रुद्रप्रयाग: जल संस्थान द्वारा नगर क्षेत्र में जलापूर्ति वाली एकमात्र पुनाड गदेरा पेयजल योजना के तहत शुद्ध जलापूर्ति के लिए 5.12 एमएलडी क्षमता वाले फिल्टर का डिजायन तैयार कर रहा है. दरअसल, बारिश के मौसम में पुनाड गदेरे में दूषित पानी बहने लगता है. जिससे लोगों के नलों में कीड़े, मकोड़े आने के साथ कभी-कभार सांप भी आने लगते हैं. जिस कारण लोगों में बीमारी की आशंका बनी रहती है.
उपभोक्ताओं की परेशानियों को देखते हुए जल संस्थान विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. आने वाले कुछ समय में नगर क्षेत्र के लोगों को दूषित पानी की सप्लाई से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी. इसके लिए जल संस्थान द्वारा नगर के लिए जलापूर्ति कर रही पुनाड़ गदेरा पेयजल और फिल्टर प्लांट को वर्ष 2050 तक बढ़ती आबादी के हिसाब से डिजायन तैयार किया जा रहा है. इसके तहत पांच किमी से लंबी पेयजल पाइप लाइन को भौगोलिक व वैज्ञानिक तकनीक से बेहतर किया जाएगा.
वहीं, पेयजल योजना के स्रोत पर 5.12 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता वाला फिल्टर लगाया जाएगा. उच्च क्षमता वाले फिल्टर से सात किमी क्षेत्र में फैले नगर की बीस हजार आबादी को प्रतिदिन 51 लाख 23 हजार 250 लीटर शुद्ध पेयजल सप्लाई होगा. उत्तराखंड पेयजल निगम द्वारा इस फिल्टर का निर्माण किया जाएगा. जिस पर सात करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. साथ ही चिन्हित स्थानों पर पांच लाख लीटर क्षमता वाले फिल्टर युक्त स्टोर टैंकों का निर्माण किया जाएगा. जिससे विषम परिस्थितियों में भी नगर में नियमित जलापूर्ति होती रहेगी.
ये भी पढ़ें : भूस्खलन के चलते कई जगहों पर बाधित हुआ केदारनाथ हाई-वे, बढ़ी परेशानियां
जल संस्थान के ईई संजय सिंह ने बताया कि पुनाड पेयजल योजना के पुनर्गठन के पहले फेज की स्वीकृति मिल चुकी है. साथ ही शुद्ध जलापूर्ति के लिए आगामी 30 सालों तक सप्लाई को ध्यान में रखकर फिल्टर का डिजायन तैयार किया जा रहा है. सब कुछ ठीक रहा तो अगले दो सालों में नगर में पर्याप्त व शुद्ध जलापूर्ति होने लगेगी.