श्रीनगर: चारधाम देवस्थानम बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने गंगा के संगम पर सामूहिक मुंडन कराया. तीर्थ पुरोहितों ने सरकार पर हिंदू तीर्थों के प्रति भेदभावपूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की. तीर्थ पुरोहितों ने गंगाजल से संकल्प लिया कि जब तक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं किया जाएगा, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा.
चारधाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल की अगुवाई में तीर्थ पुरोहित अलकनंदा-भागीरथी के संगम पर पहुुंचे. उन्होंने देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. देवस्थानम बोर्ड को तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों के अधिकारों को खत्म करने की साजिश बताते हुए तीर्थ पुरोहितों ने सामूहिक मुंडन किया. साथ ही गंगाजल लेकर संकल्प लिया कि जब तक उनकी देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की एक सूत्रीय मांग सरकार नहीं मानती उनका विरोध जारी रहेगा.
महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि तीर्थ पुरोहित अभी सरकार से देवस्थानम बोर्ड भंग किए जाने की आस लगाए हैं. सरकार आज नहीं तो कल बोर्ड को भंग करेगी. यदि सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही तो बोर्ड के खिलाफ सरकार को उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने साफ किया कि बोर्ड भंग करने से कम कोई चीज मंजूर नहीं की जाएगी. इसके लिए तीर्थ पुरोहित और हक हकूकधारी किसी भी हद तक जा सकते हैं.
तीर्थ पुरोहित और विश्व हिंदू परिषद नेता अशोक टोडरिया ने कहा कि सरकार में अगर साहस है, तो वह अन्य धर्म के किसी तीर्थ और उपासना स्थल हेतु कोई बोर्ड गठित करके दिखाए. तीर्थ पुरोहित अत्रेश ध्यानी ने कहा कि सरकार चारधाम पर आश्रित तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों का उत्पीड़न करने पर तुली है. जिसे सहन नहीं किया जा सकता.
पढ़ें: देवस्थानम बोर्ड और मास्टर प्लान के विरोध में तीर्थ पुरोहितों ने कराया मुंडन
तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सरकार किसी अन्य धर्म के धर्मस्थलों को अपने अधीन करने की हिम्मत नहीं कर सकती है. वह केवल हिंदुओं के धर्म स्थलों को ही अपने नियंत्रण में लाने की कोशिश में जुटी है. भाजपा सरकार के कायदे कानून क्या हिंदुओं के लिए ही हैं.