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मंत्रिमंडल विस्तार: लेटलतीफी पर कांग्रेस का निशाना, अंदरूनी कलह को बताया वजह

त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में 2 पद पहले से ही खाली चल रहे थे. वहीं, कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद मंत्रीमंडल के तीन पद खाली चल रहे हैं. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कांग्रेस हमलावर है.

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मथुरा दत्त जोशी
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Published : Jan 17, 2020, 11:32 AM IST

Updated : Jan 17, 2020, 2:36 PM IST

पिथौरागढ़: उत्तराखंड मंत्रिमंडल के पदों को भरने में हो रही लेटलतीफी पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि बीजेपी अंदरूनी कलह की वजह से अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाई है. बीजेपी में भीतरी और बाहरी नेताओं की जो आंतरिक लड़ाई है, उसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

मंत्रिमंडल विस्तार पर बोलते कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी.

बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में 2 पद पहले से ही खाली चल रहे थे. वहीं, कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद मंत्रीमंडल के तीन पद खाली चल रहे हैं. उत्तराखंड विधानसभा के 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी अकेले 70 में से 57 सीटें हासिल करने में कामयाब रही थी.

ये भी पढ़ेंः सरकारी स्कूलों में प्रवेश को लेकर रिपोर्ट खराब, ASIR सर्वे में निजी स्कूलों को प्राथमिकता

इतने भारी भरकम बहुमत के बावजूद त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में केवल 10 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने ही शपथ ली थी. उत्तराखंड में मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 सदस्यीय हो सकता है, लेकिन दो स्थान रिक्त ही रखे गए. बीते साल जून में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का असामयिक निधन हो गया था. जिस कारण एक स्थान और रिक्त हो गया.

ये भी पढ़ेंः पूर्व कांग्रेस सांसद ने सीएए के समर्थन पर मांगी माफी, कहा- मेरे साथ धोखा हुआ है

प्रकाश पंत कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य थे और उनके पास वित्त, संसदीय कार्य, पेयजल, गन्ना विकास और आबकारी जैसे अहम महकमे थे. उनके निधन के बाद ये सभी मंत्रालय मुख्यमंत्री के अधीन आ गए. पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के 8 महीने बाद भी मंत्रिमंडल के पद नहीं भरे जाने पर कांग्रेस को सरकार पर हमलावर होने का मौका मिला है.

पिथौरागढ़: उत्तराखंड मंत्रिमंडल के पदों को भरने में हो रही लेटलतीफी पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि बीजेपी अंदरूनी कलह की वजह से अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाई है. बीजेपी में भीतरी और बाहरी नेताओं की जो आंतरिक लड़ाई है, उसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.

मंत्रिमंडल विस्तार पर बोलते कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी.

बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में 2 पद पहले से ही खाली चल रहे थे. वहीं, कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद मंत्रीमंडल के तीन पद खाली चल रहे हैं. उत्तराखंड विधानसभा के 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी अकेले 70 में से 57 सीटें हासिल करने में कामयाब रही थी.

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इतने भारी भरकम बहुमत के बावजूद त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में केवल 10 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने ही शपथ ली थी. उत्तराखंड में मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 सदस्यीय हो सकता है, लेकिन दो स्थान रिक्त ही रखे गए. बीते साल जून में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का असामयिक निधन हो गया था. जिस कारण एक स्थान और रिक्त हो गया.

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प्रकाश पंत कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य थे और उनके पास वित्त, संसदीय कार्य, पेयजल, गन्ना विकास और आबकारी जैसे अहम महकमे थे. उनके निधन के बाद ये सभी मंत्रालय मुख्यमंत्री के अधीन आ गए. पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के 8 महीने बाद भी मंत्रिमंडल के पद नहीं भरे जाने पर कांग्रेस को सरकार पर हमलावर होने का मौका मिला है.

Intro:पिथौरागढ़: उत्तराखंड मंत्रिमंडल के पदों को भरने में हो रही लेटलतीफी पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस के पूर्व मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि भाजपा अंदरूनी कलह की वजह से अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नही कर पाई है। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा में भीतरी और बाहरी नेताओं की जो आंतरिक लड़ाई है उसका खामियाजा राज्य की जनता को भुगतना पड़ रहा है। आपको बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में 2 पद पूर्व से ही खाली चल रहे थे। वहीं कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद मंत्रीमंडल के तीन पद रिक्त चल रहे है।

Body:उत्तराखंड विधानसभा के 2017 में हुए चुनाव में भाजपा अकेले 70 में से 57 सीटें हासिल करने में कामयाब रही थी। इतने भारी भरकम बहुमत के बावजूद त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में केवल 10 सदस्यीय मंत्रिमंडल ने ही शपथ ली थी। उत्तराखंड में मंत्रिमंडल का आकार अधिकतम 12 सदस्यीय हो सकता है लेकिन दो स्थान रिक्त ही रखे गए। पिछले साल जून में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का असामयिक निधन हो गया। जिस कारण एक स्थान और रिक्त हो गया। प्रकाश पंत कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य थे और उनके पास वित्त, संसदीय कार्य, पेयजल, गन्ना विकास और आबकारी जैसे अहम महकमे थे। उनके निधन के बाद ये सभी मंत्रालय मुख्यमंत्री के अधीन आ गए। पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के 8 महीने बाद भी मंत्रिमंडल के पद नही भरे जाने पर कांग्रेस को सरकार पर हमलावर होने का मौका मिला है।Conclusion:
Last Updated : Jan 17, 2020, 2:36 PM IST
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