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गर्मी आते ही पौड़ी के गांवों में बढ़ा पेयजल संकट - water crisis in pauri

पौड़ी के समीप कोठार और मोलखंडी गांवों में पानी की गंभीर समस्या है. इन गांवों के 30 परिवारों को प्राकृतिक स्रोत पर निर्भर रहना पड़ता है. गर्मी आते ही प्राकृतिक स्रोत सूखने लगे हैं.

water crisis
पानी की गंभीर समस्या
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Published : Jun 11, 2020, 6:43 PM IST

Updated : Jun 16, 2020, 9:24 PM IST

पौड़ी: इन दिनों पहाड़ों में गर्मी के साथ-साथ पेयजल संकट आ गया है. पौड़ी के समीप कोठार और मोलखंडी गांवों में पानी की गंभीर समस्या है. इन गांवों के 30 परिवारों को प्राकृतिक स्रोत पर निर्भर रहना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण इन गांवों में प्रवासी घर लौटे हैं. इससे लगातार ग्रामीणों की संख्या में इजाफा हुआ है. दोनों गांव के लोग एक ही नलकूप से जरूरतें पूरी कर रहे हैं. पानी की समस्या को लेकर जल संस्थान के अधिकारियों से कई बार मुलाकात कर चुके हैं.

गांवों में बढ़ा पेयजल संकट.

दरअसल, पहाड़ों में गर्मी के सीजन में पेयजल का संकट गहराने लगता है. कोठार गांव के ग्रामीण भास्कर ने बताया कि इस प्राकृतिक स्रोत की मदद से करीब 30 परिवार अपनी प्यास बुझाते हैं. रोजाना लोग अपने घरों से इस प्राकृतिक स्रोत तक पानी लेने पहुंचते हैं. गर्मी के चलते पानी भी कम होता जा रहा है.

पढ़ें: हल्द्वानी में बदला मौसम का मिजाज, लोगों को गर्मी से मिली राहत

ग्रामीण ज्योति बहुगुणा बताते हैं कि वह समय-समय पर विभाग से मुलाकात कर पेयजल समस्या के निवारण के लिए कह चुके हैं. लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई. आज भी वह इसी प्राकृतिक जल स्रोत के भरोसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं. रोजमर्रा के लिए वह इसी पानी पर निर्भर हैं.

गृहणी रश्मि बहुगुणा बताती हैं कि गर्मियों के समय पानी काफी कम होने लगता है. इस कारण खेती नहीं कर पाते हैं. बारिश के दिनों में ही भरपूर पानी होने के चलते खेती की शुरुआत कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके गांव में एक अतिरिक्त पानी का कनेक्शन आ जाए तो रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकती हैं.

पौड़ी: इन दिनों पहाड़ों में गर्मी के साथ-साथ पेयजल संकट आ गया है. पौड़ी के समीप कोठार और मोलखंडी गांवों में पानी की गंभीर समस्या है. इन गांवों के 30 परिवारों को प्राकृतिक स्रोत पर निर्भर रहना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण इन गांवों में प्रवासी घर लौटे हैं. इससे लगातार ग्रामीणों की संख्या में इजाफा हुआ है. दोनों गांव के लोग एक ही नलकूप से जरूरतें पूरी कर रहे हैं. पानी की समस्या को लेकर जल संस्थान के अधिकारियों से कई बार मुलाकात कर चुके हैं.

गांवों में बढ़ा पेयजल संकट.

दरअसल, पहाड़ों में गर्मी के सीजन में पेयजल का संकट गहराने लगता है. कोठार गांव के ग्रामीण भास्कर ने बताया कि इस प्राकृतिक स्रोत की मदद से करीब 30 परिवार अपनी प्यास बुझाते हैं. रोजाना लोग अपने घरों से इस प्राकृतिक स्रोत तक पानी लेने पहुंचते हैं. गर्मी के चलते पानी भी कम होता जा रहा है.

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ग्रामीण ज्योति बहुगुणा बताते हैं कि वह समय-समय पर विभाग से मुलाकात कर पेयजल समस्या के निवारण के लिए कह चुके हैं. लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई. आज भी वह इसी प्राकृतिक जल स्रोत के भरोसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं. रोजमर्रा के लिए वह इसी पानी पर निर्भर हैं.

गृहणी रश्मि बहुगुणा बताती हैं कि गर्मियों के समय पानी काफी कम होने लगता है. इस कारण खेती नहीं कर पाते हैं. बारिश के दिनों में ही भरपूर पानी होने के चलते खेती की शुरुआत कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि उनके गांव में एक अतिरिक्त पानी का कनेक्शन आ जाए तो रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकती हैं.

Last Updated : Jun 16, 2020, 9:24 PM IST
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