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कोरोना से 'जंग': हरेला सोसायटी ने तैयार किया पर्पल क्यूब, कोरोना वायरस को खत्म करने का किया दावा

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Published : Apr 8, 2020, 12:43 PM IST

Updated : Apr 8, 2020, 2:20 PM IST

कोरोना संक्रमण को खत्म करने में वैज्ञानिक, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी से लेकर आम लोग भी नए-नए प्रयोग कर रहे हैं. पिथौरागढ़ में हरेला सोसायटी ने एक पर्पल क्यूब तैयार किया है. दावा है कि ये क्यूब कोरोना वायरस को खत्म कर देगा.

PITHORAGARH
हरेला सोसायटी ने तैयार किया पर्पल क्यूब

पिथौरागढ़: कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए कई लोग रोज नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं. पिथौरागढ़ में हरेला सोसायटी ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एक पर्पल क्यूब तैयार किया है. इसके उपयोग से किसी भी चीज को आसानी से सैनिटाइज किया जा सकता है. पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली हरेला सोसायटी ने पराबैगनी किरणों के जरिये सैनिटाइज का तरीका ईजाद किया है.

दरअसल, यह पराबैगनी किरणों के आधार पर काम करता है. सौर विकिरण के स्पेक्ट्रम का एक भाग यूवी कहलाता है. इस यूवी के सी टाइप के संपर्क में जब कोई बैक्टीरिया या वायरस आता है तो वो पूरी तरह नष्ट हो जाता है. हरेला सोसाइटी के संयोजक मनू डफाली का दावा है कि कोरोना वायरस भी इसके संपर्क में आने पर पूरी तरह खत्म हो जाएगा. बिजली से चलने वाले इस पर्पल क्यूब की मदद से हॉस्पिटल के साथ ही मास्क, ग्लब्स और पीपीई किट को सैनीटाइज कर फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है.

हरेला सोसायटी ने तैयार किया कोरोना किलर पर्पल क्यूब.

ये भी पढ़े: रुड़की में कोरोना पॉजिटिव मिलने से मचा हड़कंप, मेरठ की जमात से लौटा था संक्रमित

लॉकडाउन के दौरान पर्पल क्यूब को बनाने के लिए जरूरी सामान मिलना काफी कठिन था. ऐसे में हरेला सोसायटी ने पुरानी आरओ मशीन और यूवी ट्यूब की मदद से इसे तैयार किया है. चीन और यूरोप के कई मुल्क सैनिटाइजेशन के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि भारत में फिलहाल इसका उपयोग नहीं हो रहा है. जिस तेजी से देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में जरूरी मेडिकल सामानों की भी किल्लत हो रही है. जिसे देखते हुए ये तकनीक काफी कारगर साबित हो सकती है.

पिथौरागढ़: कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए कई लोग रोज नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं. पिथौरागढ़ में हरेला सोसायटी ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एक पर्पल क्यूब तैयार किया है. इसके उपयोग से किसी भी चीज को आसानी से सैनिटाइज किया जा सकता है. पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली हरेला सोसायटी ने पराबैगनी किरणों के जरिये सैनिटाइज का तरीका ईजाद किया है.

दरअसल, यह पराबैगनी किरणों के आधार पर काम करता है. सौर विकिरण के स्पेक्ट्रम का एक भाग यूवी कहलाता है. इस यूवी के सी टाइप के संपर्क में जब कोई बैक्टीरिया या वायरस आता है तो वो पूरी तरह नष्ट हो जाता है. हरेला सोसाइटी के संयोजक मनू डफाली का दावा है कि कोरोना वायरस भी इसके संपर्क में आने पर पूरी तरह खत्म हो जाएगा. बिजली से चलने वाले इस पर्पल क्यूब की मदद से हॉस्पिटल के साथ ही मास्क, ग्लब्स और पीपीई किट को सैनीटाइज कर फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है.

हरेला सोसायटी ने तैयार किया कोरोना किलर पर्पल क्यूब.

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लॉकडाउन के दौरान पर्पल क्यूब को बनाने के लिए जरूरी सामान मिलना काफी कठिन था. ऐसे में हरेला सोसायटी ने पुरानी आरओ मशीन और यूवी ट्यूब की मदद से इसे तैयार किया है. चीन और यूरोप के कई मुल्क सैनिटाइजेशन के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि भारत में फिलहाल इसका उपयोग नहीं हो रहा है. जिस तेजी से देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में जरूरी मेडिकल सामानों की भी किल्लत हो रही है. जिसे देखते हुए ये तकनीक काफी कारगर साबित हो सकती है.

Last Updated : Apr 8, 2020, 2:20 PM IST
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