कोटद्वार: नगर निगम के वार्ड नंबर 12 के कालिदास मार्ग पर 2018 में लाखों रुपए की लागत से एक नाला का निर्माण किया गया था. जो वर्तमान में नगर वासियो के लिए मुसीबत का सबब बन गया है. लोगों का आरोप है कि पूर्व में जब कोटद्वार नगरपालिका नगर निगम में तब्दील हुई थी, तब नगर निगम का कार्यभार प्रशासन देख रहा था. उस दौरान घटिया सामग्री से नाले का निर्माण कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया. जिसकी वजह से नालों का ढक्कन जगह-जगह से टूट रहा है.
कोटद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 12 में करीब 4 लाख 23 हजार की राशि से एक 140 मीटर लंबा नाले का निर्माण हुआ था. जिसमें ठेकेदार ने नाले के ढक्कन बनाने में एक हजार किलो सरिया लगाया था, लेकिन नाले में घटिया सामग्री का उपयोग किए जाने से नाले का ढक्कन राहगीरों के चलने से ही टूट रहा है. जिसकी शिकायत रेजीडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा नगर निगम से की गई, लेकिन नगर निगम ने शिकायत पर कोई भी संज्ञान नहीं लिया है.
ये भी पढ़े: स्पा सेंटर बंद होने से व्यापारी परेशान, एसोसिएशन ने स्पीकर को सौंपा ज्ञापन
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह गुसांई ने सूचना का अधिकार में नाले और सड़क की निर्माण की जरूरी सूचना मांगी तो नगर निगम द्वारा गोलमोल सूचना देकर गुमराह किया गया. वहीं, राजेन्द्र सिंह गुसांई ने कहा कि मैंने सूचना के अधिकार में उच्च अधिकारियों के समक्ष अपील की है. अगर वहां पर भी मुझे सही जवाब नहीं मिला तो मैं सूचना आयुक्त के पास जाऊंगा. उसके बाद न्यायालय की शरण में जाऊंगा, लेकिन नाले का पुनर्निमाण करवाकर ही सांस लूंगा.
वहीं, मामले में स्थानीय निवासी विनोद चंद्र कुकरेती ने कहा कि जब इस नाले का निर्माण हो रहा था, उस दौरान मेरे द्वारा शिकायत की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. सीएम हेल्पलाइन में भी इसकी शिकायत की गई थी तब भी कोई फायदा नहीं हुआ. 2018 में इस नाले का निर्माण हुआ था. नाले का ढक्कन पैदल चलने वाले राहगीरों से टूट गया है. जिस कारण वार्ड के दर्जनों बच्चे रोजाना घायल हो रहे हैं. नगर निगम द्वारा गोलमोल जवाब देना दर्शाता है कि नाला निर्माण में घोटाला हुआ है.