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पौड़ी: शिक्षक दिवस पर पेंशन की मांग - शिक्षकों का प्रदर्शन

भारत में हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन इस बार राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चे की ओर से निर्णय लिया गया है कि 5 सितंबर को उन्हें शिक्षक सम्मान की बजाए पेंशन दी जाए.

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Published : Sep 4, 2020, 11:23 AM IST

पौड़ी: भारत में हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन उन सभी शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है जो अपने उत्कृष्ट कार्यों से शिक्षा विभाग का नाम रोशन कर रहे हैं. लेकिन इस बार राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की ओर से निर्णय लिया गया है कि 5 सितंबर को उन्हें शिक्षक सम्मान की बजाए पेंशन दी जाए. सभी शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी राज्य और केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है. इसको लेकर इस बार सभी शिक्षक ट्विटर पर अपील हैशटैग करते हुए प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे.

शिक्षकों ने सम्मान की जगह पेंशन मांगी.

पढ़ें: निकाह के 6 साल बाद दिया तीन तलाक, बीवी ने लगाई इंसाफ की गुहार

मोर्चा के मंडलीय अध्यक्ष जयदीप रावत ने बताया कि 5 सितंबर को शिक्षकों को शिक्षक सम्मान से पुरस्कृत किया जाता है. लेकिन इस बार वह इस सम्मान को नहीं लेंगे, बल्कि प्रदेश और केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें शिक्षक सम्मान देने के बजाय पुरानी पेंशन दी जाए. ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके. साल 2005 के बाद लगे कर्मचारी, अधिकारी और शिक्षक आदि को पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है. उनका कहा है कि इससे उनका भविष्य अंधेरे में है. वह राज्य व केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी पुरानी पेंशन बहाल की जाए.

पौड़ी: भारत में हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन उन सभी शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है जो अपने उत्कृष्ट कार्यों से शिक्षा विभाग का नाम रोशन कर रहे हैं. लेकिन इस बार राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की ओर से निर्णय लिया गया है कि 5 सितंबर को उन्हें शिक्षक सम्मान की बजाए पेंशन दी जाए. सभी शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी राज्य और केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है. इसको लेकर इस बार सभी शिक्षक ट्विटर पर अपील हैशटैग करते हुए प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे.

शिक्षकों ने सम्मान की जगह पेंशन मांगी.

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मोर्चा के मंडलीय अध्यक्ष जयदीप रावत ने बताया कि 5 सितंबर को शिक्षकों को शिक्षक सम्मान से पुरस्कृत किया जाता है. लेकिन इस बार वह इस सम्मान को नहीं लेंगे, बल्कि प्रदेश और केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें शिक्षक सम्मान देने के बजाय पुरानी पेंशन दी जाए. ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके. साल 2005 के बाद लगे कर्मचारी, अधिकारी और शिक्षक आदि को पुरानी पेंशन नहीं दी जा रही है. उनका कहा है कि इससे उनका भविष्य अंधेरे में है. वह राज्य व केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनकी पुरानी पेंशन बहाल की जाए.

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