरती उतारी. इसके बाद परम्परा के अनुसार भगवान तुंगनाथ की डोली सहित चल विग्रह मूर्तियों को भोग अर्पित किया. देर शाम को भी विधि-विधान से भगवान तुंगनाथ की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी कर आशीर्वाद प्राप्त किया.
जानकारी देते हुए प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित ने बताया कि रविवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मन्दिर से अगले पड़ाव के लिए रवाना होगी. पाबजगपुड़ा, चिलियाखोड़, बनियाकुण्ड यात्रा पड़ावों पर नृत्य करते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए चौपता पहुंचेगी.
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उन्होंने बताया कि 17 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से प्रस्थान के पैदल मार्ग के विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों से होकर तुंगनाथ धाम पहुंचेगी. भगवान तुंगनाथ की डोली के तुंगनाथ धाम पहुंचने पर तुंगनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे.
प्रधान विजयपाल नेगी ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम यात्रा स्थगित किये जाने से इस बार फिर भगवान तुंगनाथ के कपाट सादगी से खोले जायेंगे.