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HNB विवि के श्रीनगर और चौरास कैंपस की बदलेगी सूरत, आय बढ़ाने की कवायद तेज - will reduce carbon emissions

हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के श्रीनगर और चौरास कैंपस की काया बदली जाएगी. जिसके लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है.

garhwal
आय बढ़ाएगा ग्रीन कैंपस
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Published : Jul 8, 2021, 10:55 AM IST

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के श्रीनगर और चौरास कैंपस को ग्रीन कैंपस में बदलने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है. जिसकी देखरेख में विश्वविद्यालय के ये दोनों कैंपस ग्रीन कैंपस बनाये जाएंगे. ये दोनों कैंपस प्रदेश के पहले ऐसे कैंपस होंगे जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए बनाए जा रहे हैं, साथ ही इसका लक्ष्य विश्वविद्यालय की आय को बढ़ाना भी होगा.

गढ़वाल विश्वविद्यालय के श्रीगनर और चौरास कैंपस में फॉरेस्ट प्लांटेशन, हॉर्टिकल्चर, एवेन्यू प्लांटेशन किया जाएगा. जिसके तहत हॉर्टिकल्चर प्लांटेशन के तहत आम, अमरूद, अनार, नींबू की पौध लगाए जाएंगी. बाद में इनके फलदार होने पर इनकी मार्केटिंग की जाएगी.

श्रीनगर और चौरास कैंपस की बदलेगी सूरत.

ये भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में अजय भट्ट को मिली जगह, रक्षा मंत्रालय और पर्यटन में बने राज्य मंत्री

बता दें कि, गढ़वाल विश्वविद्यालय में ग्रीन कैंपस बनाने के लिए एवेन्यू प्लांटेशन के द्वारा सजावटी पौध लगाकर इन्हें मार्केट में विक्रय के लिए भेजा जाएगा. जिससे विश्वविद्यालय की आय में तो वृद्धि होगी. जहां इनकी प्रजातियों पर शोध कर नई प्रजातियों को विकसित करने का काम भी किया जाएगा. विश्वविद्यालय के ऊष्ण पादपीय शोध संस्थान (हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर) में वरिष्ठ वैज्ञानिक विजयकांत पुरोहित ने बताया कि ग्रीन कैंपस बनाने का सबसे बड़ा कारण कार्बन उत्सर्जन के साथ ही विश्वविद्यालय अपने आय के स्रोत को भी बढ़ाना चाहता है. वहीं नए शोध के जरिए नई प्रजातियों को उत्पन्न करके इससे रोजगार सृजन करना इस ग्रीन कैंपस का लक्ष्य है.

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के श्रीनगर और चौरास कैंपस को ग्रीन कैंपस में बदलने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है. जिसकी देखरेख में विश्वविद्यालय के ये दोनों कैंपस ग्रीन कैंपस बनाये जाएंगे. ये दोनों कैंपस प्रदेश के पहले ऐसे कैंपस होंगे जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए बनाए जा रहे हैं, साथ ही इसका लक्ष्य विश्वविद्यालय की आय को बढ़ाना भी होगा.

गढ़वाल विश्वविद्यालय के श्रीगनर और चौरास कैंपस में फॉरेस्ट प्लांटेशन, हॉर्टिकल्चर, एवेन्यू प्लांटेशन किया जाएगा. जिसके तहत हॉर्टिकल्चर प्लांटेशन के तहत आम, अमरूद, अनार, नींबू की पौध लगाए जाएंगी. बाद में इनके फलदार होने पर इनकी मार्केटिंग की जाएगी.

श्रीनगर और चौरास कैंपस की बदलेगी सूरत.

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बता दें कि, गढ़वाल विश्वविद्यालय में ग्रीन कैंपस बनाने के लिए एवेन्यू प्लांटेशन के द्वारा सजावटी पौध लगाकर इन्हें मार्केट में विक्रय के लिए भेजा जाएगा. जिससे विश्वविद्यालय की आय में तो वृद्धि होगी. जहां इनकी प्रजातियों पर शोध कर नई प्रजातियों को विकसित करने का काम भी किया जाएगा. विश्वविद्यालय के ऊष्ण पादपीय शोध संस्थान (हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर) में वरिष्ठ वैज्ञानिक विजयकांत पुरोहित ने बताया कि ग्रीन कैंपस बनाने का सबसे बड़ा कारण कार्बन उत्सर्जन के साथ ही विश्वविद्यालय अपने आय के स्रोत को भी बढ़ाना चाहता है. वहीं नए शोध के जरिए नई प्रजातियों को उत्पन्न करके इससे रोजगार सृजन करना इस ग्रीन कैंपस का लक्ष्य है.

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