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रुद्रप्रयाग पापड़ी के 18 परिवारों पर कभी भी बरस सकता है प्रकृति का कहर, विस्थापन की मांग

दैड़ा के पापड़ी तोक के 18 परिवार लंबे समय से विस्थापन की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि उन्हें कोरे आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है.

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लोग कर रहे विस्थापन की मांग
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Published : Aug 5, 2021, 8:57 AM IST

रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत दैड़ा के पापड़ी तोक के 18 परिवार पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है. साल 1992 से पापड़ी तोक के निचले हिस्से में हो रहे भूधसाव के कारण तोक के 18 परिवार 29 साल से विस्थापन की आस लगाये बैठे है. लेकिन शासन -प्रशासन स्तर से 18 परिवारों को सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिले हैं. यदि समय रहते पापड़ी तोक के ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हुआ तो भविष्य में भारी जनहानि होने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.

गौर हो कि आसमान में बादल छाने से पापड़ी तोक के 18 परिवार का दिन का चैन, रातों की नींद हराम हो जाती है तथा रात्रि के समय मूसलाधार बारिश में पापड़ी तोक के 18 परिवार एक दूसरे को टार्च की रोशनी दिखाकर रात्रि गुजारने को विवश हैं. बता दें कि तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत दैड़ा के पापड़ी तोक के नीचले हिस्से में साल 1992 से भूधसाव शुरू हो गया था. भूधसाव होने का मुख्य कारण आकाश कामिनी नदी के किनारे तेज उफान के कारण भूमि कटाव माना जा रहा है.

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नदी किनारे भूमि कटाव होने के कारण कुण्ड-चोपता- गोपेश्वर मार्ग पर पापड़ी तोक के निचले हिस्से में लगातार खिसकता जा रहा है. जिससे पापड़ी तोक की जमीन भी धीरे-धीरे खिसकने से तोक के 18 परिवार जीवन व मौत के साये में दिन गुजारने को विवश है. विगत साल भी तोक के निचले में भूधसाव अधिक होने से कई मकानों में दरारें पड़ गयी थी तथा एक परिवार घर छोड़ने को विवश हो गया था. विगत दिनों मोटर मार्ग का अधिकांश हिस्सा खिसकने से पापड़ी तोक के सतेन्द्र सिंह, योगेन्द्र सिंह, प्रेम लाल, सन्दीप लाल, रूप लाल, दिनेश लाल, रमेश लाल, दिनेश लाल पुत्र श्याम लाल की मकानों में दरारें पड़ने से ग्रामीण खौफजदा हैं.

पढ़ें-देहरादूनः खुले में धूल फांक रहे करोड़ों के स्वास्थ्य उपकरण, आंखें मूंदे बैठा विभाग

जबकि कुलदीप सिंह और प्रदीप का मकान विगत साल क्षतिग्रस्त होने से वे एक साल पूर्व ही मकान छोड़ चुके हैं. प्रधान दैड़ा योगेन्द्र सिंह ने बताया कि पापड़ी तोक के 18 परिवारों पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है. उन्होंने बताया कि तोक के 8 परिवारों की मकानों में लगातार दरारें पड़ती जा रही है तथा अन्य मकान कभी भी खतरे की जद में आ सकती हैं. उन्होंने बताया कि शासन-प्रशासन से विस्थापन के लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट ने भी पापड़ी तोक का भ्रमण कर प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया की शीघ्र पापड़ी तोक के 18 परिवारों के विस्थापन के लिए मुख्यमंत्री व आपदा मंत्री को ज्ञापन भेजकर विस्थापन की मांग की जायेगी. वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि शासन से विस्थापन को लेकर पत्राचार किया गया है.

रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत दैड़ा के पापड़ी तोक के 18 परिवार पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है. साल 1992 से पापड़ी तोक के निचले हिस्से में हो रहे भूधसाव के कारण तोक के 18 परिवार 29 साल से विस्थापन की आस लगाये बैठे है. लेकिन शासन -प्रशासन स्तर से 18 परिवारों को सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिले हैं. यदि समय रहते पापड़ी तोक के ग्रामीणों का विस्थापन नहीं हुआ तो भविष्य में भारी जनहानि होने की सम्भावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.

गौर हो कि आसमान में बादल छाने से पापड़ी तोक के 18 परिवार का दिन का चैन, रातों की नींद हराम हो जाती है तथा रात्रि के समय मूसलाधार बारिश में पापड़ी तोक के 18 परिवार एक दूसरे को टार्च की रोशनी दिखाकर रात्रि गुजारने को विवश हैं. बता दें कि तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत दैड़ा के पापड़ी तोक के नीचले हिस्से में साल 1992 से भूधसाव शुरू हो गया था. भूधसाव होने का मुख्य कारण आकाश कामिनी नदी के किनारे तेज उफान के कारण भूमि कटाव माना जा रहा है.

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नदी किनारे भूमि कटाव होने के कारण कुण्ड-चोपता- गोपेश्वर मार्ग पर पापड़ी तोक के निचले हिस्से में लगातार खिसकता जा रहा है. जिससे पापड़ी तोक की जमीन भी धीरे-धीरे खिसकने से तोक के 18 परिवार जीवन व मौत के साये में दिन गुजारने को विवश है. विगत साल भी तोक के निचले में भूधसाव अधिक होने से कई मकानों में दरारें पड़ गयी थी तथा एक परिवार घर छोड़ने को विवश हो गया था. विगत दिनों मोटर मार्ग का अधिकांश हिस्सा खिसकने से पापड़ी तोक के सतेन्द्र सिंह, योगेन्द्र सिंह, प्रेम लाल, सन्दीप लाल, रूप लाल, दिनेश लाल, रमेश लाल, दिनेश लाल पुत्र श्याम लाल की मकानों में दरारें पड़ने से ग्रामीण खौफजदा हैं.

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जबकि कुलदीप सिंह और प्रदीप का मकान विगत साल क्षतिग्रस्त होने से वे एक साल पूर्व ही मकान छोड़ चुके हैं. प्रधान दैड़ा योगेन्द्र सिंह ने बताया कि पापड़ी तोक के 18 परिवारों पर कभी भी प्रकृति का कहर बरस सकता है. उन्होंने बताया कि तोक के 8 परिवारों की मकानों में लगातार दरारें पड़ती जा रही है तथा अन्य मकान कभी भी खतरे की जद में आ सकती हैं. उन्होंने बताया कि शासन-प्रशासन से विस्थापन के लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है. पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भट्ट ने भी पापड़ी तोक का भ्रमण कर प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया की शीघ्र पापड़ी तोक के 18 परिवारों के विस्थापन के लिए मुख्यमंत्री व आपदा मंत्री को ज्ञापन भेजकर विस्थापन की मांग की जायेगी. वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि शासन से विस्थापन को लेकर पत्राचार किया गया है.

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