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गंगोलीहाट विधायक की देवरानी को नहीं मिला पाया समय से इलाज, नवजात की मौत

गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला की देवरानी दीपा गंगोला को बृहस्पतिवार सुबह प्रसव पीड़ा होने के बाद सीएचसी बेरीनाग में भर्ती कराया गया. समय पर प्रसव न होने और नवजात के पेट में पानी चले जाने से नवजात की मौत हो गयी.

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Published : Oct 5, 2019, 11:55 AM IST

पिथौरागढ़: सीमांत जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. जहां स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल सूरत लोगों की जान पर भारी पड़ती है. ताजा घटना गंगोलीहाट विधानसभा से विधायक मीना गंगोला के परिवार से है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की चलते विधायक मीना गंगोला की नवजात भतीजी की मौत हो गयी है.

गौर हो कि गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला की देवरानी दीपा गंगोला को बृहस्पतिवार सुबह प्रसव पीड़ा होने के बाद सीएचसी बेरीनाग में भर्ती कराया गया. लेकिन डिलीवरी क्रिटिकल होने के कारण उन्हें शाम पांच बजे हायर सेंटर रेफर किया गया.

108 एंबुलेंस से अल्मोड़ा ले जाते समय महिला ने बाड़ेछीना के पास नवजात को जन्म दिया. समय पर प्रसव न होने और नवजात के पेट में पानी चले जाने से नवजात की मौत हो गयी. जिसके बाद दीपा गंगोला को अल्मोड़ा के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया.

पढ़ें- देहरादून: गरीबों को भोजन मुहैया कराने की अनूठी पहल, यहां फ्री में मिलता है खाना

गौर हो कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बहुत बुरा है. जहां हॉस्पिटल तो खोल दिए गए लेकिन कुशल डॉक्टरों की तैनाता नहीं हो पाती है. जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता. वहीं आपात स्थिति में मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है.

वहीं अधिकांश अस्पताल महज रेफर सेंटर बनकर रह गये है. जिससे लोगों को इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है. ताजा घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब जनप्रतिनिधियों के परिवार को ही चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही तो जनता का क्या हाल होगा.

पिथौरागढ़: सीमांत जिला मुख्यालय में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल किसी से छुपा नहीं है. जहां स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल सूरत लोगों की जान पर भारी पड़ती है. ताजा घटना गंगोलीहाट विधानसभा से विधायक मीना गंगोला के परिवार से है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की चलते विधायक मीना गंगोला की नवजात भतीजी की मौत हो गयी है.

गौर हो कि गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला की देवरानी दीपा गंगोला को बृहस्पतिवार सुबह प्रसव पीड़ा होने के बाद सीएचसी बेरीनाग में भर्ती कराया गया. लेकिन डिलीवरी क्रिटिकल होने के कारण उन्हें शाम पांच बजे हायर सेंटर रेफर किया गया.

108 एंबुलेंस से अल्मोड़ा ले जाते समय महिला ने बाड़ेछीना के पास नवजात को जन्म दिया. समय पर प्रसव न होने और नवजात के पेट में पानी चले जाने से नवजात की मौत हो गयी. जिसके बाद दीपा गंगोला को अल्मोड़ा के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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गौर हो कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बहुत बुरा है. जहां हॉस्पिटल तो खोल दिए गए लेकिन कुशल डॉक्टरों की तैनाता नहीं हो पाती है. जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल पाता. वहीं आपात स्थिति में मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है.

वहीं अधिकांश अस्पताल महज रेफर सेंटर बनकर रह गये है. जिससे लोगों को इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है. ताजा घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब जनप्रतिनिधियों के परिवार को ही चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही तो जनता का क्या हाल होगा.

Intro:पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की चलते विधायक मीना गंगोला की नवजात भतीजी की मौत हो गयी है। गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला की देवरानी दीपा गंगोला को ब्रह्स्पतिवार सुबह प्रसव पीड़ा होने के बाद सीएचसी बेरीनाग में भर्ती कराया गया। मगर डिलीवरी क्रिटिकल होने के कारण उन्हे शाम पांच बजे हायर सेंटर रैफर कर दिया। 108 एंबुलेंस से अल्मोड़ा ले जाते समय महिला ने बाडेछीना के पास नवजात को जन्म दिया। समय पर प्रसव ना होने और नवजात बच्ची के पेट में पानी चले जाने की वजह से उसकी मौत हो गयी।

Body:सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छुपी नही है। जिले के अधिकांश अस्पताल महज रैफर सेंटर बनकर रह गये है। जिसका खामियाजा गंगोलीहाट की विधायक मीना गंगोला की देवरानी दीपा गंगोला को भुगतना पड़ा। प्रसव पीड़ा होने पर विधायक की देवरानी को ब्रह्स्पतिवार सुबह बेरीनाग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भर्ती कराया गया था। दिन भर इंतजार के बाद प्रसव नहीं होने और मामला बिगड़ता देख सीएचसी में तैनात डॉक्टरों ने विधायक की देवरानी को हायर सेंटर रेफर कर दिया। 108 एंबुलेंस से अल्मोड़ा ले जाते समय रास्ते में प्रसव हो गया। प्रसव में देरी होने के कारण नवजात के मुंह में पानी चला गया था। बच्ची की हालत ठीक नही होने पर उसे सेक्शन देकर ऑक्सीजन दिया गया। लेकिन नवजात की कुछ समय बाद ही मौत हो गयी। इसके बाद दीपा को अल्मोड़ा के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। Conclusion:
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