पिथौरागढ़: सिट्रस फलों की पैदावार के लिए चर्चित सोरघाटी में पिछले एक दशक में नींबू, माल्टा, संतरा और जामिर की पैदावार काफी कम हो गई है. साथ ही इन फलों की गुणवत्ता में भी काफी कमी आयी है. सिट्रस फलों के पैदावार कम होने से कास्तकारों को रोजी-रोटी का संकट सताने लगा है.
वहीं, जानकार इसके लिए बढ़ते तापमान को वजह बता रहे हैं. साथ ही बागवानी की नई तकनीक की कमी भी सिट्रस फलों की कम पैदावार के लिए जिम्मेदार है. बदलते मौसम का असर पर्वतीय इलाकों की बागवानी पर भी देखने को मिल रही है. खासकर सोरघाटी पिथौरागढ़ में सिट्रस फलों की पैदावार में.
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बता दें कि एक दौर था जब सोरघाटी और उसके आस-पास के इलाकों में सिट्रस फलों का जमकर पैदावार होता था. लेकिन पिछले एक दशक में जहां सिट्रस फलों की पैदावार कम हुई है, वहीं इन फलों की गुणवत्ता में भी कमी आई है. उच्च हिमालयी इलाकों में सिट्रस फलों की पैदावार आज भी अच्छी है. इन इलाकों में पैदा होने वाले नींबू प्रजाति के फलों में उच्च क्वालिटी का विटामिन “सी” होता है, लेकिन निचले इलाकों में अब ये पूरी तरह खत्म होने की कगार पर है.