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कोटद्वार में अवैध खनन को रोकने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स, चैक पोस्ट पर लगेंगे CCTV कैमरे - Task force constituted for illegal mining in Kotdwar

कोटद्वार में अवैध खनन को रोकने के लिए टास्क फोर्स बनाई जाएगी. इसके साथ ही चिल्लरखाल और कौड़िया चैक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है.

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कोटद्वार में अवैध खनन को रोकने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स
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Published : Oct 2, 2020, 6:43 PM IST

कोटद्वार: अवैध खनन को लेकर ईटीवी भारत द्वारा प्रकाशित खबर का प्रशासन ने संज्ञान लिया है. कोटद्वार प्रशासन ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए चिल्लरखाल और कौड़िया चैक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही इस काम में लगे सभी मजदूरों का भी सत्यापन किया जाएगा. इसके साथ ही मालन नदी में पकड़े जाने पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की भी बात कही जा रही है. अवैध रवन्ने को जांच के लिए टास्क फोर्स व क्यूआर कोड मशीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

कोटद्वार में अवैध खनन को रोकने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स
जानकारी के मुताबिक खोह नदी, मालन नदी, सुखरौ नदी, सिग्गडी सोत नदी में पिछले काफी लंबे समय से दिन-रात अवैध खनन किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से रात के समय में अवैध खनन करने के लिए सैकड़ो मजदूर आते हैं और सुबह होते ही वापस लौट जाते हैं. प्रशासन को इस मामले में पिछले काफी समय से स्थानीय लोगों से शिकायतें मिल रही थी. बावजूद इसके भी प्रशासन चैन की नींद सोता रहा.

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ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेने के बाद प्रशासन ने इस ममाले में जानकारी जुटाई. तो पता चला कि परिवहन विभाग कोटद्वार के कार्यालय में 228 ट्रैक्टर ट्रॉली कमर्शियल और 310 ट्रैक्टर ट्रॉली कृषि में पंजीकृत हैं, कृषि में पंजीकृत ट्रैक्टर ट्रॉली भी खनन में प्रयुक्त की जा रही हैं. अवैध खनन में प्रयोग ट्रैक्टर ट्रॉली पर हाइड्रोलिक लगाया गया है. जबकि, मोटर अधिनियम के तहत किसी भी वाहन के मॉडल में छेड़छाड़ करना मोटर यान अधिनियम का उल्लंघन है.

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कोटद्वार उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि कोटद्वार क्षेत्र के अंतर्गत अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी क्रम में संज्ञान में आया कि जो ट्रैक्टर से सलंग्न ट्रॉली रहती है, उसमें तमाम खामियां पाई गई हैं, अधिकांश ट्रैक्टर ट्राली एग्रीकल्चर क्षेत्र में पंजीकृत हैं. उसके बावजूद कमर्शियल एक्टिविटी में लगी हुई हैं. इनकी धरपकड़ के दौरान जब कभी प्रशासन की टीम इन ट्रैक्टर ट्रॉली का पीछा करती है तो इनके द्वारा ट्रॉली में लगे हाइड्रोलिक की मदद से उसे पलट दिया जाता है. इसलिए जिन ट्रैक्टर ट्रॉलियों में हाइड्रोलिक लगी हुई है व एग्रीकल्चर में रजिस्टर्ड हैं, कमर्शियल यूज में लगी हुई है उनके खिलाफ मोटर यान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को स्पेशल ही निर्देशित कर दिया गया है.

पढ़ें-उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पहली बर्फबारी, ठंड ने दी दस्तक

उन्होंने कहा इस तरह के मामलों पर नजर रखने के लिए चिल्लरखाल और कौड़िया चैक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही इस काम में लगे सभी मजदूरों का भी सत्यापन किया जाएगा. इसके साथ ही मालन नदी में पकड़े जाने पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की भी बात कही जा रही है. अवैध रवन्ने को जांच के लिए टास्क फोर्स व क्यूआर कोड मशीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

कोटद्वार: अवैध खनन को लेकर ईटीवी भारत द्वारा प्रकाशित खबर का प्रशासन ने संज्ञान लिया है. कोटद्वार प्रशासन ने अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए चिल्लरखाल और कौड़िया चैक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही इस काम में लगे सभी मजदूरों का भी सत्यापन किया जाएगा. इसके साथ ही मालन नदी में पकड़े जाने पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की भी बात कही जा रही है. अवैध रवन्ने को जांच के लिए टास्क फोर्स व क्यूआर कोड मशीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

कोटद्वार में अवैध खनन को रोकने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स
जानकारी के मुताबिक खोह नदी, मालन नदी, सुखरौ नदी, सिग्गडी सोत नदी में पिछले काफी लंबे समय से दिन-रात अवैध खनन किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों से रात के समय में अवैध खनन करने के लिए सैकड़ो मजदूर आते हैं और सुबह होते ही वापस लौट जाते हैं. प्रशासन को इस मामले में पिछले काफी समय से स्थानीय लोगों से शिकायतें मिल रही थी. बावजूद इसके भी प्रशासन चैन की नींद सोता रहा.

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ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेने के बाद प्रशासन ने इस ममाले में जानकारी जुटाई. तो पता चला कि परिवहन विभाग कोटद्वार के कार्यालय में 228 ट्रैक्टर ट्रॉली कमर्शियल और 310 ट्रैक्टर ट्रॉली कृषि में पंजीकृत हैं, कृषि में पंजीकृत ट्रैक्टर ट्रॉली भी खनन में प्रयुक्त की जा रही हैं. अवैध खनन में प्रयोग ट्रैक्टर ट्रॉली पर हाइड्रोलिक लगाया गया है. जबकि, मोटर अधिनियम के तहत किसी भी वाहन के मॉडल में छेड़छाड़ करना मोटर यान अधिनियम का उल्लंघन है.

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कोटद्वार उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि कोटद्वार क्षेत्र के अंतर्गत अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी क्रम में संज्ञान में आया कि जो ट्रैक्टर से सलंग्न ट्रॉली रहती है, उसमें तमाम खामियां पाई गई हैं, अधिकांश ट्रैक्टर ट्राली एग्रीकल्चर क्षेत्र में पंजीकृत हैं. उसके बावजूद कमर्शियल एक्टिविटी में लगी हुई हैं. इनकी धरपकड़ के दौरान जब कभी प्रशासन की टीम इन ट्रैक्टर ट्रॉली का पीछा करती है तो इनके द्वारा ट्रॉली में लगे हाइड्रोलिक की मदद से उसे पलट दिया जाता है. इसलिए जिन ट्रैक्टर ट्रॉलियों में हाइड्रोलिक लगी हुई है व एग्रीकल्चर में रजिस्टर्ड हैं, कमर्शियल यूज में लगी हुई है उनके खिलाफ मोटर यान अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को स्पेशल ही निर्देशित कर दिया गया है.

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उन्होंने कहा इस तरह के मामलों पर नजर रखने के लिए चिल्लरखाल और कौड़िया चैक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही इस काम में लगे सभी मजदूरों का भी सत्यापन किया जाएगा. इसके साथ ही मालन नदी में पकड़े जाने पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की भी बात कही जा रही है. अवैध रवन्ने को जांच के लिए टास्क फोर्स व क्यूआर कोड मशीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

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