श्रीनगर: बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चमधार में बार-बार भूस्खलन होने से खतरा बना हुआ है. जिसकी वजह से यातायात अवरुद्ध है. खतरे को देखते हुए पुलिस ने रात में यातायात को वैकल्पिक रूटों पर डायवर्ट करने की योजना बना रही है. पौड़ी एसएसपी पी रेणुका देवी ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र चमधार का निरीक्षण किया. मार्ग की स्थिति को देखते हुए एतिहातन कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पुलिस को दोनों छोर पर बैरियर लगाने को कहा.
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चमधार में बार बार भूस्खलन से यातायात प्रभावित हो रही है. साथ ही लोगों की जान को खतरा है. जिसको देखते हुए पुलिस रात के वक्त यातायात वैकल्पिक रूटों पर डायवर्ट करने की योजना बना रही है. इसके लिए लोक निर्माण विभाग से राष्ट्रीय राजमार्ग की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट मांगी गई है. लोक निर्माण विभाग से चर्चा के बाद पुलिस अंधेरा होते ही यातायात रोक देगी, फिलहाल पुलिस ने वाहन चालकों से रात 8 बजे के बाद यात्रा न करने की अपील की है.
बता दें कि पिछले दो सप्ताह से एनएच 58 चमधार के पास हो रहा लैंडस्लाइड लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है. बार-बार बोल्डर आने मार्ग बंद हो रहा है. जो कई दिन तक नहीं खुल पा रहा है. जिसकी वजह से चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद को जाने वाली आवश्यक वस्तुएं नहीं पहुंच पा रही है. साथ में पहाड़ी से गिरने वाले पत्थरों के चलते दो जेसीबी मशीनें भी चकनाचूर हो गई हैं.
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एसएसपी ने बताया कि रुद्रप्रयाग-श्रीनगर के बीच यातायात अवरुद्ध होने पर टिहरी पुलिस से समन्वय करते हुए अन्य रूटों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया जाएगा. चमधार में सड़क बहुत संकरी है. सड़क के नीचे सीधे नदी है. दुर्घटना होने पर बचने का कोई रास्ता नहीं है. ऐसे में यहां यात्रा करते समय बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. पीडब्लूडी से भी रिपोर्ट मांगी गई है. यदि जरूरी हुआ तो रात होने पर ट्रैफिक रोक दिया जाएगा और सुरक्षित वैकल्पिक रूटों पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया जाएगा.
पौडी एसएसपी पी रेणुका ने बताया की लोक निर्माण विभाग से सड़क की वर्तमान स्थिति के बारे में पूछा गया है. अगर खतरा दिखाई पड़ता है तो मार्ग को रात्रि के समय बंद किया जाएगा. वाहनों को खिर्सू, टिहरी की तरफ डायवर्ट किया जायेगा. वहीं, लोक निर्माण विभाग के आधीसासी अभियंता राजीव शर्मा ने कहा कि पुलिस अगर चाहे तो पुराने जिओ के आधार पर 8 बजे मार्ग बंद करवा सकती है. उत्तर प्रदेश के समय में रात्रि 8 बजे बाद पहाड़ों में परिवहन सेवाएं वर्जित थी.