ETV Bharat / state

महिलाओं ने अपनाया स्वरोजगार, आचार से बढ़ा रहीं है अपनी आय

थल तहसील के ससकेत गांव में बीपीएल महिलाएं आर्थिक रूप से त्मनिभर बन रही हैं. इन महलाओं का समूह पहाड़ी वनस्पति क्वैराल और तिमूल का अचार बनाकर बेच रही हैं.

author img

By

Published : Apr 24, 2019, 11:27 AM IST

महिलाओं ने ढूंढा स्वरोजगार.

बेरीनाग: थल तहसील के ससकेत गांव में बीपीएल महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं. इन महिलाओं का समूह पहाड़ी वनस्पति क्वैराल और तिमूल का अचार बनाकर बेच रही हैं. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हो रहा है.

महिलाओं ने ढूंढा स्वरोजगार.

बता दें कि पहाड़ में उगने वाली हर वनस्पति का प्रयोग किया जाता है. क्वैराल और तिमूल भी पहाड़ी क्षेत्र के वनस्पति हैं. इन दोनों का प्रयोग पेट से संबधी विभिन्न बीमारियों को दूर करने के प्रयोग किया जाता है. क्वैराल का प्रयोग रायता, सब्जी आदि में किया जाता है. जबकि तिमूल चटनी बनाने में काम आती है.

वहीं, महिला समूह की अध्यक्ष गंगा कार्की बताती है कि महिलाएं अचार बना रही हैं. जिसकी बाजार में बहुत अधिक ब्रिकी भी हो रही है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है और महिलाओं की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है. गंगा ने कहा कि अगर सरकार महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को प्रमुखता दे तो महिलाओं को घर पर ही रोजगार दिया जा सकता है.

बेरीनाग: थल तहसील के ससकेत गांव में बीपीएल महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं. इन महिलाओं का समूह पहाड़ी वनस्पति क्वैराल और तिमूल का अचार बनाकर बेच रही हैं. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हो रहा है.

महिलाओं ने ढूंढा स्वरोजगार.

बता दें कि पहाड़ में उगने वाली हर वनस्पति का प्रयोग किया जाता है. क्वैराल और तिमूल भी पहाड़ी क्षेत्र के वनस्पति हैं. इन दोनों का प्रयोग पेट से संबधी विभिन्न बीमारियों को दूर करने के प्रयोग किया जाता है. क्वैराल का प्रयोग रायता, सब्जी आदि में किया जाता है. जबकि तिमूल चटनी बनाने में काम आती है.

वहीं, महिला समूह की अध्यक्ष गंगा कार्की बताती है कि महिलाएं अचार बना रही हैं. जिसकी बाजार में बहुत अधिक ब्रिकी भी हो रही है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है और महिलाओं की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है. गंगा ने कहा कि अगर सरकार महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे उत्पादों को प्रमुखता दे तो महिलाओं को घर पर ही रोजगार दिया जा सकता है.

Intro:समूह के माध्यम महिलाय मजबूत Body:बेरीनाग।
महिलायें बनी आत्म निर्भर
एंकर-पहाड में उगनें वाली हर वनस्पति का प्रयोग होता है। क्वैराल तिमूल पहाड़ी क्षेत्र वनस्पति है इन दोनो का प्रयोग पेट से संबधी विभिन्न बिमारियों को दूर करने के प्रयोग में किया जाता है। क्वैराल का प्रयोग रायते,सब्जी आदि के प्रयोग में किया जाता है। तिमूल का चटनी बनाने के काम आती है।थल तहसील के ससखेम गांव में बीपीएल महिला समूह के द्वारा क्वैराल और तिमूल का नया प्रयोग कर इसका आचार बनाया जा रहा है।महिलाओं के द्वारा दो क्विंटल से अधिक आचार बनाकर स्वायŸा सहकारिता के माध्यम से बाजार में ब्रिकी हो रही है। महिलाओं के लिए उŸाराखंड विकेंद्रीकृत जलागम के माध्यम से विŸाीय सहयोग भी दिया जा रहा है। समूह के द्वारा आंवला,अदरक,लहसुन,अदरक,तिमूर धानिक तेजपता का नमक बनाया जा रहा है।महिला समूह की अध्यक्ष गंगा कार्की बताती है महिलाओं के द्वारा तैयार अचार और नमक बना रही है जिसकी बाजार में बहुत अधिक ब्रिकी भी हो रही है। इससे महिलायें आत्मनिर्भर हो रही है और महिलाओं की आर्थिक स्थिति अच्छी हो रही है। महिलाओं को घर पर ही रोजगार भी मिल रहा है। यदि सरकार के द्वारा महिलाओं के द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों को प्रमुखता दी तो अवश्य महिलाओं को घर मंें ही रोजगार मिलेगा और कही ना कही रोजगार के भटनके वाले लोगों को रोजगार भी मिलेगा।



बाइट - गंगा कार्की अध्यक्ष महिला समूह Conclusion:महिलाओं की आर्थिक स्थिति
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.