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ग्रामीणों ने सेना पर लगाया अतिक्रमण का आरोप, डीएम से लगाई गुहार

ग्रामीणों का कहना है कि सेना और प्रशासन की मिलीभगत से गाँव के गोचर और पनघट भी सेना को दे दिए गए है. जिसके लिए ग्रामीणों को विश्वास में नहीं लिया गया.

कांग्रेस की अगुवाई में ग्रामीणों डीएम कार्यालय पहुंचकर भूमि अधिग्रहण पर अपना विरोध जताया.
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Published : Aug 30, 2019, 11:11 PM IST

पिथौरागढ़: सिमलखेत गांव में सेना द्वारा किये गए भूमि अधिग्रहण का विरोध शुरू हो गया है. कांग्रेस की अगुवाई में ग्रामीणों डीएम कार्यालय पहुंचकर भूमि अधिग्रहण पर अपना विरोध जताया. ग्रामीणों का आरोप है कि सेना और प्रशासन की मिलीभगत से गांव के गोचर और पनघट भी सेना को दे दिए गए हैं.

कांग्रेस की अगुवाई में ग्रामीणों डीएम कार्यालय पहुंचकर भूमि अधिग्रहण पर अपना विरोध जताया.

ग्रामीणों ने कहा कि 1967 में गाँव की 34 हजार हेक्टेयर भूमि एमईएस को इस शर्त पर दी थी कि शेष 13 हेक्टेयर भूमि ग्रामीणों के गौचर, पनघट के लिए छोड़ दी जाए. मगर इस भूमि को वन आर्चर कम्पनी ने हड़प रही है. ग्रामीणों ने कहा कि एमईएस ने उनकी जमीन पर पिलर और बाउंड्री लगाकर अतिक्रमण कर दिया है.

यह भी पढ़ें-कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौटा 16वां दल, तीर्थयात्रियों में दिखा खासा उत्साह

वहीं, इस मामले में कांग्रेस नेता मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि अगर गांव की जमीनों से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो कांग्रेस उग्र आंदोलन को बाध्य होगी. उनकी मांग की जल्द से जल्द गांव की जमीन को अधिग्रहण से मुक्त किया जाए.

पिथौरागढ़: सिमलखेत गांव में सेना द्वारा किये गए भूमि अधिग्रहण का विरोध शुरू हो गया है. कांग्रेस की अगुवाई में ग्रामीणों डीएम कार्यालय पहुंचकर भूमि अधिग्रहण पर अपना विरोध जताया. ग्रामीणों का आरोप है कि सेना और प्रशासन की मिलीभगत से गांव के गोचर और पनघट भी सेना को दे दिए गए हैं.

कांग्रेस की अगुवाई में ग्रामीणों डीएम कार्यालय पहुंचकर भूमि अधिग्रहण पर अपना विरोध जताया.

ग्रामीणों ने कहा कि 1967 में गाँव की 34 हजार हेक्टेयर भूमि एमईएस को इस शर्त पर दी थी कि शेष 13 हेक्टेयर भूमि ग्रामीणों के गौचर, पनघट के लिए छोड़ दी जाए. मगर इस भूमि को वन आर्चर कम्पनी ने हड़प रही है. ग्रामीणों ने कहा कि एमईएस ने उनकी जमीन पर पिलर और बाउंड्री लगाकर अतिक्रमण कर दिया है.

यह भी पढ़ें-कैलाश मानसरोवर यात्रा से लौटा 16वां दल, तीर्थयात्रियों में दिखा खासा उत्साह

वहीं, इस मामले में कांग्रेस नेता मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि अगर गांव की जमीनों से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो कांग्रेस उग्र आंदोलन को बाध्य होगी. उनकी मांग की जल्द से जल्द गांव की जमीन को अधिग्रहण से मुक्त किया जाए.

Intro:पिथौरागढ़: सिमलखेत गाँव की जमीन को सेना द्वारा लिए जाने का विरोध शुरू होने लगा है। ग्रामीणों ने कांग्रेस की अगुवाई में डीएम कार्यालय पहुंचकर भूमि अधिग्रहण का विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि सेना और प्रशासन की मिलीभगत से गाँव के गोचर और पनघट भी सेना को दे दिए गए है। जिसके लिए ग्रामीणों को विश्वास में नही लिया गया।


Body:सिमलकोट के ग्रामीणों ने एमईएस पर गाँव की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए उसे हटाने की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि 1967 में गाँव की 34 हजार हेक्टेयर भूमि एमईएस को इस शर्त पर दी थी कि शेष 13 हेक्टेयर भूमि ग्रामीणों के गौचर, पनघट के लिए छोड़ दी जाए। मगर इस भूमि को वन आर्चर कम्पनी हड़प रही है। ग्रामीणों ने कहा कि एमईएस ने उनकी जमीन पर पिलर और बाउंड्री लगाकर अतिक्रमण कर दिया है। वहीं ग्रामीणों के साथ जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि अगर गाँव की जमीनों से अतिक्रमण नही हटाया गया तो कांग्रेस उग्र आंदोलन को बाध्य होगी।

Byte: मथुरा दत्त जोशी, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस


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