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रक्षाबंधन पर केदारनाथ धाम में हर्षोल्लास से मनाया गया अन्नकूट पर्व

विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी अन्नकूट मेला हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर भोले बाबा को नए अनाज का भोग लगाया गया.

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Published : Aug 3, 2020, 12:29 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 1:29 PM IST

annakoot fair
अन्नकूट मेला

रुद्रप्रयाग: विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार अन्नकूट उत्सव परंपरागत रूप से मनाया गया. इस अवसर भोले बाबा को नए अनाज का भोग लगाया गया. हालांकि इस बार कोरोना के कारण श्रद्धालु भगवान के इस अलौकिक स्वरूप के दर्शन नहीं कर पाए.

केदारनाथ धाम में हर्षोल्लास से मनाया गया अन्नकूट मेला.

प्रत्येक वर्ष केदारनाथ में रक्षाबंधन के एक दिन पहले अन्नकूट मेला धूमधाम से मनाया जाता है. बाबा केदारनाथ को नए अनाज का भोग लगाया जाता है. नए चावलों को पकाकर भगवान केदारनाथ को चढ़ाया जाता है. साथ ही पके चावलों से स्वयंभू शिवलिंग को ढक दिया जाता है. आज चावलों को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित कर दिया गया. मान्यता है कि भगवान शिव सभी खाद्य पदार्थों से जहर को समाप्त कर देते हैं. इस पर्व को भतूज कहा जाता है.

पढ़ें: केदारनाथ में रक्षाबंधन से पहले मध्यरात्रि में लगेगा अन्नकूट मेला, तैयारियां हुई पूरी

इस अवसर पर सुबह तीन से चार बजे तक मंदिर में विशेष दर्शन होते हैं. इस बार स्थानीय पंचगाई हक हकूकधारियों की ओर से आरसी तिवारी, राकेश तिवारी, अशोक शुक्ला, ललित शुक्ला और धर्मेंद्र तिवारी द्वारा भगवान केदारनाथ को नये अनाज का भोग लगाया गया. केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई.

रुद्रप्रयाग: विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार अन्नकूट उत्सव परंपरागत रूप से मनाया गया. इस अवसर भोले बाबा को नए अनाज का भोग लगाया गया. हालांकि इस बार कोरोना के कारण श्रद्धालु भगवान के इस अलौकिक स्वरूप के दर्शन नहीं कर पाए.

केदारनाथ धाम में हर्षोल्लास से मनाया गया अन्नकूट मेला.

प्रत्येक वर्ष केदारनाथ में रक्षाबंधन के एक दिन पहले अन्नकूट मेला धूमधाम से मनाया जाता है. बाबा केदारनाथ को नए अनाज का भोग लगाया जाता है. नए चावलों को पकाकर भगवान केदारनाथ को चढ़ाया जाता है. साथ ही पके चावलों से स्वयंभू शिवलिंग को ढक दिया जाता है. आज चावलों को मंदाकिनी नदी में प्रवाहित कर दिया गया. मान्यता है कि भगवान शिव सभी खाद्य पदार्थों से जहर को समाप्त कर देते हैं. इस पर्व को भतूज कहा जाता है.

पढ़ें: केदारनाथ में रक्षाबंधन से पहले मध्यरात्रि में लगेगा अन्नकूट मेला, तैयारियां हुई पूरी

इस अवसर पर सुबह तीन से चार बजे तक मंदिर में विशेष दर्शन होते हैं. इस बार स्थानीय पंचगाई हक हकूकधारियों की ओर से आरसी तिवारी, राकेश तिवारी, अशोक शुक्ला, ललित शुक्ला और धर्मेंद्र तिवारी द्वारा भगवान केदारनाथ को नये अनाज का भोग लगाया गया. केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिवशंकर लिंग द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की गई.

Last Updated : Aug 3, 2020, 1:29 PM IST
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