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ग्रामीणों ने ई-मेल से भेजा खेतों में मलबा डालने का शिकायती पत्र, DM ने दिए जांच के आदेश

बूंगीधार-स्यूंसाल मोटर मार्ग के कटिंग कार्य का मलबा काश्तकारों के खेतों में डाला जा रहा है. जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश है. ग्रामीणों ने मेल कर प्रशासन को समस्या से अवगत कराया.

Pauri
ग्रामीणों ने ई-मेल से भेजा शिकायती पत्र.
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Published : Mar 8, 2022, 1:41 PM IST

पौड़ी: सरकारी सिस्टम भी अब आधुनिक ढंग से लोगों की समस्याओं का संज्ञान लेने लगा है. मामला दूरस्थ ब्लॉक थलीसैंण का है. बूंगीधार-स्यूंसाल मोटर मार्ग के कटिंग कार्य का मलबा काश्तकारों के खेतों में डाला जा रहा है. यही नहीं निर्माणदायी संस्था कटिंग के मलबे से गदेरों को भी भर रही है. मलबा निस्तारण सही ढंग से नहीं किए जाने से ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने इस मामले में डीएम को ई-मेल से शिकायती पत्र भेजा और फोन पर जानकारी भी दी. डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित तहसीलदार से मामले में जांच कर रिपोर्ट मांगी है.

थलीसैंण ब्लॉक के स्यूंसाल गांव को जोड़ने वाली सड़क की लंबाई करीब सात किलोमीटर है. जुलाई 2021 में सरकार ने इस कार्य के लिए 1 करोड़, 18 लाख, 43 हजार की धनराशि स्वीकृत की. कई बार सर्वे होने के बाद दिसंबर 2021 के पहले सप्ताह से लोक निर्माण विभाग बैजरों प्रभाग द्वारा इस सात मीटर चौड़े संपर्क मार्ग का काम करवाया जा रहा है.

अभी तक करीब पचास प्रतिशत सड़क मार्ग की कटिंग हो चुकी है. लोनिवि द्वारा सड़क कटिंग से निकलने वाले मलबे को सिविल वनभूमि और गांव के चारागाह और उपजाऊ खेतों में लापरवाही से फेंक दिया जा रहा है. डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे को भेजे ई-मेल में ग्रामीणों ने कहा कि सड़क कटिंग के मलबे से लोनिवि ने बरसाती गदेरों के मुहाने बंद कर दिए हैं.

पढ़ें-Exit Poll पर बोले सीएम धामी, प्रचंड बहुमत से बनेगी बीजेपी की सरकार

सर्वे के दौरान ग्रामीणों को बताया गया था कि मलबे के सुरक्षित निस्तारण के लिए 1 किलो पर चार डंपिंग यार्ड बनाये जायेंगे. जबकि एक भी डंपिंग यार्ड नहीं बनाया गया है. बताया गया है कि क्षेत्र में 7 सितंबर 2021 को बादल फटने से तुड़ाय गदेरे के किनारे दर्जनों खेत, पेड़, पैदल मार्ग बह गए थे. साथ में खड़ी फसलों, एक पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई थी. इसके बावजूद सड़क निर्माण का मलबा लापरवाही से गदेरों में फेंका जा रहा है. जिससे प्राकृतिक पानी के स्रोत समाप्त हो रहे हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी: डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि शिकायती पत्र का संज्ञान लिया गया है. लोगों ने ई -मेल पर अपनी समस्या बताकर समय का सदुपयोग किया है. साथ ही थलीसैंण ब्लॉक के दूरस्थ गांव से जिला मुख्यालय की दौड़ को भी बचाया है. डीएम ने कहा कि इस मामले में संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को जांच के आदेश दे दिए गए हैं. शीघ्र ही रिपोर्ट भी मांगी गई है. रिपोर्ट आने पर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

पौड़ी: सरकारी सिस्टम भी अब आधुनिक ढंग से लोगों की समस्याओं का संज्ञान लेने लगा है. मामला दूरस्थ ब्लॉक थलीसैंण का है. बूंगीधार-स्यूंसाल मोटर मार्ग के कटिंग कार्य का मलबा काश्तकारों के खेतों में डाला जा रहा है. यही नहीं निर्माणदायी संस्था कटिंग के मलबे से गदेरों को भी भर रही है. मलबा निस्तारण सही ढंग से नहीं किए जाने से ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने इस मामले में डीएम को ई-मेल से शिकायती पत्र भेजा और फोन पर जानकारी भी दी. डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए संबंधित तहसीलदार से मामले में जांच कर रिपोर्ट मांगी है.

थलीसैंण ब्लॉक के स्यूंसाल गांव को जोड़ने वाली सड़क की लंबाई करीब सात किलोमीटर है. जुलाई 2021 में सरकार ने इस कार्य के लिए 1 करोड़, 18 लाख, 43 हजार की धनराशि स्वीकृत की. कई बार सर्वे होने के बाद दिसंबर 2021 के पहले सप्ताह से लोक निर्माण विभाग बैजरों प्रभाग द्वारा इस सात मीटर चौड़े संपर्क मार्ग का काम करवाया जा रहा है.

अभी तक करीब पचास प्रतिशत सड़क मार्ग की कटिंग हो चुकी है. लोनिवि द्वारा सड़क कटिंग से निकलने वाले मलबे को सिविल वनभूमि और गांव के चारागाह और उपजाऊ खेतों में लापरवाही से फेंक दिया जा रहा है. डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे को भेजे ई-मेल में ग्रामीणों ने कहा कि सड़क कटिंग के मलबे से लोनिवि ने बरसाती गदेरों के मुहाने बंद कर दिए हैं.

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सर्वे के दौरान ग्रामीणों को बताया गया था कि मलबे के सुरक्षित निस्तारण के लिए 1 किलो पर चार डंपिंग यार्ड बनाये जायेंगे. जबकि एक भी डंपिंग यार्ड नहीं बनाया गया है. बताया गया है कि क्षेत्र में 7 सितंबर 2021 को बादल फटने से तुड़ाय गदेरे के किनारे दर्जनों खेत, पेड़, पैदल मार्ग बह गए थे. साथ में खड़ी फसलों, एक पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई थी. इसके बावजूद सड़क निर्माण का मलबा लापरवाही से गदेरों में फेंका जा रहा है. जिससे प्राकृतिक पानी के स्रोत समाप्त हो रहे हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी: डीएम डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि शिकायती पत्र का संज्ञान लिया गया है. लोगों ने ई -मेल पर अपनी समस्या बताकर समय का सदुपयोग किया है. साथ ही थलीसैंण ब्लॉक के दूरस्थ गांव से जिला मुख्यालय की दौड़ को भी बचाया है. डीएम ने कहा कि इस मामले में संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को जांच के आदेश दे दिए गए हैं. शीघ्र ही रिपोर्ट भी मांगी गई है. रिपोर्ट आने पर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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