बेरीनागः उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमले का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. जिसमें आए दिन लोग जान गंवा रहे हैं. ताजा मामला पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट का है. जहां दिनदहाड़े गुलदार आंगन से 2 साल के बच्चे को उठाकर ले गया. घनटा की सूचना मिलते ही गांव के कुछ युवा जंगल की तरफ भागे. जहां बच्चा जंगल में घायल अवस्था में पड़ा मिला. ऐसे में वो आनन फानन में उसे नजदीकी अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
जानकारी के मुताबिक, गुलदार का शिकार हुए बच्चे का नाम अंशु पुत्र नेत्रपाल (उम्र 2 वर्ष 3 माह) था. जिसका घर रुद्रपुर में है. जबकि, उसके पिता हरिद्वार में नौकरी करते हैं. वो बीती डेढ़ साल से अपनी मां के साथ ननिहाल कोठेरा में रह रहा था. सोमवार यानी आज करीब शाम 4 बजे अंशु घर के आंगन में खेल रहा था. तभी गुलदार उसे झपट्टा मारकर उठा ले गया.
आंगन में खून नजर आया तो घटना का पता चलाः परिजनों को जानकारी तब मिली, जब उन्हें आंगन में खून नजर आया. इसके बाद तत्काल गांव के युवा निखिल, गिरीश कोठारी, अभिषेक और सुनील पीछे के जंगल की ओर भागे. जहां घर से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर जंगल में बच्चा घायल अवस्था में मिला. युवकों ने बताया कि उस वक्त बच्चे की सांसें चल रही थी. इसके बाद युवा अंशु को निजी वाहन से सीएचसी पहुंचे. जहां डॉक्टर मयंक पहावा ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.
घटनास्थल पर पहुंची वन विभाग की टीमः वहीं, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा की कार्रवाई कर रही है. रेंजर मनोज सनवाल ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वो खुद टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जानकारी जुटाई. अब गुलदार को पकड़ने के लिए मंगलवार को पिंजरा लगाया जाएगा और वन विभाग की टीम लगातार गश्त करेगी. बता दें कि 5 महीने पहले भी जाखनी उप्रेती गांव में गुलदार ने एक 4 साल बच्चे को निवाला बनाया था.