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रघुवंशी हत्याकांड: कुख्यातों से गवाहों को मिल रही हैं धमकियां, पुलिस सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

रघुवंशी हत्याकांड में अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले गवाहों पर जान का खतरा मंडरा रहा है. ये धमकियां जेल में बंद कुख्यातों से मिल रही हैं.

कुख्यातों से गवाहों को मिल रही हैं धमकियां.
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Published : Aug 29, 2019, 5:18 PM IST

Updated : Aug 29, 2019, 5:43 PM IST

कोटद्वार: अधिवक्ता सुशील रघुवंशी हत्याकांड में अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले गवाहों पर जान का खतरा मंडरा रहा है. गवाहों द्वारा पुलिस में शिकायत करने के बावजूद भी पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. पुलिस की लापरवाही कभी भी एक बड़े अपराध को जन्म दे सकती है.

कुख्यातों से गवाहों को मिल रही हैं धमकियां.

13 सितंबर 2017 को हुए रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस डेढ़ साल तक किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई. इससे नाराज कई सामाजिक संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया. जब इससे भी किसी भी तरह का निस्तारण नहीं हो पाया तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. इसके बाद पुलिस की नींद खुली और एसआईटी गठित कर अपराधियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.

अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले बार संघ अध्यक्ष किशन सिंह पवार, ध्यान सिंह नेगी, शगुफ्ता सिंह, अधिवक्ता हुकुम सिंह, मृतक अधिवक्ता की पत्नी रेखा रघुवंशी, राजीव गौड़, आशीष किमोठी, मुजीब नैथानी थे. जेल में बंद आपराधिक जगत में खासा नाम रखने वाले सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी ने राजीव गौड़ को जान से मारने की धमकी दी, जिस पर आशीष किमोठी ने पुलिस क्षेत्राधिकारी से लिखित शिकायत की.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय खेल दिवस: पूरी दुनिया में चमक बिखेर रहे उत्तराखंड के खिलाड़ी, कई खिताबों पर जमाया है कब्जा

कोतवाली प्रभारी मनोज रतूड़ी ने बताया कि जब मुकदमा लिखा जाएगा, उसके बाद ही आगे की जांच की जाएगी. राजीव गौड़ ने अपनी सुरक्षा के लिए पिस्टल का लाइसेंस के लिए आवेदन किया लेकिन पुलिस ने उस पर सही रिपोर्ट नहीं लगाई, जिस कारण पिस्टल का लाइसेंस का आवेदन भी कैंसिल हो गया. पुलिस की इस कार्यप्रणाली के कारण इन लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है. वहीं, पुलिस इस मामले में लगातार लापरवाही बरतती नजर आ रही है.

एसएसपी पौड़ी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में भी है. इस बिंदु पर बहुत गंभीरता से काम किया जा रहा है. गवाहों का मामला भी बहुत संगीन है इसलिए इसको हम काफी गंभीरता से ले रहे हैं.

कोटद्वार: अधिवक्ता सुशील रघुवंशी हत्याकांड में अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले गवाहों पर जान का खतरा मंडरा रहा है. गवाहों द्वारा पुलिस में शिकायत करने के बावजूद भी पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है. पुलिस की लापरवाही कभी भी एक बड़े अपराध को जन्म दे सकती है.

कुख्यातों से गवाहों को मिल रही हैं धमकियां.

13 सितंबर 2017 को हुए रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस डेढ़ साल तक किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई. इससे नाराज कई सामाजिक संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया. जब इससे भी किसी भी तरह का निस्तारण नहीं हो पाया तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. इसके बाद पुलिस की नींद खुली और एसआईटी गठित कर अपराधियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.

अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले बार संघ अध्यक्ष किशन सिंह पवार, ध्यान सिंह नेगी, शगुफ्ता सिंह, अधिवक्ता हुकुम सिंह, मृतक अधिवक्ता की पत्नी रेखा रघुवंशी, राजीव गौड़, आशीष किमोठी, मुजीब नैथानी थे. जेल में बंद आपराधिक जगत में खासा नाम रखने वाले सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी ने राजीव गौड़ को जान से मारने की धमकी दी, जिस पर आशीष किमोठी ने पुलिस क्षेत्राधिकारी से लिखित शिकायत की.

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कोतवाली प्रभारी मनोज रतूड़ी ने बताया कि जब मुकदमा लिखा जाएगा, उसके बाद ही आगे की जांच की जाएगी. राजीव गौड़ ने अपनी सुरक्षा के लिए पिस्टल का लाइसेंस के लिए आवेदन किया लेकिन पुलिस ने उस पर सही रिपोर्ट नहीं लगाई, जिस कारण पिस्टल का लाइसेंस का आवेदन भी कैंसिल हो गया. पुलिस की इस कार्यप्रणाली के कारण इन लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है. वहीं, पुलिस इस मामले में लगातार लापरवाही बरतती नजर आ रही है.

एसएसपी पौड़ी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में भी है. इस बिंदु पर बहुत गंभीरता से काम किया जा रहा है. गवाहों का मामला भी बहुत संगीन है इसलिए इसको हम काफी गंभीरता से ले रहे हैं.

Intro:summary अधिवक्ता सुशील रघुवंशी हत्याकांड में अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों पर मंडरा रहा जान का खतरा, पुलिस में शिकायत करने के बावजूद भी पुलिस गंभीरता से नहीं ले रही मामले को, पुलिस की लापरवाही इनकी जान पर पड़ सकती है भारी, जेल में बंद कुख्यात अपराधी दे चुके हैं जान से मारने की धमकी।

intro 13 सितंबर 2017 को हुए रघुवंशी हत्याकांड में पुलिस ने डेढ़ साल तक किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी नहीं की, जिस कारण कई सामाजिक लोगों को धरना प्रदर्शन करना पड़ा, उच्च अधिकारियों से पैरवी करनी पड़ी, जब भी कुछ नहीं हुआ तो हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, तब जाकर पुलिस नींद से जागी और एसआईटी गठित कर अपराधियों की गिरफ्तारी कर उन्हें सलाखों के पीछे डाला गया, उसमें अहम भूमिका निभाने वाले बार संघ अध्यक्ष किशन सिंह पवार , ध्यान सिंह नेगी, शगुफ्ता सिंह, अधिवक्ता हुकुम सिंह, मृतक अधिवक्ता की पत्नी रेखा रघुवंशी, राजीव गौड़, आशिष किमोठी, मुजीब नैथानी थे, जिनमें से राजीव गौड़ को जेल में बंद आपराधिक जगत में खासा नाम रखने वाले सुरेंद्र सिंह नेगी उर्फ सूरी ने जान से मारने की धमकी दी जिस पर आशीष किमोठी ने पुलिस छेत्रधिकारी को लिखित शिकायत की थी, राजीव गौड़ ने कोतवाली प्रभारी मनोज रतूड़ी को कहा लेकिन कोतवाली प्रभारी मनोज रतूड़ी ने कहा कि जब मुकदमा लिखा जाएगा, उसके बाद आगे जांच की जाएगी, राजीव गौड़ ने अपनी सुरक्षा के लिए पिस्टल का लाइसेंस के लिए आवेदन किया लेकिन पुलिस ने उस पर सही रिपोर्ट नहीं लगाई जिस कारण पिस्टल का लाइसेंस का आवेदन भी कैंसिल हुआ, पुलिस की इस कार्यप्रणाली के कारण इन लोगों की जान पर खतरा मंडरा रहा है, और पुलिस इस मामले में लगातार लापरवाही बरत रही है। इस पूरे मामले पर एलआईयू की स्पेशल ब्रांच ने भी अंदरूनी जांच की पर लेकिन उस जांच का भी कुछ पता नहीं चला। ऐसे में इन लोगों को हमेशा अपनी जान का खतरा मंडरा रहा है और कभी भी इनके साथ कोई अप्रिय घटना घट सकती है जिस तरह लगातार कोटद्वार में कुख्यात अपराधियों का बोलबाला उजागर हो रहा है।


Body:वीओ1- पूरे मामले पर एसएसपी पौड़ी दलीप सिंह कुंवर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में भी है और इस बिंदु पर बहुत गंभीरता से काम कर रहे हैं, गवाहों के संबंध में अभी तक कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है लेकिन मामला संगीन है और गवाहों का मामला भी बहुत संगीन है इसलिए इसको हम देख रहे हैं इस पूरे मामले को बहुत सेंसिटिव होकर हम देख रहे हैं।

byte ssp pauri dalip singh kunwar.


Conclusion:
Last Updated : Aug 29, 2019, 5:43 PM IST
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