पिथौरागढ़: जिले के मुख्य सरकारी अस्पतालों के एकीकरण का विभिन्न सामाजिक संगठन विरोध कर रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य महकमे का कहना है कि नए नियम लागू होने से लोगों को एक छत के नीचे ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी. साथ ही जिला अस्पताल में डॉक्टर व अन्य स्टाफ के पदों में भी बढ़ोतरी होगी.
बता दें कि इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्ड के मानकों के तहत जिला महिला चिकित्सालय, टीबी हॉस्पिटल और पुलिस लाइन पीएचसी का जिला अस्पताल में विलय होना है. साथ ही सीएचसी बेरीनाग और पीएचसी थल को बंद किया जाना है. यही नहीं सरकार सीएचसी धारचूला का उच्चीकरण कर उसे उपजिला अस्पताल का दर्जा देने जा रही है.
जिले के सरकारी अस्पताल लंबे समय से चिकित्सकों और अन्य कर्मियों का टोटा झेल रहे हैं. ऐसे में सरकार की मंशा कुछ अस्पतालों को बंद करने की है. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को जो प्रस्ताव भेजा है उसके अनुसार जिले में अब सिर्फ एक जिला अस्पताल, एक उपजिला अस्पताल, 4 सीएचसी और 7 पीएचसी अस्पताल ही रहेंगे.
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उत्तराखंड राज्य बनने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विकेंद्रीकरण होगा और ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी.
मगर नए नियम लागू कर सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के केन्द्रीयकरण पर जोर दे रही है. जिसका खामियाजा सीमांत क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भुगतना पड़ेगा.