श्रीनगर: उत्तराखंड पुलिस का ऑपरेशन मुक्ति और भिक्षा नहीं शिक्षा दो अभियान प्रदेश भर के जरुरतमंद बच्चों की जिदंगी बदल रहा है. इसकी जीता जागता उदाहरण श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली अक्सा खानम है. आज से कुछ साल पहले अक्सा के माता-पिता ने ही उसका साथ छोड़ दिया था. जिसके कारण अक्सा बेघर हो गई. तब मुश्किल घड़ी में मित्र पुलिस ने मदद का हाथ बढ़ाया.जिससे अक्सा खानम को आज नया जीवन मिला. तब से अबतक अक्सा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज अक्सा जीवन में नई उंचाईयां हासिल कर रही है.
दरअसल, माता-पिता के छोड़ने के बाद अक्सा की पढ़ाई लिखाई छूट गई थी. तब पौड़ी पुलिस ने अक्सा की पढ़ाई की जिम्मेदारी उठाई. पौड़ी पुलिस ने उसका एडमिशन श्रीनगर के प्रतिष्ठित कॉन्वेंट स्कूल में करवाया. जहां अक्सा अपनी क्लास में टॉप कर रही है. इस वर्ष भी अक्सा ने अपनी क्लास में दूसरा स्थान हासिल किया. अक्सा खानम ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया वह स्कूल जाकर बेहद खुश है. उसने बताया उसके स्कूल के टीचर स्टुडेंट उससे बहुत प्यार करते हैं. सभी उसकी मदद भी करते हैं. अक्सा खानम ने अपने सपनों के बारे में बताया कि वो पढ़ लिखकर आईपीएस ऑफिसर बनना चाहती है. जिसके लिए वो अभी से ही पढ़ाई पर पूरा ध्यान देती है.
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अक्सा खानम की मदद करने वाले श्रीनगर निवासी दिलशान हुसैन बताते हैं कि अक्सा खानम के माता-पिता आपसी लड़ाई के कारण उसे छोड़ अलग अलग रहने लगे. जिसके बाद उसकी बुआ ने उसकी जिम्मेदारी ली, लेकिन, बुआ की भी आर्थिक हालात ठीक नहीं थे. जिसके कारण अक्सा का स्कूल छूट गया. जिसके बाद पौड़ी पुलिस ने अक्सा के सपनों को साकार करने की जिम्मेदारी उठाई. उन्होंने बताया ऑपरेशन मुक्ति के तहत अक्सा की पढ़ाई लिखाई हो रही है. स्कूल प्रबंधन ने भी अक्सा की सारी फीस माफ कर दी है.
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वहीं, मामले में जिले की एसएसपी श्वेता चौबे ने भी बताया पूरे जिलेभर में भिक्षा नहीं शिक्षा दो अभियान के तहत 200 से अधिक बच्चों का एडमिशन करवाया गया है. अक्सा खानम भी इन्हीं में से एक है. उन्होंने बताया अक्सा पढ़ने लिखने में लगी रहती है. जिसके कारण उसने अपनी क्लास में दूसरा स्थान हासिल किया है.. उन्होंने कहा आगे भी इस अभियान के तहत जरूरतमंद बच्चों की मदद की जाएगी.