पिथौरागढ़: नंदादेवी में बर्फ में दबे विदेशी पर्वतारोहियों के शव निकालने के लिए आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल) और वायु सेना ने सयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. बुधवार सुबह पांच बजे चार आईटीबीपी के पर्वतारोही और पांच वायु सेना के जवान एएलएच (एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर) से मुनस्यारी के लिए रवाना हुए. रेस्क्यू टीम को नंदा देवी पर्वत के पास 18,000 से 20,000 फीट की ऊंचाई पर भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर से उतारा जाएगा. नंदादेवी बेस कैंप से हेलीकॉप्टर द्वारा आवश्यक सामग्री भी पहुंचाई जाएगी.
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जानकारी के मुताबिक जिस स्थान पर शवों की लोकेशन बताई गई है वह लगभग छह हजार मीटर की ऊंचाई पर है. यदि शव बर्फ में अधिक गहराई तक दबे होंगे तो उन्हें निकालने में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं. हालांकि आईटीबीपी ने बर्फ में दबे पर्वतारोहियों के शवों को निकालने के लिए कुछ विशेष उपकरण भी दिल्ली से मंगाए हैं. लापता पर्वतारोहियों के शवों को नंदा देवी चोटी से निकालने के बाद हेलीकॉप्टर से नैनीसैनी हवाई पट्टी लाया जाएग. हवाई पट्टी में ही मृतकों का पंचनामा भरने की कार्रवाई होगी. इसके बाद शवों को संरक्षित रखने के लिए सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी भेजा जाएगा. शवों के डीएनए सैंपल भी लिए जाएंगे. विदेशी पर्वतारोहियों के शवों को निकालने के बाद सुपुर्द करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से संबंधित देशों के दूतावासों को भी पत्र भेजा गया है.
बता दें कि पिथौरागढ़ के जिला मजिस्ट्रेट वीके जोगदंडे ने सोमवार को कहा था कि वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने नंदा देवी पूर्व से सटे एक अज्ञात चोटी के पास पांच पर्वतारोहियों की लाशें देखी हैं. उन्होंने कहा कि पर्वतारोही हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे. यह हादसा उस वक्त हुआ होगा जब पर्वतारोही नंदा देवी पूर्व चोटी पर चढ़ाई कर रहे थे. गौर हो कि 13 मई को मुनस्यारी से नंदादेवी ईस्ट में पर्वतारोहण के लिए गए 13 सदस्यीय दल में से आठ पर्वतारोही ब्रिटेन निवासी लीडर मार्टिन मोरिन, ब्रिटेन के ही पर्वतारोही जोन चार्लिस मैकलर्न, रिचर्ड प्याने, रूपर्ट वेवैल, अमेरिका के एंथोनी सुडेकम, रोनाल्ड बीमेल, आस्ट्रेलिया की महिला पर्वतारोही रूथ मैकन्स और इंडियन माउंटनेयरिंग फेडरेशन के जनसंपर्क अधिकारी चेतन पांडेय लापता हो गए थे.