पिथौरागढ़: नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी भारत-नेपाल सीमा विवाद को लगातार तूल देने में जुटी हुई है. आलम ये है कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बॉर्डर इलाकों में जनसभाएं कर नेपालियों को भारत के खिलाफ भड़का रहे हैं. वहीं, सोमवार को नेपाल के दार्चुला में आयोजित रैली में कम्युनिस्ट पार्टी के सभापति गणेश खत्री ने भड़काऊ बयान देकर माहौल बिगाड़ने की पूरी कोशिश की. इस दौरान उन्होंने भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल में शामिल करने के लिए पूरे जिले की जनता से एक साथ खड़े रहने का आह्वान किया.
दरअसल, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी अपने राजनीतिक फायदे के लिए भारत-नेपाल सीमा पर माहौल गरमाने की कोशिश में जुटी हुई है. भारत का अभिन्न हिस्सा रहे कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को भारत से वापस लेने को लेकर नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा सभाएं की जा रही हैं. वहीं, सोमवार को नेपाल सरकार के संघीय मामलों और सामान्य प्रशासन मंत्री गणेश सिंह ठगुन्ना दार्चुला पहुंचे, जहां नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी ने सभा और रैली का आयोजन किया था. इस दौरान नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दार्चुला के सभापति गणेश खत्री ने भड़काऊ बयान देकर भारत नेपाल के सदियों पुराने रोटी-बेटी के रिश्तों में खटास डालने का काम किया.
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इसके अलावा नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दार्चुला के सभापति गणेश खत्री ने भी कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताते हुए, इन्हें नेपाल में शामिल करने के लिए जनता से लामबंद होने का आह्वान किया. गौरतलब है कि चीन सीमा से सटे लिपुलेख तक सड़क बनने के बाद से नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार लगातार सीमा विवाद को तूल दे रही है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी पश्चिमी नेपाल में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सीमा विवाद का शिगूफा छोड़ती आई है.