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त्रिवेंद्र सरकार पर लगाया युवाओं से धोखा करने का आरोप, छात्र नेताओं ने CM को भेजा ज्ञापन

युवा छात्रों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन भेजा है. छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते बाहर रह रहे प्रदेश के युवा अपने घर लौट आए हैं. ऐसे में सरकार को नौकरियां निकालनी चाहिए, न कि नौकरियों पर एक साल तक पाबंदी लगानी चाहिए.

छात्र नेताओं ने CM को भेजा ज्ञापन
छात्र नेताओं ने CM को भेजा ज्ञापन
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Published : Jun 15, 2020, 4:44 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 10:59 PM IST

पौड़ी: उत्तराखंड शासन की ओर से बीते 10 जून को एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें साफ किया गया था कि आगामी 1 साल तक स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को छोड़कर किसी भी सरकारी विभाग में कोई भी पद सृजित नहीं किए जाएंगे. जिसका युवा छात्रों ने विरोध किया है और आज जिलाधिकारी पौड़ी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस आदेश को वापस लेने की मांग की है.

इन युवा छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश का युवा नौकरियों के लिए तरस रहा है. जहां प्रदेश सरकार को सरकारी नौकरियों के साथ-साथ विभिन्न नौकरियों की व्यवस्था करनी चाहिए थी, वहीं सरकार इस तरह के आदेश जारी कर युवाओं के भविष्य को अंधेरे में धकेलने का काम कर रही है. जिसका वे विरोध करते हैं.

छात्र नेताओं ने CM को भेजा ज्ञापन

पौड़ी के युवा छात्रों ने आज जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल से मुलाकात कर उनके माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेजकर मांग की है कि जिस तरह से सरकार की ओर से 1 साल तक नए पदों को सृजित करने पर रोक लगाई है, तुरंत इस रोक को हटाया जाए.

पढ़ेंः उत्तराखंड: शिक्षक को पहले बनाया प्रिंसिपल फिर हटाया, अब शिक्षा मंत्री ने दिए ये आदेश

छात्र मोहित ने बताया कि आज प्रदेश के युवाओं को नौकरी की आवश्यकता है. उत्तराखंड से बाहर विभिन्न जगहों पर नौकरी करने वाले युवा आज अपने प्रदेश में वापस आ चुके हैं. ऐसे में सरकार के पास उन युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों व अन्य नौकरी देने का विकल्प होना चाहिए. लेकिन इसके उलट प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों को 1 साल तक बंद कर दिया है. इस आदेश को सरकार तुरंत वापस ले, अन्यथा युवाओं के भविष्य को देखते हुए वह अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे और उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

पौड़ी: उत्तराखंड शासन की ओर से बीते 10 जून को एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें साफ किया गया था कि आगामी 1 साल तक स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को छोड़कर किसी भी सरकारी विभाग में कोई भी पद सृजित नहीं किए जाएंगे. जिसका युवा छात्रों ने विरोध किया है और आज जिलाधिकारी पौड़ी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस आदेश को वापस लेने की मांग की है.

इन युवा छात्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश का युवा नौकरियों के लिए तरस रहा है. जहां प्रदेश सरकार को सरकारी नौकरियों के साथ-साथ विभिन्न नौकरियों की व्यवस्था करनी चाहिए थी, वहीं सरकार इस तरह के आदेश जारी कर युवाओं के भविष्य को अंधेरे में धकेलने का काम कर रही है. जिसका वे विरोध करते हैं.

छात्र नेताओं ने CM को भेजा ज्ञापन

पौड़ी के युवा छात्रों ने आज जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल से मुलाकात कर उनके माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र भेजकर मांग की है कि जिस तरह से सरकार की ओर से 1 साल तक नए पदों को सृजित करने पर रोक लगाई है, तुरंत इस रोक को हटाया जाए.

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छात्र मोहित ने बताया कि आज प्रदेश के युवाओं को नौकरी की आवश्यकता है. उत्तराखंड से बाहर विभिन्न जगहों पर नौकरी करने वाले युवा आज अपने प्रदेश में वापस आ चुके हैं. ऐसे में सरकार के पास उन युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों व अन्य नौकरी देने का विकल्प होना चाहिए. लेकिन इसके उलट प्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों को 1 साल तक बंद कर दिया है. इस आदेश को सरकार तुरंत वापस ले, अन्यथा युवाओं के भविष्य को देखते हुए वह अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे और उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

Last Updated : Jun 15, 2020, 10:59 PM IST
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