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सख्त हुआ परिवहन विभाग, अब वाहनों में गति नियंत्रक यंत्र लगाना अनिवार्य

उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में होती है. सड़क हादसों की अहम वजह वाहन की तेज रफ्तार है. इसी को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने सभी कमर्शियल वाहनों में गति नियंत्रक यंत्र लगाना अनिवार्य कर दिया.

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वाहनों में लगाना होगा गति नियंत्रक यंत्र.
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Published : Dec 1, 2019, 8:23 AM IST

Updated : Dec 1, 2019, 5:08 PM IST

पौड़ी: पहाड़ों में लगातार तेज रफ्तार के चलते सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इसी क्रम में परिवहन विभाग प्रदेश में चलने वाले सभी कमर्शियल वाहनों में गति नियंत्रक यंत्र लगवाए जा रहे हैं. जिससे वाहन की गति सीमित रहेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी. वहीं, परिवहन विभाग की ओर से निर्देशित किया गया है कि सभी वाहनों को यह यंत्र लगाना अनिवार्य है. यदि यंत्र होने के बाद भी कोई वाहन चालक इसका प्रयोग नहीं करता है तो उसका चालान किया जाएगा.

गौर हो कि, उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में होती है. सड़क हादसों की अहम वजह वाहन की तेज रफ्तार है. इसी को लेकर परिवहन विभाग द्वारा सभी कमर्शियल वाहनों पर गति नियंत्रक यंत्र की चेकिंग की जा रही है. बहुत से ऐसे वाहन हैं जिनमें गति नियंत्रक यंत्र लगने के बाद भी उसका प्रयोग नहीं किया जा रहा है. वहीं, कुछ वाहनों में अभी तक गति नियंत्रक यंत्र नहीं लगवाए गए हैं.

परिवहन विभाग के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी परिवर्तन राजेंद्र विटारिया ने बताया कि कमर्शियल वाहनों पर गति नियंत्रक यंत्र लगाने से गति में नियंत्रण होगा. जिससे एक सीमित गति में ही वाहनों को चलाया जा सकेगा और सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग पाएगी. उनका कहना है कि विभाग द्वारा लगातार वाहनों की चेकिंग जारी है. इसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से रोकना है.

पौड़ी: पहाड़ों में लगातार तेज रफ्तार के चलते सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इसी क्रम में परिवहन विभाग प्रदेश में चलने वाले सभी कमर्शियल वाहनों में गति नियंत्रक यंत्र लगवाए जा रहे हैं. जिससे वाहन की गति सीमित रहेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी. वहीं, परिवहन विभाग की ओर से निर्देशित किया गया है कि सभी वाहनों को यह यंत्र लगाना अनिवार्य है. यदि यंत्र होने के बाद भी कोई वाहन चालक इसका प्रयोग नहीं करता है तो उसका चालान किया जाएगा.

गौर हो कि, उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में होती है. सड़क हादसों की अहम वजह वाहन की तेज रफ्तार है. इसी को लेकर परिवहन विभाग द्वारा सभी कमर्शियल वाहनों पर गति नियंत्रक यंत्र की चेकिंग की जा रही है. बहुत से ऐसे वाहन हैं जिनमें गति नियंत्रक यंत्र लगने के बाद भी उसका प्रयोग नहीं किया जा रहा है. वहीं, कुछ वाहनों में अभी तक गति नियंत्रक यंत्र नहीं लगवाए गए हैं.

परिवहन विभाग के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी परिवर्तन राजेंद्र विटारिया ने बताया कि कमर्शियल वाहनों पर गति नियंत्रक यंत्र लगाने से गति में नियंत्रण होगा. जिससे एक सीमित गति में ही वाहनों को चलाया जा सकेगा और सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग पाएगी. उनका कहना है कि विभाग द्वारा लगातार वाहनों की चेकिंग जारी है. इसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से रोकना है.

Intro:पहाड़ी क्षेत्रों में तेज रफ्तार से होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए वाहनों में गति नियंत्रक यंत्र लगवाए जा रहे हैं जिससे कि वाहन की गति सीमित रहेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी वहीं सभी कमर्शियल वाहनों की ओर से शुरुआत में इसका विरोध किया गया था लेकिन अब सभी नए वाहनों में यह यंत्र लगकर वाहन मिल रहे हैं वही परिवहन विभाग की ओर से निर्देशित किया गया है कि सभी वाहनों को यह यंत्र लगाना अनिवार्य हैम यदि यंत्र होने के बाद भी कोई वाहन चालक इसका प्रयोग नहीं करता है तो उसका चालान किया जाएगा और जो वाहन इस यंत्र के बिना वाहन चलाएगा उसकी फिटनेस नहीं की जाएगी वहीं विभाग की ओर से इसके लिए समय-समय पर चेकिंग भी की जा रही है।


Body:पहाड़ो में लगातार तेज रफ्तार के चलते सड़क दुर्घटनाएं होती है जिसको रोकने के लिए परिवहन विभाग की ओर से सभी कमर्शियल वाहनों पर गति नियंत्रक यंत्र की चेकिंग की जा रही है बहुत से ऐसे वाहन है जिनमें गति नियंत्रक यंत्र लगने के बाद भी उसका प्रयोग नहीं किया जा रहा है वहीं कुछ वाहनों में अभी तक गति नियंत्रक यंत्र नहीं लगवाए गए हैं जिनसे जुर्माना भी वसूला जा रहा है। वहीं परिवहन विभाग के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी परिवर्तन राजेंद्र विटारिया ने बताया कि कमर्शियल वाहनों पर गति नियंत्रक यंत्र लगाने से उनकी गति में नियंत्रण आ जाता है जिससे कि एक सीमित गति से ही वाहनों को चलाया जाएगा जिससे कि सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग पाएगी वहीं उनकी ओर से समय-समय पर वाहनों की चेकिंग भी की जा रही है जो वाहन यंत्र लगाने के बाद भी उसका प्रयोग नहीं कर रहे हैं उनसे जुर्माना वसूला जा रहा है और जिन वाहनों में अभी तक या यंत्र नहीं लगाया गया है उनकी फिटनेस नहीं की जा रही है उनका मुख्य उद्देश्य है कि सड़क दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लग सके और आने वाले समय पर इसी तरह से चेकिंग अभियान चलाए जाएंगे।
बाईट-राजेंद्र विटारिया
नोट-कुछ फोटो मेल की है।


Conclusion:
Last Updated : Dec 1, 2019, 5:08 PM IST
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