पिथौरागढ़: डीडीहाट को जिला बनाने की मांग तेज हो गई है. सामाजिक कार्यकर्ता लवी कफलिया और दान सिंह देऊपा आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. विभिन्न संगठनों के साथ ही सैकड़ों की तादाद में लोगों ने उनके समर्थन में धरना दिया. वहीं, तीन हजार स्कूली बच्चों ने भी जिले की मांग को लेकर देश के प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी को पोस्टकार्ड भेजा.
डीडीहाट के रामलीला मैदान में जिले की मांग को लेकर शुक्रवार से आमरण अनशन शुरू हो गया है. जिला बनाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर सामाजिक कार्यकर्ता लवी कफलिया और दान सिंह देऊपा आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. अनशनकारियों का कहना है कि पिछले चार दशक से डीडीहाट क्षेत्र की जनता जिले की मांग कर रही है, लेकिन जिले के नाम पर सिर्फ जनता को गुमराह किया जा रहा है. उनका कहना है कि जब तक डीडीहाट को जिला नहीं बनाया जाता तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा. जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.
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चार जिलों को बनाने की हो चुकी घोषणाः बता दें कि साल 1962 से ही पिथौरागढ़ से अलग डीडीहाट जिला बनाने की मांग उठती रही है. लगातार उठती मांग को देखते हुए यूपी में मुलायम सरकार ने जिले को लेकर दीक्षित आयोग बनाया था. इतना ही नहीं निशंक सरकार में 15 अगस्त 2011 को डीडीहाट समेत रानीखेत, यमुनोत्री और कोटद्वार को जिला बनाने की घोषणा की थी. चुनावी साल में हुई इस घोषणा का शासनादेश भी जारी कर दिया गया था, लेकिन गजट नोटिफिकेशन नहीं हुआ. जिसका नतीजा ये रहा कि जीओ जारी होने के 10 साल बाद भी चारों जिले अस्तित्व में नहीं आ पाए.