श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय (Garhwal Central University) में यूकास्ट तथा आईक्यूएसी प्रकोष्ट के तत्वाधान में पेटेंट इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) पर एक दिवसीय कार्यशाला (Workshop on Patent Intellectual Property Rights) आयोजित की गई. कार्यशाला में विश्वविद्यालय के 30 से अधिक विभागों के 119 शोध छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.
गढ़वाल विवि के बहुउद्देश्यीय सभागार में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने किया. इस मौके पर प्रो नौटियाल ने आईक्यूएसी प्रकोष्ठ के ओर से किए जा रहे कार्यक्रम की सराहना की. प्रो. नौटियाल ने कहा भारत युवाओं का देश है. पेटेंट तथा डिज़ाइन के क्षेत्र में इन्हें आगे आने की जरूरत है. आईपीआर भारत सरकार की स्टार्ट अप इंडिया तथा मेक इन इंडिया जैसी अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं को सफल बनाने में साबित को सकता है.
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इस मौके पर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के उपक्रम उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार आयोग से आये विषय विशेषज्ञ सहायक नियंत्रक पेटेंट डिजाइन विकास कुमार ने पेटेंट को लेकर जानकारी दी. सुशांता दास ने आईपीआर के तहत नवाचार और पेटेंट प्रक्रियाओं के नए आयाम पर व्याख्यान प्रस्तुत किया.
उन्होने पेटेंट तथा डिजाइन में अंतर बताते हुए राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट फाइल करने की विस्तृत प्रक्रिया को समझाया. श्वेता राजकुमार ने आईपीआर व्यवस्था के तहत पौधों की प्रजातियों तथा औषधीय पौधों का संरक्षण के बारे में व्याख्यान दिया. विशेषज्ञों ने सुझाव देते हुए कहा बीटेक के छात्र भी अपनी अंतिम वर्ष के परियोजना कार्य को भी पेटेंट करा सकते हैं.