पौड़ी: पहाड़ों में लगातार तेज रफ्तार के चलते सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इसी क्रम में परिवहन विभाग प्रदेश में चलने वाले सभी कमर्शियल वाहनों में गति नियंत्रक यंत्र लगवाए जा रहे हैं. जिससे वाहन की गति सीमित रहेगी और सड़क दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी. वहीं, परिवहन विभाग की ओर से निर्देशित किया गया है कि सभी वाहनों को यह यंत्र लगाना अनिवार्य है. यदि यंत्र होने के बाद भी कोई वाहन चालक इसका प्रयोग नहीं करता है तो उसका चालान किया जाएगा.
गौर हो कि, उत्तराखंड में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में होती है. सड़क हादसों की अहम वजह वाहन की तेज रफ्तार है. इसी को लेकर परिवहन विभाग द्वारा सभी कमर्शियल वाहनों पर गति नियंत्रक यंत्र की चेकिंग की जा रही है. बहुत से ऐसे वाहन हैं जिनमें गति नियंत्रक यंत्र लगने के बाद भी उसका प्रयोग नहीं किया जा रहा है. वहीं, कुछ वाहनों में अभी तक गति नियंत्रक यंत्र नहीं लगवाए गए हैं.
परिवहन विभाग के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी परिवर्तन राजेंद्र विटारिया ने बताया कि कमर्शियल वाहनों पर गति नियंत्रक यंत्र लगाने से गति में नियंत्रण होगा. जिससे एक सीमित गति में ही वाहनों को चलाया जा सकेगा और सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लग पाएगी. उनका कहना है कि विभाग द्वारा लगातार वाहनों की चेकिंग जारी है. इसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से रोकना है.