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पिथौरागढ़ में पहली बार गुलदार की दहशत से लगा नाइट कर्फ्यू, 80% इलाके में 36 गुलदार सक्रिय

पिथौरागढ़ में गुलदार की दहशत के चलते नाइट कर्फ्यू लगाया गया है. जिले के 80 फीसदी इलाके में 3 दर्जन से ज्यादा गुलदार सक्रिय हैं.

Pithoragarh
पिथौरागढ़
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Published : Sep 23, 2021, 7:31 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 8:09 PM IST

पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय और उससे सटे इलाकों में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात इतने बेकाबू हैं कि प्रशासन को गुलदार से निपटने के लिए नाइट कर्फ्यू का सहारा लेना पड़ रहा है. पिथौरागढ़ शहर के आस-पास तीन दर्जन से ज्यादा गुलदार सक्रिय हैं. जिन्होंने हजारों की आबादी का सुख-चैन छीन लिया है.

राज्य बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड में गुलदार की वजह से कर्फ्यू लगाना पड़ रहा है. गुलदार के खौफ के कारण इससे पहले 1978 में पौड़ी में अघोषित कर्फ्यू लगाया गया था. लेकिन ये पहली बार है जब घोषित तौर पर कर्फ्यू लगाया है. भयावह हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रशासन ने शाम 8 बजे से सुबह 6 बजे तक आधे शहर में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. जबकि पहले कर्फ्यू शाम 6 बजे से लगाने का फरमान जारी हुआ था.

पिथौरागढ़ में पहली बार गुलदार की दहशत से लगा नाइट कर्फ्यू

आधे शहर में कर्फ्यूः साल 2020 की तरह पिथौरागढ़ शहर में एक बार फिर गुलदार की दहशत कायम हो गई है. आधे से अधिक शहर में शाम ढलते ही जगह-जगह गुलदार नजर आ रहे हैं. कुछ ही दिन पहले बजेटी इलाके में गुलदार ने एक बच्ची को अपना निवाला बनाया था. पिथौरागढ़ के 80 फीसदी इलाके में गुलदार नजर आ रहे हैं. लेकिन फिलहाल जीआईसी रोड, बजेटी, पौंण, पपदेव, रई और चंडाक में कर्फ्यू लगाया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः किच्छाः गुलदार ने घर के बाहर बंधे कुत्ते को बनाया निवाला, दहशत में ग्रामीण

एक साल में गई 13 लोगों की जानः पिथौरागढ़ शहर के आस-पास 24 किलोमीटर के दायरे में 3 दर्जन से अधिक गुलदार सक्रिय बताए जा रहे हैं. बीते एक साल में गुलदारों के हमलों में 13 लोग जान गंवा चुके हैं. यही नहीं 6 आदमखोर गुलदारों को शिकारियों ने मौत के घाट भी उतारा है. जबकि 2 गुलदार पिंजरे में कैद हुए हैं.

पिथौरागढ़: जिला मुख्यालय और उससे सटे इलाकों में गुलदार का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालात इतने बेकाबू हैं कि प्रशासन को गुलदार से निपटने के लिए नाइट कर्फ्यू का सहारा लेना पड़ रहा है. पिथौरागढ़ शहर के आस-पास तीन दर्जन से ज्यादा गुलदार सक्रिय हैं. जिन्होंने हजारों की आबादी का सुख-चैन छीन लिया है.

राज्य बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड में गुलदार की वजह से कर्फ्यू लगाना पड़ रहा है. गुलदार के खौफ के कारण इससे पहले 1978 में पौड़ी में अघोषित कर्फ्यू लगाया गया था. लेकिन ये पहली बार है जब घोषित तौर पर कर्फ्यू लगाया है. भयावह हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रशासन ने शाम 8 बजे से सुबह 6 बजे तक आधे शहर में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. जबकि पहले कर्फ्यू शाम 6 बजे से लगाने का फरमान जारी हुआ था.

पिथौरागढ़ में पहली बार गुलदार की दहशत से लगा नाइट कर्फ्यू

आधे शहर में कर्फ्यूः साल 2020 की तरह पिथौरागढ़ शहर में एक बार फिर गुलदार की दहशत कायम हो गई है. आधे से अधिक शहर में शाम ढलते ही जगह-जगह गुलदार नजर आ रहे हैं. कुछ ही दिन पहले बजेटी इलाके में गुलदार ने एक बच्ची को अपना निवाला बनाया था. पिथौरागढ़ के 80 फीसदी इलाके में गुलदार नजर आ रहे हैं. लेकिन फिलहाल जीआईसी रोड, बजेटी, पौंण, पपदेव, रई और चंडाक में कर्फ्यू लगाया जा रहा है.

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एक साल में गई 13 लोगों की जानः पिथौरागढ़ शहर के आस-पास 24 किलोमीटर के दायरे में 3 दर्जन से अधिक गुलदार सक्रिय बताए जा रहे हैं. बीते एक साल में गुलदारों के हमलों में 13 लोग जान गंवा चुके हैं. यही नहीं 6 आदमखोर गुलदारों को शिकारियों ने मौत के घाट भी उतारा है. जबकि 2 गुलदार पिंजरे में कैद हुए हैं.

Last Updated : Sep 23, 2021, 8:09 PM IST
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