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भारत को आंख दिखा रहा नेपाल, काली नदी पर बन रहे तटबंध का किया विरोध, स्थानीय प्रशासन ने दिया कड़ा जवाब

नेपाल ने भारत पर एक बार फिर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है. मामला पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से जुड़ा है. यहां भारत अपनी सरजमीं पर काली नदी के किनारे तटबंधों का निर्माण कर रहा है. जिस पर नेपाल ने आपत्ति जताई है. हालांकि नेपाल के आपत्ति को पिथौरागढ़ जिले के प्रशासन ने सिरे से खारिज किया है.

dharchula
भारत काली नदी पर तटबंध बना रहा
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Published : Feb 17, 2022, 9:32 PM IST

पिथौरागढ़: भारतीय सरजमीं पर बनाए जा रहे तटबंधों पर नेपाल ने आपत्ति जताई है. नेपाल ने भारत पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है. नेपाल का आरोप है कि भारत उसकी जमीन पर तटबंध बना रहा है. वहीं भारतीय प्रशासन ने नेपाल के आरोपों को सिरे से नकारा है.

पिथौरागढ़ जिला प्रशासन का कहना है कि काली नदी से हो रहे भू-कटाव को रोकने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा नदी के किनारे तटबंध बनाने का कार्य चल रहा है, ऐसे में नेपाल की भूमि पर निर्माण का पूरी तरह निराधार है. बता दें कि मुख्यमंत्री घोषणा के तहत घटखोला से दुबपानी में 77 लाख रुपये की लागत से तटबंध का निर्माण किया जा रहा है. अब नेपाल ने भारत पर आरोप लगाए हैं कि भारत, नेपाल की जमीन पर कब्जा कर तटबंध का निर्माण कर रहा है.

पढ़ें- पत्नी ने नशे में धुत पति का ब्लेड से काटा गुप्तांग, बेटी ने पुलिस को बताई पूरी सच्चाई

गौरतलब है कि 2013 में आई आपदा ने भारत-नेपाल को बांटने वाली काली नदी ने धारचूला में जबरदस्त तबाही मचाई थी. तब तटबंध नहीं होने से नदी ने अपना रुख भारत की तरफ किया था, जिसे देखते हुए भारत अब अपने भू-भाग को सुरक्षित करने के लिए तटबंध बना रहा है. वहीं हाल ही में नेपाल के दार्चुला के जिलाधिकारी ने नेपाल मीडिया में दिए बयान में कहा है कि नेपाल के दार्चुला खलंगा में भारत, नेपाल के भू-भाग पर कब्जा कर तटबंध बना रहा है.

इधर, भारतीय प्रशासन ने नेपाल के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने कहा कि काली नदी के बहाव को रोकने के लिए भारतीय सरजमीं पर तटबंध का निर्माण किया जा रहा है. ऐसे में नेपाल की भूमि पर निर्माण के आरोप पूरी तरह से गलत है.

पिथौरागढ़: भारतीय सरजमीं पर बनाए जा रहे तटबंधों पर नेपाल ने आपत्ति जताई है. नेपाल ने भारत पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है. नेपाल का आरोप है कि भारत उसकी जमीन पर तटबंध बना रहा है. वहीं भारतीय प्रशासन ने नेपाल के आरोपों को सिरे से नकारा है.

पिथौरागढ़ जिला प्रशासन का कहना है कि काली नदी से हो रहे भू-कटाव को रोकने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा नदी के किनारे तटबंध बनाने का कार्य चल रहा है, ऐसे में नेपाल की भूमि पर निर्माण का पूरी तरह निराधार है. बता दें कि मुख्यमंत्री घोषणा के तहत घटखोला से दुबपानी में 77 लाख रुपये की लागत से तटबंध का निर्माण किया जा रहा है. अब नेपाल ने भारत पर आरोप लगाए हैं कि भारत, नेपाल की जमीन पर कब्जा कर तटबंध का निर्माण कर रहा है.

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गौरतलब है कि 2013 में आई आपदा ने भारत-नेपाल को बांटने वाली काली नदी ने धारचूला में जबरदस्त तबाही मचाई थी. तब तटबंध नहीं होने से नदी ने अपना रुख भारत की तरफ किया था, जिसे देखते हुए भारत अब अपने भू-भाग को सुरक्षित करने के लिए तटबंध बना रहा है. वहीं हाल ही में नेपाल के दार्चुला के जिलाधिकारी ने नेपाल मीडिया में दिए बयान में कहा है कि नेपाल के दार्चुला खलंगा में भारत, नेपाल के भू-भाग पर कब्जा कर तटबंध बना रहा है.

इधर, भारतीय प्रशासन ने नेपाल के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने कहा कि काली नदी के बहाव को रोकने के लिए भारतीय सरजमीं पर तटबंध का निर्माण किया जा रहा है. ऐसे में नेपाल की भूमि पर निर्माण के आरोप पूरी तरह से गलत है.

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