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कोकिला देवी मंदिर में CM धामी की तरफ से चढ़ाया 8 किलो का घंटा, कहलाती हैं न्याय की देवी

सीएम पुष्कर सिंह धामी की ओर से कोटगाड़ी मंदिर में 8 किलो का घंटा चढ़ाया गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो फैसला कोर्ट में भी नहीं हो पाता, वह माता के दरबार में बिना दलील-वकील के हो जाता है.

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सीएम धामी की ओर से चढ़ाया 8 किलो का घंटा
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Published : Dec 22, 2021, 3:56 PM IST

बेरीनाग: देवभूमि उत्तराखंड के गंगोलीहाट विधानसभा अंर्तगत पांखू क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध मां कोकिला देवी पर सीएम धामी की परम आस्था है. गुरुवार को सीएम धामी ने देहरादून से लौटे अपने प्रतिनिधि चंदन कोश्यारी, लाल सिंह कोरंगा, नवीन कोश्यारी के हाथों मंदिर में चढ़ाने के लिए 8 किलो का घंटा भेजा है. जिसे मां कोकिला देवी मंदिर में चढ़ाया गया है.

सीएम के प्रतिनिधियों ने आगामी विधानसभा चुनाव में विजय प्राप्ति की कामना एवं पुष्कर सिंह धामी के फिर से मुख्यमंत्री बनने की कामना की. बता दें पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने गए भाजपा पिथौरागढ़ के भाजपा पदाधिकारी चंदन कोश्यारी, लाल सिंह कोरंगा, नवीन कोश्यारी को मुख्यमंत्री को उक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

पढ़ें- संपत्ति बंटवारा: उत्तराखंड परिवहन निगम को मिलेगा 205 करोड़, 24 नहरें भी होंगी हस्तांतरित

क्या है मान्यता: कोटगाड़ी (कोकिला देवी) मंदिर की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो फैसला कोर्ट में भी नहीं हो पाता, वह माता के दरबार में बिना दलील-वकील के हो जाता है. यहीं नहीं विरोधी दोषी हुआ तो माता उसे बेहद कड़ी सजा तक देती हैं.

ऐसा होता है न्याय: मान्यता के अनुसार हर जगह से मायूस हो चुके लोग यहां आकर अथवा बिना आए, कहीं से भी उनका नाम लेकर न्याय की गुहार लगाते (स्थानीय भाषा में विरोधी के खिलाफ ‘घात’ डालते) हैं, कहते हैं कि माता कोटगाड़ी ‘कोट’ यानी कोर्ट में भी उद्घाटित न हो पाए न्याय को भी बाहर ‘गाड़’ यानी निकाल देती हैं. यानी जो फैसला कोर्ट में भी नहीं हो पाता, वह माता के दरबार में बिना दलील-वकील के हो जाता है.

स्वयं प्रकट हुईं देवी मां: देवी भगवती को समर्पित यह मंदिर पिथौरागढ़ जनपद में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चौकोड़ी के करीब कोटमन्या मार्ग से 17 किलोमीटर की दूरी पर कोटगाड़ी नाम के एक गांव में स्थित है. स्थानीय लोगों के अनुसार कोटगाड़ी मूलत: जोशी ब्राह्मणों का गांव था. एक दौर में माता कोटगाड़ी यहां स्वयं प्रकट हुई और यहीं रहते हुए न्याय भी देती थीं. वे यहां बोलती भी थीं.

बेरीनाग: देवभूमि उत्तराखंड के गंगोलीहाट विधानसभा अंर्तगत पांखू क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध मां कोकिला देवी पर सीएम धामी की परम आस्था है. गुरुवार को सीएम धामी ने देहरादून से लौटे अपने प्रतिनिधि चंदन कोश्यारी, लाल सिंह कोरंगा, नवीन कोश्यारी के हाथों मंदिर में चढ़ाने के लिए 8 किलो का घंटा भेजा है. जिसे मां कोकिला देवी मंदिर में चढ़ाया गया है.

सीएम के प्रतिनिधियों ने आगामी विधानसभा चुनाव में विजय प्राप्ति की कामना एवं पुष्कर सिंह धामी के फिर से मुख्यमंत्री बनने की कामना की. बता दें पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने गए भाजपा पिथौरागढ़ के भाजपा पदाधिकारी चंदन कोश्यारी, लाल सिंह कोरंगा, नवीन कोश्यारी को मुख्यमंत्री को उक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

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क्या है मान्यता: कोटगाड़ी (कोकिला देवी) मंदिर की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो फैसला कोर्ट में भी नहीं हो पाता, वह माता के दरबार में बिना दलील-वकील के हो जाता है. यहीं नहीं विरोधी दोषी हुआ तो माता उसे बेहद कड़ी सजा तक देती हैं.

ऐसा होता है न्याय: मान्यता के अनुसार हर जगह से मायूस हो चुके लोग यहां आकर अथवा बिना आए, कहीं से भी उनका नाम लेकर न्याय की गुहार लगाते (स्थानीय भाषा में विरोधी के खिलाफ ‘घात’ डालते) हैं, कहते हैं कि माता कोटगाड़ी ‘कोट’ यानी कोर्ट में भी उद्घाटित न हो पाए न्याय को भी बाहर ‘गाड़’ यानी निकाल देती हैं. यानी जो फैसला कोर्ट में भी नहीं हो पाता, वह माता के दरबार में बिना दलील-वकील के हो जाता है.

स्वयं प्रकट हुईं देवी मां: देवी भगवती को समर्पित यह मंदिर पिथौरागढ़ जनपद में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल चौकोड़ी के करीब कोटमन्या मार्ग से 17 किलोमीटर की दूरी पर कोटगाड़ी नाम के एक गांव में स्थित है. स्थानीय लोगों के अनुसार कोटगाड़ी मूलत: जोशी ब्राह्मणों का गांव था. एक दौर में माता कोटगाड़ी यहां स्वयं प्रकट हुई और यहीं रहते हुए न्याय भी देती थीं. वे यहां बोलती भी थीं.

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