देवप्रयाग: कुंभ नगरी देवप्रयाग में मकर संक्रांति के अवसर पर प्रस्तावित स्नान पर रोक लगाए जाने से तीर्थ पुरोहितों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश है. गुस्साए कांग्रेसियों व तीर्थ पुरोहितों प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भागीरथी पुल पर सरकार का पुतला फूंका और महाकुंभ स्नान पर लगी रोक को तत्काल हटाये जाने की मांग की.
इस मौके पर जिलाध्यक्ष हिमांशु बिजल्वाण ने प्रदेश सरकार द्वारा भगवान राम की तपस्थली गंगा तीर्थ देवप्रयाग में महाकुंभ स्नान पर रोक लगाए जाने को सनातन धर्म का अपमान बताया. उन्होंने कहा कि साल 2016 में कांग्रेस सरकार ने देवप्रयाग की महत्ता देखते इसको कुंभ क्षेत्र घोषित किया था, जिसको देखते इस बाद यहां आगामी 14 जनवरी मकर संक्रांति को स्नान प्रस्तावित था.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब हरिद्वार में कुंभ स्नान हो सकता है तो देवप्रयाग तीर्थ से क्यों सौतेला व्यवहार किया जा रहा है? यदि सरकार महाकुंभ में देवप्रयाग की अनदेखी करेगी, तो कांग्रेस क्षेत्रवासियों के साथ इस मुद्दे पर उग्र आंदोलन करेगी.
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इस मौके पर बदरीश पंडा पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मुकेश प्रयागवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार का रवैया यह सिद्ध करता है कि वह कुंभ मेला क्षेत्र का विस्तार पहाड़ों तक नहीं चाहती है, जिसका तीर्थ पुरोहित समाज व क्षेत्रवासी जमकर विरोध करेंगे.