पिथौरागढ़: जिले में लगातार वायरल बुखार के साथ ही अब पीलिया की बीमारी भी फैलनी शुरू हो गयी है. पिथौरागढ़ में पीलिया के कारण 11वीं की एक छात्रा को अपनी जान गंवानी पड़ी है. बरेली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा ने दम तोड़ दिया. पीलिया से मौत की यह पहली घटना नहीं है. इससे पूर्व भी सीमांत के दो और लोग मैदानी क्षेत्रों के अस्पताल में अपनी जान गंवा चुके हैं.
पीलिया से हुई छात्रा की मौत: जिला मुख्यालय के कुमौड़ क्षेत्र में रहने वाली सारिका महर (17) पुत्री प्रदीप सिंह महर की एकाएक तबीयत और बिगड़ गई थी. सारिका को परिजन डॉक्टर को दिखाने ले गए. जांच में पता चला कि बच्ची को पीलिया हुआ है. सोमवार को परिजन सारिका को इलाज के लिए हल्द्वानी के अस्पताल लेकर पहुंचे. वहां इलाज के बाद वे उसे जिला मुख्यालय लेकर आए. फिर तबीयत बिगड़ने पर बरेली लेकर गये. बरेली में उपचार के दौरान सारिका की मौत हो गई.
सारिका नगर के एक निजी विद्यालय में अध्ययनरत थी. होनहार छात्रा की एकाएक मौत से विद्यालय में शोक की लहर है. शहर में पिछले कुछ दिनों से पीलिया और टाइफाइड के मामले काफी बढ़ गए हैं. इधर टाइफाइड और पीलिया को लेकर डीएम रीना जोशी के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए हैं.
दूषित पेयजल बन रहा पीलिया का कारण: पिथौरागढ़ में दूषित पेयजल पीलिया का कारण बन रहा है. शहर में घाट पेयजल योजना से पानी की सप्लाई की जाती है. घाट पेयजल योजना सरयू, रामगंगा नदी के संगम पर है. इस पेयजल योजना को शुरू हुए 7 साल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि नदी का पानी पीने लायक नहीं है. उस समय भी लोगों ने संबंधित विभागों को दूषित पानी के बारे में बताया था. जल संस्थान ने इसके बावजूद इस पानी को पेयजल के रूप में योजना का रूप दिया.
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जानलेवा बना पीलिया: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में पीलिया अब जानलेवा बन गया है. तीन माह के भीतर पीलिया से यह तीसरी मौत है. बीते दिसंबर माह के दौरान एक 12 साल के बच्चे की हल्द्वानी में मौत हो गई थी. इस घटना के कुछ दिन बाद एक महिला ने भी हल्द्वानी एसटीएच में दम तोड़ा था. अभी भी पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में 30 से ज्यादा लोग पीलिया से पीड़ित होकर भर्ती हैं.