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कोटद्वार: सफाई के नाम पर नदी में खनन, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

कोटद्वार में रीवर चैनलाइजेशन के नाम पर नदी में हो रहे खनन का ग्रामीणों ने विरोध किया है.

Villagers uproar over mining in Kotwar
सफाई के नाम पर नदी में खनन
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Published : May 22, 2020, 7:30 PM IST

कोटद्वार: रीवर चैनलाइजेशन के काम में लगे डंपर नियमों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं. कोटद्वार में सूर्यास्त के बाद भी नदियों में खनन किया जा रहा है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन जिला प्रशासन कार्रवाई के नाम पर सुस्त पड़ा है.

कोटद्वार में इन दिनों रीवर चैनलाइजेशन के तहत नदियों की सफाई का काम हो रहा है. लेकिन संबंधित कंपनियां सफाई के नाम पर नदियों में खनन का काम कर रही है. डंपर क्षमता से अधिक आरबीएम लेकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं. जिसकी वजह से हादसे की आशंका के साथ लोग सड़कों पर चल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: पहाड़ों में कोरोना का घुलता 'खौफ', प्रवासियों ने बिगाड़ा कोरोनामुक्त शांत वादियों का 'अंकगणित'

स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से सड़कों पर गड्ढा भरने और ओवरलोडेड डंपरों पर कार्रवाई की गुहार लगाई थी. लेकिन प्रशासन के मामले पर चुप बैठा देख ग्रामीणों ने मोर्चा संभाला और डंपर को नदी से बाहर निकलने नहीं नहीं दिया.

स्थानीय निवासी केसर सिंह नेगी के मुताबिक, नदी किनारे होने से धूल-मिट्टी हमारे घरों में रखे सामान को खराब कर रही है. घर में धूल की वजह से रहना मुश्किल हो गया है. हमारी शिकायत पर उप-जिलाधिकारी ने पुलिस को तैनात करने को कहा था. लेकिन अभी तक कोई तैनाती नहीं हुई है.

कोटद्वार: रीवर चैनलाइजेशन के काम में लगे डंपर नियमों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं. कोटद्वार में सूर्यास्त के बाद भी नदियों में खनन किया जा रहा है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन जिला प्रशासन कार्रवाई के नाम पर सुस्त पड़ा है.

कोटद्वार में इन दिनों रीवर चैनलाइजेशन के तहत नदियों की सफाई का काम हो रहा है. लेकिन संबंधित कंपनियां सफाई के नाम पर नदियों में खनन का काम कर रही है. डंपर क्षमता से अधिक आरबीएम लेकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं. जिसकी वजह से हादसे की आशंका के साथ लोग सड़कों पर चल रहे हैं.

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स्थानीय निवासी केसर सिंह नेगी के मुताबिक, नदी किनारे होने से धूल-मिट्टी हमारे घरों में रखे सामान को खराब कर रही है. घर में धूल की वजह से रहना मुश्किल हो गया है. हमारी शिकायत पर उप-जिलाधिकारी ने पुलिस को तैनात करने को कहा था. लेकिन अभी तक कोई तैनाती नहीं हुई है.

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