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बिर्थी फॉल की बूंदे कराती हैं ताजगी का एहसास, सैलानियों का इंतजार

बिर्थी फॉल पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर मुनस्यारी मार्ग पर स्थित है. यह फॉल काफी ऊंचाई से गिरता है. इस झरने से निकलने वालीं बूंदे ताजगी का एहसास कराती हैं, लेकिन कोरोना के चलते यहां सन्नाटा पसरा है.

birthi fall
बिर्थी फॉल
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Published : Jun 28, 2020, 6:55 PM IST

Updated : Jun 28, 2020, 8:43 PM IST

बेरीनागः कुदरत की नेमत का दीदार करना हो तो आपके लिए मुनस्यारी सबसे मुफीद जगह है. यहां की वादियां देश-विदेश के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. इनमें मुनस्यारी मार्ग पर स्थित बिर्थी फॉल भी शामिल है. जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है. यह फॉल करीब 125 मीटर ऊंचाई से गिरता है. जो हर सैलानियों के मन को मोह लेता है. यह स्थल अमूमन सैलानियों की चहल-पहल से गुलजार रहता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते इस पर्यटक स्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को आर्थिकी का सामना भी करना पड़ रहा है.

बता दें कि, बिर्थी फॉल (झरना) पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर मुनस्यारी मार्ग पर स्थित है. यह फॉल काफी ऊंचाई से गिरता है. यह पर्यटकों का पसंदीदा स्थल भी है. झरने के चलते काफी लोगों को भी रोजगार मिला है, लेकिन इस बार कोरोना ने पर्यटकों के कदमों को रोक दिया है. यहां स्थानीय लोगों ने होटल, दुकानें आदि खोले हैं. पर्यटकों के पाबंदी से अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिससे फॉल के सहारे परिवार चलाने वाले लोग काफी परेशान हैं.

कोरोना के चलते बिर्थी फॉल से पर्यटक नदारद.

ये भी पढ़ेंः मदर गार्डन आफ 'लीची' पूरे उत्तर भारत की है शान

वहीं, दूसरी ओर साल भर बहने वाले इस फॉल को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन पर्यटन विभाग और सरकार ने फॉल के बारे में विस्तृत जानकारी तक उपलब्ध नहीं कराई है. ऐसे में पर्यटक झरने के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं कर पाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मसूरी के कैंपटी फॉल, रामनगर में कार्बेट फॉल आदि को पर्यटन विभाग ने पर्यटन के नक्शे में शामिल किया है. साथ ही पर्यटकों को सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है. उसी तरह से बिर्थी फॉल को भी पर्यटन के नक्शे में शामिल करना चाहिए.

कैसे पहुंचे बिर्थी फॉल

बिर्थी फॉल हल्द्वानी से करीब 270 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. थल- मुनस्यारी वाली रोड पर यह फॉल है. जबकि, यह बिर्थी फॉल मुनस्यारी से 35 किलोमीटर पहले है. वहीं, पिथौरागढ़ से बिर्थी की दूरी 100 किलोमीटर है. पिथौरागढ़ से पर्यटक एक ही दिन में बिर्थी घूमकर लौट सकते हैं.

झरने से छिटककर आने वाली पानी की बूंदे देती हैं ताजगी

यहां पर 2200 मीटर की ऊंचाई पर छोटा सा गांव बिर्थी स्थित है. इसी कुदरती झरने के कारण इस गांव की पहचान बनी हुई है. बिर्थी फॉल के झरने से छिटककर आने वाली पानी की बूंदे लोगों को ताजगी का एहसास कराती हैं. बता दें कि साल 1960 में मुनस्यारी सड़क मार्ग से जुड़ने के बाद लोगों को इसके बारे में जानकारी मिलने लगी. साथ ही अब इसे पिथौरागढ़ जिले के दर्शनीय स्थलों की सूची में भी शामिल किया है.

ये भी पढ़ेंः 12वीं सदी में उत्तराखंड के इस गांव में हुई थी भगवान जगन्नाथ के मंदिर की स्थापना, ये है रोचक कथा

KMVN की आवासगृह में रहने की सुविधा

मुनस्यारी में कुमाऊं मंडल विकास निगम का 26 बेड वाला आवासगृह बना है. जहां पर्यटकों को आवास और भोजन की बेहतरीन सुविधा मिलती है. मुनस्यारी जाने वाले कई पर्यटक एक रात बिर्थी में बिताना पसंद करते हैं. चांदनी रात में बिर्थी फॉल मनमोहक नजर आती है. जबकि, यहां पर दुकानें भी हैं. जहां पर जरूरत का सामान भी मिल जाता है.

बेरीनागः कुदरत की नेमत का दीदार करना हो तो आपके लिए मुनस्यारी सबसे मुफीद जगह है. यहां की वादियां देश-विदेश के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. इनमें मुनस्यारी मार्ग पर स्थित बिर्थी फॉल भी शामिल है. जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है. यह फॉल करीब 125 मीटर ऊंचाई से गिरता है. जो हर सैलानियों के मन को मोह लेता है. यह स्थल अमूमन सैलानियों की चहल-पहल से गुलजार रहता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते इस पर्यटक स्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है. ऐसे में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को आर्थिकी का सामना भी करना पड़ रहा है.

बता दें कि, बिर्थी फॉल (झरना) पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर मुनस्यारी मार्ग पर स्थित है. यह फॉल काफी ऊंचाई से गिरता है. यह पर्यटकों का पसंदीदा स्थल भी है. झरने के चलते काफी लोगों को भी रोजगार मिला है, लेकिन इस बार कोरोना ने पर्यटकों के कदमों को रोक दिया है. यहां स्थानीय लोगों ने होटल, दुकानें आदि खोले हैं. पर्यटकों के पाबंदी से अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. जिससे फॉल के सहारे परिवार चलाने वाले लोग काफी परेशान हैं.

कोरोना के चलते बिर्थी फॉल से पर्यटक नदारद.

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वहीं, दूसरी ओर साल भर बहने वाले इस फॉल को देखने के लिए देश-विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन पर्यटन विभाग और सरकार ने फॉल के बारे में विस्तृत जानकारी तक उपलब्ध नहीं कराई है. ऐसे में पर्यटक झरने के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं कर पाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मसूरी के कैंपटी फॉल, रामनगर में कार्बेट फॉल आदि को पर्यटन विभाग ने पर्यटन के नक्शे में शामिल किया है. साथ ही पर्यटकों को सुविधाएं भी उपलब्ध कराई है. उसी तरह से बिर्थी फॉल को भी पर्यटन के नक्शे में शामिल करना चाहिए.

कैसे पहुंचे बिर्थी फॉल

बिर्थी फॉल हल्द्वानी से करीब 270 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. थल- मुनस्यारी वाली रोड पर यह फॉल है. जबकि, यह बिर्थी फॉल मुनस्यारी से 35 किलोमीटर पहले है. वहीं, पिथौरागढ़ से बिर्थी की दूरी 100 किलोमीटर है. पिथौरागढ़ से पर्यटक एक ही दिन में बिर्थी घूमकर लौट सकते हैं.

झरने से छिटककर आने वाली पानी की बूंदे देती हैं ताजगी

यहां पर 2200 मीटर की ऊंचाई पर छोटा सा गांव बिर्थी स्थित है. इसी कुदरती झरने के कारण इस गांव की पहचान बनी हुई है. बिर्थी फॉल के झरने से छिटककर आने वाली पानी की बूंदे लोगों को ताजगी का एहसास कराती हैं. बता दें कि साल 1960 में मुनस्यारी सड़क मार्ग से जुड़ने के बाद लोगों को इसके बारे में जानकारी मिलने लगी. साथ ही अब इसे पिथौरागढ़ जिले के दर्शनीय स्थलों की सूची में भी शामिल किया है.

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KMVN की आवासगृह में रहने की सुविधा

मुनस्यारी में कुमाऊं मंडल विकास निगम का 26 बेड वाला आवासगृह बना है. जहां पर्यटकों को आवास और भोजन की बेहतरीन सुविधा मिलती है. मुनस्यारी जाने वाले कई पर्यटक एक रात बिर्थी में बिताना पसंद करते हैं. चांदनी रात में बिर्थी फॉल मनमोहक नजर आती है. जबकि, यहां पर दुकानें भी हैं. जहां पर जरूरत का सामान भी मिल जाता है.

Last Updated : Jun 28, 2020, 8:43 PM IST
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