पिथौरागढ़: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर भारत-नेपाल को जोड़ने वाले सभी झूलापुलों को बंद किया गया है. इस कारण लोगों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ रही है. झूलाघाट पुल बंद होने से जहां कई बीमार और बुजुर्ग भारतीय इलाकों में फंसे हुए हैं तो वहीं नेपाल जाने वाली बारात भी पुल बंद होने की वजह से करीब पांच घंटे फंसी रही. जिला प्रशासन के संज्ञान में मामला आने के बाद कुछ समय के लिए पुल खोला गया, जिसके बाद बारात समेत अन्य लोग नेपाल के लिए रवाना हुए.
उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होना है. मतदान के 76 घंटे पहले ही प्रशासन ने भारत-नेपाल के सभी मोटरपुल और झूलापुल को बंद करने के निर्देश दिए थे. इसी कड़ी में प्रशासन ने भारत-नेपाल सीमा पुल को 11 फरवरी से बंद करने के निर्देश जारी किए थे. लोगों को इसकी सूचना देर से मिलने के कारण शुक्रवार को खरक्यूड़ा निवासी जगदीश सिंह की बारात बॉर्डर पर फंस गई, ये बारात बैतड़ी के बसाली जा रही थी.
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वहीं, दूसरी तरफ बागेश्वर से बझांग जाने वाले एक मरीज और दो बुजुर्गों समेत दर्जनों लोग भी वहां फंसे रहे. मामला संज्ञान में आने पर डीएम के निर्देश पर पुल कुछ समय के लिए खोला गया. इस दौरान पुल पर फंसी बारात समेत अन्य लोग नेपाल गए. उधर से भी कुछ लोग भारत की तरफ आए. शुक्रवार रात 7:56 बजे दुल्हन निशा कार्की को लेकर बारात लौटी. इस बारात में जाते समय 10 और आते समय 14 लोग शामिल थे. जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि लोगों को पुल बंद होने की जानकारी नहीं मिली थी, जिस कारण बारात और अन्य लोग सीमा पर ही फंस गए थे. ऐसे में कुछ समय के लिए पुल खोलकर फंसे लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया.