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ऋषिकेश-बदरीनाथ NH पर बने नए लैंडस्लाइड जोन का जल्द होगा ट्रीटमेंट - Badrinath Kedarnath News

इन दिनों श्रीनगर से रुद्रप्रयाग के बीच दो नए भूस्खलन जोन डेवलप हो गए हैं. जहां आए दिन मार्ग बाधित रहता है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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ऋषिकेश-बदरीनाथ NH पर बने नए लैंडस्लाइड जोन का जल्द होगा ट्रीटमेंट.
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Published : Jul 27, 2021, 10:23 AM IST

श्रीनगर: ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग चारधाम यात्रा का मुख्य मार्ग है. यात्रा काल के दौरान इसी मार्ग से देश-विदेश के श्रद्धालु बदरीनाथ,केदारनाथ जाते हैं. हर दिन लाखों लोग इस मार्ग से यात्रा करते हैं लेकिन इन दिनों श्रीनगर से रुद्रप्रयाग के बीच दो नए भूस्खलन जोन डेवलप हो गए हैं. जिसके चलते 10 -10 घंटे राजमार्ग बाधित रहता है. लिहाजा, अब यात्रियों की परेशानी को देखते हुए लोक निर्माण विभाग खंड राजमार्ग अब इन लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट करने जा रहा है.

ऋषिकेश-बदरीनाथ एनएच मॉनसून के दौरान हजारों टन मलबा और बोल्डर पहाड़ी से सड़क पर आ जाता है. जिससे राजमार्ग पर आवाजाही बाधित रही है. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही हर समय दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है.

ऋषिकेश-बदरीनाथ NH पर बने नए लैंडस्लाइड जोन का जल्द होगा ट्रीटमेंट.

लिहाजा, अब एनएच विभाग इन भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट करने जा रहा है. भूस्खलन राजमार्ग पर फरासु, चमधार और नरकोटा में भूस्खलन जो चिन्हित किये गए हैं. जिनका ट्रीटमेंट किया जाना है. हालांकि, इसमें भी कई तकनीकी पहलू हैं. जिसको लेकर etv भारत ने विभागीय अधिकारियों से बातचीत की है.

पढ़ें-CM पुष्कर सिंह धामी ने कैंसर पीड़िता की मदद को बढ़ाए हाथ, बोन मैरो होगा ट्रांसप्लाट

इनदिनों चार धाम सड़क परियोजना के तहत चारों धामो को जोड़ने वाले मार्गों पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है. जिससे कहीं ना कहीं पहाड़ियां कमजोर होकर दरक रही हैं. भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इन भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए भी प्लान तैयार किये हुए हैं. जिनका एक तकनीकी पहलू भी है. जिसके तहत पहले भूस्खलन जोन का जीएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया जाना है.

वहीं, सर्वेक्षण के बाद टीएचडीसी इसका डिजाइन और टेक्निकल आख्या बनाएगा. ये सब कुछ होने के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय इसे क्लीन चिट देगा. जबकि, श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच फरासु पिछले 4 साल से सक्रिय भूस्खलन जोन रहा है. जिसके ट्रीटमेंट के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है और इस पर कार्य शुरू हो गया है. जिसमें 13.7 करोड़ रुपये की धन राशि खर्च की जा रही है. वहीं, इस वर्ष भी चमधार और नरकोटा नए भूस्खलन जोन बने है, जिनके लिए जिसके लिए भी ट्रीटमेंट प्लान तैयार होने लगा है.

पढ़ें-दुबई पहुंची उत्तराखंड की सब्जियों की पहली खेप, बढ़ाएगी थाली का स्वाद

लोक निर्माण विभाग के लिए सहायक अभियंता राजीव शर्मा ने etv भारत से खास बातचीत में बताया कि फरासु भूस्खलन जोन के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है. इस साल इन भूस्खलन जोन में दिक्कतें नहीं आई लेकिन चमधार और नरकोटा नए भूस्खलन जोन बने हैं. जिसके लिए जीएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया जाना है. जल्द इन दोनों साइट का भी ट्रीटमेंट शुरू होगा.

श्रीनगर: ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग चारधाम यात्रा का मुख्य मार्ग है. यात्रा काल के दौरान इसी मार्ग से देश-विदेश के श्रद्धालु बदरीनाथ,केदारनाथ जाते हैं. हर दिन लाखों लोग इस मार्ग से यात्रा करते हैं लेकिन इन दिनों श्रीनगर से रुद्रप्रयाग के बीच दो नए भूस्खलन जोन डेवलप हो गए हैं. जिसके चलते 10 -10 घंटे राजमार्ग बाधित रहता है. लिहाजा, अब यात्रियों की परेशानी को देखते हुए लोक निर्माण विभाग खंड राजमार्ग अब इन लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट करने जा रहा है.

ऋषिकेश-बदरीनाथ एनएच मॉनसून के दौरान हजारों टन मलबा और बोल्डर पहाड़ी से सड़क पर आ जाता है. जिससे राजमार्ग पर आवाजाही बाधित रही है. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही हर समय दुर्घटना का भी खतरा बना रहता है.

ऋषिकेश-बदरीनाथ NH पर बने नए लैंडस्लाइड जोन का जल्द होगा ट्रीटमेंट.

लिहाजा, अब एनएच विभाग इन भूस्खलन जोन का ट्रीटमेंट करने जा रहा है. भूस्खलन राजमार्ग पर फरासु, चमधार और नरकोटा में भूस्खलन जो चिन्हित किये गए हैं. जिनका ट्रीटमेंट किया जाना है. हालांकि, इसमें भी कई तकनीकी पहलू हैं. जिसको लेकर etv भारत ने विभागीय अधिकारियों से बातचीत की है.

पढ़ें-CM पुष्कर सिंह धामी ने कैंसर पीड़िता की मदद को बढ़ाए हाथ, बोन मैरो होगा ट्रांसप्लाट

इनदिनों चार धाम सड़क परियोजना के तहत चारों धामो को जोड़ने वाले मार्गों पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है. जिससे कहीं ना कहीं पहाड़ियां कमजोर होकर दरक रही हैं. भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इन भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए भी प्लान तैयार किये हुए हैं. जिनका एक तकनीकी पहलू भी है. जिसके तहत पहले भूस्खलन जोन का जीएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया जाना है.

वहीं, सर्वेक्षण के बाद टीएचडीसी इसका डिजाइन और टेक्निकल आख्या बनाएगा. ये सब कुछ होने के बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय इसे क्लीन चिट देगा. जबकि, श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच फरासु पिछले 4 साल से सक्रिय भूस्खलन जोन रहा है. जिसके ट्रीटमेंट के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है और इस पर कार्य शुरू हो गया है. जिसमें 13.7 करोड़ रुपये की धन राशि खर्च की जा रही है. वहीं, इस वर्ष भी चमधार और नरकोटा नए भूस्खलन जोन बने है, जिनके लिए जिसके लिए भी ट्रीटमेंट प्लान तैयार होने लगा है.

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लोक निर्माण विभाग के लिए सहायक अभियंता राजीव शर्मा ने etv भारत से खास बातचीत में बताया कि फरासु भूस्खलन जोन के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है. इस साल इन भूस्खलन जोन में दिक्कतें नहीं आई लेकिन चमधार और नरकोटा नए भूस्खलन जोन बने हैं. जिसके लिए जीएसआई द्वारा सर्वेक्षण किया जाना है. जल्द इन दोनों साइट का भी ट्रीटमेंट शुरू होगा.

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