कोटद्वार: लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के मामले में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की टीम ने मार्ग का निरीक्षण किया, दो सदस्यीय टीम में CEC के मेंबर सेक्रेट्री अमरनाथ शेट्टी और मेंबर CEC के एम के मुत्थु ने लालढांग से लेकर चिल्लरखाल बैरियर तक वन मार्ग पर रोड निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, साथ ही पुलों का भी निरीक्षण किया, निरीक्षण के बाद टीम इसकी रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी, उसके बाद ही कुछ निर्णय निकल सकेगा.
लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर फिर बढ़ सकती है वन मंत्री हरक सिंह की मुश्किलें
लालढांग-चिल्लर खाल वन मोटर मार्ग के मामले में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की टीम ने निरीक्षण किया. वहीं निरीक्षण की रिपोर्ट आने के बाद कैबिनेट के वन मंत्री हरक सिंह रावत और वन विभाग की मुसीबतें बढ़ सकती हैं.
कोटद्वार में टीम ने किया निरीक्षण
कोटद्वार: लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के मामले में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की टीम ने मार्ग का निरीक्षण किया, दो सदस्यीय टीम में CEC के मेंबर सेक्रेट्री अमरनाथ शेट्टी और मेंबर CEC के एम के मुत्थु ने लालढांग से लेकर चिल्लरखाल बैरियर तक वन मार्ग पर रोड निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, साथ ही पुलों का भी निरीक्षण किया, निरीक्षण के बाद टीम इसकी रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी, उसके बाद ही कुछ निर्णय निकल सकेगा.
Intro:summary लालढांग चिल्लर खाल वन मोटर मार्ग के मामले में आज सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की टीम के द्वारा निरीक्षण किया गया, दो सदस्यीय टीम ने लालढांग पहुंचकर 11 किलोमीटर वन मार्ग का निरीक्षण किया। रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड सरकार के वन मंत्री हरक सिंह रावत और वन विभाग की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।
intro लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग के मामले में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की टीम ने मार्ग का निरीक्षण किया, दो सदस्यीय टीम में CEC के मेंबर सेक्रेट्री अमरनाथ शेट्टी और मेंबर CEC के एम के मुत्थु ने लालढांग से लेकर चिल्लर खाल बैरियर तक वन मार्ग पर डामरीकरण के कार्य का निरीक्षण किया, साथ ही पुलों और पुस्तों का भी निरीक्षण किया, निरीक्षण के बाद टीम इसकी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी, निरीक्षण के दौरान वन विभाग, पीडब्ल्यूडी और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहें, नोडल अधिकारी फॉरेस्ट डी जे के शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रख दिया है अब CEC की टीम के निरीक्षण की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी जाएगी उसके बाद ही कुछ निर्णय निकल सकेगा।
Body:वीओ1- स्थानीय निवासी एलडी जोशी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक टीम लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग के निरीक्षण के लिए भेजी गई है यह मामला पहले एनजीटी में भी दायर हो चुका है उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी इसमें एक रिड दाखिल की गई थी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी यहां पर टीम भेजी गई है जो कि मार्ग का भौतिक निरीक्षण कर रहे हैं अब यह देखने वाला विषय है कि यह टीम अपनी रिपोर्ट किस प्रकार सुप्रीम कोर्ट में पेश करती है क्या इस सड़क का भविष्य होगा यह तो देखने वाली बात होगी।
बाइट एल डी जोशी
वीओ2- वहीं पूरे मामले पर डी जे के शर्मा भूमि हस्तांतरण अपर प्रमुख सचिव का कहना है कि लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग पर फारेस्ट कंजर्वेशन अधिनियम के तहत जो निर्माण कार्य किया जा रहा था उस कार्य में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी, यह प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सरकार ने अपना पक्ष रख लिया है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर सीईसी की दो सदस्य टीम लालढांग पहुंचकर 11 किलोमीटर लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग का निरीक्षण किया, यह टीम न्यायालय में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी उसके बाद ही आगे का निर्णय न्यायालय के द्वारा जारी किया जाएगा।
बाइट डी जे के शर्मा भूमि हस्तांतरण अपर प्रमुख सचिव उत्तराखंड
फीड-बाइट एल डी जोशी- बाइट डी जे के शर्मा
Conclusion:
intro लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग के मामले में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की टीम ने मार्ग का निरीक्षण किया, दो सदस्यीय टीम में CEC के मेंबर सेक्रेट्री अमरनाथ शेट्टी और मेंबर CEC के एम के मुत्थु ने लालढांग से लेकर चिल्लर खाल बैरियर तक वन मार्ग पर डामरीकरण के कार्य का निरीक्षण किया, साथ ही पुलों और पुस्तों का भी निरीक्षण किया, निरीक्षण के बाद टीम इसकी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी, निरीक्षण के दौरान वन विभाग, पीडब्ल्यूडी और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहें, नोडल अधिकारी फॉरेस्ट डी जे के शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रख दिया है अब CEC की टीम के निरीक्षण की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी जाएगी उसके बाद ही कुछ निर्णय निकल सकेगा।
Body:वीओ1- स्थानीय निवासी एलडी जोशी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक टीम लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग के निरीक्षण के लिए भेजी गई है यह मामला पहले एनजीटी में भी दायर हो चुका है उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी इसमें एक रिड दाखिल की गई थी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी यहां पर टीम भेजी गई है जो कि मार्ग का भौतिक निरीक्षण कर रहे हैं अब यह देखने वाला विषय है कि यह टीम अपनी रिपोर्ट किस प्रकार सुप्रीम कोर्ट में पेश करती है क्या इस सड़क का भविष्य होगा यह तो देखने वाली बात होगी।
बाइट एल डी जोशी
वीओ2- वहीं पूरे मामले पर डी जे के शर्मा भूमि हस्तांतरण अपर प्रमुख सचिव का कहना है कि लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग पर फारेस्ट कंजर्वेशन अधिनियम के तहत जो निर्माण कार्य किया जा रहा था उस कार्य में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थी, यह प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय में सरकार ने अपना पक्ष रख लिया है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर सीईसी की दो सदस्य टीम लालढांग पहुंचकर 11 किलोमीटर लालढांग चिल्लर खाल मोटर मार्ग का निरीक्षण किया, यह टीम न्यायालय में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी उसके बाद ही आगे का निर्णय न्यायालय के द्वारा जारी किया जाएगा।
बाइट डी जे के शर्मा भूमि हस्तांतरण अपर प्रमुख सचिव उत्तराखंड
फीड-बाइट एल डी जोशी- बाइट डी जे के शर्मा
Conclusion: