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कुमाऊं कमिश्नर ने उच्च हिमालयी इलाकों में 3 महीने का राशन पहुंचाने के दिये निर्देश

बर्फबारी के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बसे कई गांवों को संपर्क जिला और तहसील मुख्यालय से कट जाता है. ऐसे में यहां पर लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

पिथौरागढ़
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Published : Dec 5, 2020, 6:20 PM IST

पिथौरागढ़: कुमाऊं कमिश्नर एएस ह्यांकी ने पिथौरागढ़ के ऊंचे इलाकों में समय से राशन नही पहुंचाने पर नाराजगी जताई है. जिले के दौरे पर आए कुमाऊं कमिश्नर ने इस बारे में खाद्य विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. साथ ही उन्होनें कहा की उच्च हिमालयी इलाकों में कई गांवों के ग्रामीण जाड़ों में माइग्रेशन करते हैं, जबकि कुछ लोग गांवों में भी रहते हैं. जिन्हें समय से राशन दिया जाना जरूरी है.

पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में समय से खाद्यान नहीं पहुंचने पर कुमाऊं कमिश्नर ने अधिकारियों को फटकार लगाई है. कुमाऊं कमिश्नर अरविंद ह्यांकी ने सर्दियों में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में तीन महीने का खाद्यान्न भेजने के निर्देश दिए.

पढ़ें- कड़कड़ाती ठंड में धधक रहे पिथौरागढ़ के जंगल, वन विभाग ने चरवाहों को बताया जिम्मेदार

कुमाऊं कमिश्नर का कहना है कि बर्फबारी के बाद ऊंचाई वाले इलाकों के कई गांवों का संपर्क देश-दुनिया से कट जाता है. ऐसे में उनको खाद्यान्न के संकट से न गुजरना पड़े इसके लिए वहां पहले ही 3 महीने का राशन पहुंचा दिया जाये. बता दें कि उच्च हिमालयी इलाकों में रहने वाले लोग बर्फबारी के दौरान निचले इलाकों का रुख करते है. मगर कई ग्रामीण ऐसे भी है जो इस दौरान ऊंचाई वाले इलाकों में ही रहते है. बर्फबारी के दौरान मार्ग बंद होने से इन इलाकों में खाद्यान्न संकट मंडराने लगता है.

पिथौरागढ़: कुमाऊं कमिश्नर एएस ह्यांकी ने पिथौरागढ़ के ऊंचे इलाकों में समय से राशन नही पहुंचाने पर नाराजगी जताई है. जिले के दौरे पर आए कुमाऊं कमिश्नर ने इस बारे में खाद्य विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई. साथ ही उन्होनें कहा की उच्च हिमालयी इलाकों में कई गांवों के ग्रामीण जाड़ों में माइग्रेशन करते हैं, जबकि कुछ लोग गांवों में भी रहते हैं. जिन्हें समय से राशन दिया जाना जरूरी है.

पिथौरागढ़ जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में समय से खाद्यान नहीं पहुंचने पर कुमाऊं कमिश्नर ने अधिकारियों को फटकार लगाई है. कुमाऊं कमिश्नर अरविंद ह्यांकी ने सर्दियों में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में तीन महीने का खाद्यान्न भेजने के निर्देश दिए.

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कुमाऊं कमिश्नर का कहना है कि बर्फबारी के बाद ऊंचाई वाले इलाकों के कई गांवों का संपर्क देश-दुनिया से कट जाता है. ऐसे में उनको खाद्यान्न के संकट से न गुजरना पड़े इसके लिए वहां पहले ही 3 महीने का राशन पहुंचा दिया जाये. बता दें कि उच्च हिमालयी इलाकों में रहने वाले लोग बर्फबारी के दौरान निचले इलाकों का रुख करते है. मगर कई ग्रामीण ऐसे भी है जो इस दौरान ऊंचाई वाले इलाकों में ही रहते है. बर्फबारी के दौरान मार्ग बंद होने से इन इलाकों में खाद्यान्न संकट मंडराने लगता है.

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