पिथौरागढ़: टनकपुर से पिथौरागढ़ 150 किलोमीटर की ऑलवेदर रोड में दर्जनों ऐसे डेंजर पॉइंट्स हैं, जो आए दिन यात्रियों की रफ्तार में रोड़ा बन रहे हैं. लगातार पहाड़ी के दरकने से खतरा भी बढ़ गया है. एनएचए ने डेंजर जोन के ट्रीटमेंट के लिए प्रस्ताव केन्द्र को भेजा है. लेकिन लंबा वक्त गुजरने पर भी कोई पहल होती नहीं दिखाई दे रही है.
टनकपुर से पिथौरागढ़ तक चमचमाती ऑलवेदर रोड में सफर करना किसी रोमांच से कम नहीं है. मगर ये रोमांच तब फीका पड़ जाता है, जब पहाड़ियां दरकने लगती हैं. बाराकोट से पिथौरागढ़ तक दर्जन भर ऐसे डेंजर जोन तैयार हो गए हैं. जहां अक्सर पहाड़ी दरक रही हैं, साथ ही घंटों हाइवे बंद होने से यात्रियों की फजीहत भी हो रही है. वहीं, हाईवे बंद होने के कारण व्यापारियों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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व्यापारियों का सौ फीसदी माल इसी हाईवे से आता है. लेकिन पहाड़ी दरकने के बाद कई दिनों तक ट्रक हाईवे में ही फंसे रह जाते हैं. साल भर के भीतर ये हाइवे 60 दिन बंद रहा है. ऐसे हालात में उन यात्रियों को सबसे ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ी जो घटना के दौरान सफर पर थे.