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मुख्यमंत्री को पत्र लिख बताया चुनाव में नहीं करेंगे मतदान, प्रशासन में मचा हड़कंप

ग्रामीणों ने मूल-भूत सुविधाओं के अभाव में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. जिसमें ग्राम वासियों ने लिखा है कि सड़क नहीं तो वोट नहीं. साथ ही ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

जहरी तल्ली गांव की सड़क.
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Published : Mar 30, 2019, 11:27 PM IST

कोटद्वार: यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत जहरीतल्ली के ग्रामीणों ने मूल-भूत सुविधाओं के अभाव में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. जिसमें ग्राम वासियों ने लिखा है कि सड़क नहीं तो वोट नहीं. साथ ही ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. वहीं मामले कि भनक लगते ही तहसीलदार ने पट्टी पटवारी को निर्देशित कर ग्रामीणों से वार्ता करने को कहा है. जहरीतल्ली गांव में लगभग 90 मतदाता हैं.

बता दें कि साल 2010 में सांसद सतपाल महाराज ने भिर्गुखाल बहोलगांव, जहरीमल्ली, जहरीतल्ली, तुन्ना एरोली, निसणी और तिमलायानी मोटर मार्ग की स्वीकृति दी थी, जिसके चलते 2011 में प्रथम चरण की 63 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी. लेकिन ग्रामवासी एवं विभाग के आपसी मतभेद के कारण शासन के आदेश का उल्लंघन करते हुए तल्ली मोटर मार्ग की दिशा बदल दी गई.

जानकारी देते ग्रामीण और तहसीलदार.


ग्रामीणों का कहना है कि कभी कोई बुजुर्ग बीमार भी हो जाते हैं तो उनको 3 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई में चारपाई या घोड़े-खच्चर पर ले जाकर मुख्य सड़क तक पहुंचा जाता है. जहां से उन्हें कोटद्वार या ऋषिकेश उपचार के लिए ले जाया जाता है, जिस कारण ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं.
वहीं मामले में तहसीलदार कैलाश का कहना है कि ऐसा कोई मामला है नहीं है. फिर भी पट्टी पटवारी को गांव में भेजकर ग्रामीण से वार्ता की जाएगी और उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा.

कोटद्वार: यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत जहरीतल्ली के ग्रामीणों ने मूल-भूत सुविधाओं के अभाव में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है. जिसमें ग्राम वासियों ने लिखा है कि सड़क नहीं तो वोट नहीं. साथ ही ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. वहीं मामले कि भनक लगते ही तहसीलदार ने पट्टी पटवारी को निर्देशित कर ग्रामीणों से वार्ता करने को कहा है. जहरीतल्ली गांव में लगभग 90 मतदाता हैं.

बता दें कि साल 2010 में सांसद सतपाल महाराज ने भिर्गुखाल बहोलगांव, जहरीमल्ली, जहरीतल्ली, तुन्ना एरोली, निसणी और तिमलायानी मोटर मार्ग की स्वीकृति दी थी, जिसके चलते 2011 में प्रथम चरण की 63 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी. लेकिन ग्रामवासी एवं विभाग के आपसी मतभेद के कारण शासन के आदेश का उल्लंघन करते हुए तल्ली मोटर मार्ग की दिशा बदल दी गई.

जानकारी देते ग्रामीण और तहसीलदार.


ग्रामीणों का कहना है कि कभी कोई बुजुर्ग बीमार भी हो जाते हैं तो उनको 3 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई में चारपाई या घोड़े-खच्चर पर ले जाकर मुख्य सड़क तक पहुंचा जाता है. जहां से उन्हें कोटद्वार या ऋषिकेश उपचार के लिए ले जाया जाता है, जिस कारण ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं.
वहीं मामले में तहसीलदार कैलाश का कहना है कि ऐसा कोई मामला है नहीं है. फिर भी पट्टी पटवारी को गांव में भेजकर ग्रामीण से वार्ता की जाएगी और उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा.

Intro:एंकर- यम्केश्वर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत जहरी तल्ली के ग्राम वासियों ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को पत्र भेजकर कहा की सड़क नहीं तो वोट नहीं जिसके चलते ही स्थानीय प्रशासन के हाथ पांव फुल गए मामले कि भनक लगते ही तहसीलदार ने पट्टी पटवारी को निर्देशित कर ग्रामीणों से वार्ता करने को कहा , जहरी तल्ली गांव पूर्ण रूप से अनुसूचित जनजाति का गांव है और यहां पर 80 से 90 के लगभग वोटर गांव में मौजूद हैं सरकार और शासन प्रशासन की बेरुखी के कारण आज के युग में भी यह गांव मूलभूत सुविधाओं से वांछित है।



Body:वीओ- बता दें कि सन 2010 में सांसद श्री सतपाल महाराज पौड़ी गढ़वाल द्वारा भिर्गुखाल बहोलगांव, जहरी मल्ली, जहरी तल्ली, तुन्ना एरोली, निसणी, तिमलायानी मोटर मार्ग की स्वीकृति दी थी , 2011 में प्रथम चरण की 63 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई थी व विभाग ने 5 किलोमीटर मोटर मार्ग सर्वे भिर्गुखाल से जहरी तल्ली तक पूर्ण कराया गया, किंतु 2015 में मुख्यमंत्री के क्षेत्र भृमण के दौरान ग्राम सभा निसनी द्वारा आवेदन पत्र दिया गया कि भिर्गुखाल से निसनी गांव को मोटर मार्ग से जोड़ा जाए दोनों प्रस्ताव एक ही मोटर मार्ग से संबंधित है किंतु ग्रामवासी एवं विभाग द्वारा वर्ण भेद के आधार पर मार्ग का शासन आदेश का उल्लंघन कर मार्ग की दिशा परिवर्तन किया गया, गांव में कभी कोई बड़े बुजुर्ग बीमार हो जाते हैं तो उनको 3 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई में चढ़कर चारपाई या घोड़े खच्चर के जरिए मुख्य सड़क तक पहुंचा जाता है उसके बाद उन्हें कोटद्वार या ऋषिकेश उपचार के लिए ले जाया जाता है,

ग्रामीणों ने की कहा कि सही समय पर सड़क का निर्माण कार्य होता तो लोगों को यह परेशानी नहीं झेलनी पड़ती ऐसे में लोगों ने लोकसभा चुनाव के दिन मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया, बता दें कि यह गांव अनुसूचित जनजाति का गांव है और इस गांव में 80 से 90 वोटर हैं


Conclusion:वीओ2- ग्रामीण क्रांति सिंह का कहना है कि स्थिति यह है कि गांव में कोई मोटर मार्ग नहीं है अगर कोई बीमार हो जाता है तो 3 किलोमीटर पैदल चारपाई के जरिए भिर्गुखाल मुख्य सड़क तक लाया जाता है उसके बाद उसे उपचार के लिए कोटद्वार या ऋषिकेश ले जाया जाता है बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि हमारे यहां सड़क नहीं है तो हम पूर्ण रूप से चुनाव का बहिष्कार करेंगे गांव में वर्तमान में 80 से 90 वोटर मौजूद है

बाइट कांति सिंह

वीओ3- वहीं ग्रामीण कुलदीप का कहना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं जरी टल्ली में 2011 में सांसद सतपाल महाराज के द्वारा सड़क मंजूर की गई थी लेकिन अब तक सड़क नहीं बनी अब गांव वालों का मानना है कि रोड नहीं तो वोट नहीं

बाइट- कुलदीप सिंह

वीओ4- तहसीलदार कैलाश बगेल का कहना है कि ऐसा कोई मामला है नहीं फिर भी पट्टी पटवारी को गांव में भेजकर ग्रामीण से वार्ता की जाएगी और उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा

बाइट कैलाश बगेल तशीलदार यंकेस्वर
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