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आर्थिक तंगी झेल रहे झूलाघाट के व्यापारी, सरकार से की आर्थिक पैकेज देने की मांग

पिथौरागढ़ स्थित नेपाल को जोड़ने वाला इंटरनेशनल पुल पिछले 6 महीने से बंद पड़ा हुआ है. जिससे अब कारोबारियों के सामने रोजी- रोटी का संकट गहराने लगा है. वहीं अब सरकार से मदद की आस को लेकर व्यापारियों ने अब झूलाघाट में अनशन शुरू कर दिया है.

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Published : Sep 30, 2020, 1:23 PM IST

pithoragarh
झूलाघाट के व्यापारियों ने सरकार से मांगी आर्थिक मदद.

पिथौरागढ़: लॉकडाउन के कारण नेपाल को जोड़ने वाला इंटरनेशनल पुल बीते 6 महीनों से बंद है. जिस कारण भारत नेपाल बॉर्डर में कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया है. जिसे लेकर लंबे समय से पुल खुलने की आस लगाए बैठे व्यापारियों ने अब झूलाघाट में अनशन शुरू कर दिया है. व्यापारियों का कहना है कि पुल बंद होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, लेकिन सरकार ने उन्हें कोई भी रियायत नहीं दी है.

झूलाघाट के व्यापारियों ने सरकार से मांगी आर्थिक मदद.

पढ़ें- निगरानी के बीच नेपाल की छात्रा के लिए खोला गया अंतरराष्ट्रीय झूलापुल, जानें वजह

गौरतलब है कि उत्तराखंड के बॉर्डर इलाकों में व्यापार एक-दूसरे देश पर निर्भर हैं. नेपाल सीमा बंद होने से आर्थिक तंगी झेल रहे झूलाघाट के व्यापारी क्रमिक का अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा. व्यापारियों ने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल आर्थिक पैकेज देने की मांग की है. व्यापारियों का कहना है कि लंबे समय से नेपाल सीमा बंद होने से उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है. घर और दुकान का किराया, बिजली और पानी के बिल तक जमा कर पाना मुश्किल हो चुका है.

यही नहीं आर्थिक मंदी के चलते कई व्यापारी अपनी दुकान बंद कर परिवार समेत गांव को वापस लौट चुके है. बता दें कि झूलाघाट बाजार पूरी तरह नेपाल के ग्राहकों पर निर्भर है. मार्च माह से नेपाल सीमा बंद है, जिससे भारतीय व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. पिछले 6 महीने से झूलाघाट बाजार पूरी तरह बंद है और व्यापारी परिवार अब दाने-दाने को मोहताज हो चुके है.

पिथौरागढ़: लॉकडाउन के कारण नेपाल को जोड़ने वाला इंटरनेशनल पुल बीते 6 महीनों से बंद है. जिस कारण भारत नेपाल बॉर्डर में कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया है. जिसे लेकर लंबे समय से पुल खुलने की आस लगाए बैठे व्यापारियों ने अब झूलाघाट में अनशन शुरू कर दिया है. व्यापारियों का कहना है कि पुल बंद होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है, लेकिन सरकार ने उन्हें कोई भी रियायत नहीं दी है.

झूलाघाट के व्यापारियों ने सरकार से मांगी आर्थिक मदद.

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गौरतलब है कि उत्तराखंड के बॉर्डर इलाकों में व्यापार एक-दूसरे देश पर निर्भर हैं. नेपाल सीमा बंद होने से आर्थिक तंगी झेल रहे झूलाघाट के व्यापारी क्रमिक का अनशन तीसरे दिन भी जारी रहा. व्यापारियों ने केंद्र और राज्य सरकार से तत्काल आर्थिक पैकेज देने की मांग की है. व्यापारियों का कहना है कि लंबे समय से नेपाल सीमा बंद होने से उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है. घर और दुकान का किराया, बिजली और पानी के बिल तक जमा कर पाना मुश्किल हो चुका है.

यही नहीं आर्थिक मंदी के चलते कई व्यापारी अपनी दुकान बंद कर परिवार समेत गांव को वापस लौट चुके है. बता दें कि झूलाघाट बाजार पूरी तरह नेपाल के ग्राहकों पर निर्भर है. मार्च माह से नेपाल सीमा बंद है, जिससे भारतीय व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है. पिछले 6 महीने से झूलाघाट बाजार पूरी तरह बंद है और व्यापारी परिवार अब दाने-दाने को मोहताज हो चुके है.

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