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कोटद्वारः शेखर हत्याकांड का खुलासा, हिस्ट्रीशीटर डब्बू की हत्या करने आये थे बदमाश

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Published : Aug 28, 2019, 5:11 PM IST

Updated : Aug 28, 2019, 7:39 PM IST

पुलिस ने शेखर हत्याकांड का खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार शेखर की हत्या अवैध वसूली को लेकर की गई थी. 13 अगस्त को शेखर की हत्या हुई थी. मामले में पुलिस ने दो हत्यारों को 32 बोर की पिस्टल व 315 बोर के तमंचे के साथ पकड़ा है. आरोपी मोनू मलिक पर 7 मुकदमें और भारतवीर पर दो मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं.

शेखर हत्याकांड

कोटद्वारः 13 अगस्त को हुए शेखर हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. अवैध वसूली के चक्कर में शेखर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शेखर केबल ऑपरेटर का काम करता था. हत्याकांड में शातिर भारत वीर पुत्र कर्णपाल और मोनू मलिक दोनों निवासी नारसन कला बड़ी थाना मंगलौर जिला हरिद्वार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से एक पिस्टल 32 बोर, एक तमंचा 315 बोर, 6 जिंदा कारतूस और घटना में उपयोग में लाई गई मोटरसाइकिल uk08p 8754 बरामद की गई है.

शेखर हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा.

पढ़ें- NH-74 घोटाला: 9 करोड़ मुआवजा लेकर कनाडा भागने वाला किसान लौटा वापस, किया सरेंडर

पौड़ी जिले के कोटद्वार में गत 13 अगस्त को दिनदहाड़े हुई देहरादून के युवक शेखर चंद्र ढौंडियाल की हत्या का खुलासा कोतवाली पुलिस ने करने का दावा किया है. पुलिस के अनुसार शेखर की हत्या का कारण अवैध वसूली मान रही है. लेकिन वसूली किससे की जानी थी, ये पुलिस नहीं बता पा रही है. जबकि लोगों का कहना है कि यह एक सुनियोजित हत्याकांड है. जेल में बैठे अपराधी फोन से निर्देश देकर कोटद्वार में लगातार हत्याओं का प्लान बना रहे हैं, लेकिन पुलिस इसपर रोक लगाने में नाकामयाब रही है. हर बार पुलिस हत्या होने के बाद उसमें लीपापोती कर जांच पूरी कर देती है.

सूत्रों की मानें तो पूर्व हिस्ट्रीशीटर योगेंबर उर्फ डब्बू को मारने का साजिश थी, लेकिन बदमाशों ने शेखर को गोली मार दी. बताया जा रहा है कि जेल में बंद सुरेंद्र उर्फ सूरी ने योगेंद्र की हत्या की सुपारी दी थी. अपराधी रुपेश त्यागी ने हत्या के लिए शूटर भेजे थे.

पढ़ें- आज ही के दिन पूनम की हुई थी बेरहमी से हत्या, सालभर से इंसाफ की आस में परिवार

हत्यारों के तार 13 सितंबर 2017 को हुई एडवोकेट सुशील रघुवंशी हत्याकांड से भी जुड़े हैं. पुलिस की मानें तो हत्यारे वारदात को अंजाम देने के लिए 3 दिन से रेकी कर रहे थे. पुलिस का कहना है कि बदमाशों ने डराने के लिए गोली चलाई गई थी, जो कि शेखर को लग गई और उसकी मौत हो गई.

जब रंगदारी का मामला केवल मालिकों से था तो शेखर पर गोली क्यों चलाई गयी, यह एक बड़ा सवाल है. पुलिस की कहानी में बहुत सारे झोल नजर आ रहे हैं. वहीं मृतक के भाई का कहना है कि अगर हत्यारे उसके भाई को मारने के लिए नहीं आए थे तो फिर उन्होंने उस पर गोली क्यों चलाई ? वह अगर 3 दिन से रेकी कर रहे थे तो उन्होंने और किसी पर गोली क्यों नहीं चलाई? यह एक बड़ा सवाल है. मृतक के भाई ने कहा कि पुलिस की ऐसी कार्यप्रणाली में कोई भी सुरक्षित नहीं है.

कोटद्वारः 13 अगस्त को हुए शेखर हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. अवैध वसूली के चक्कर में शेखर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. शेखर केबल ऑपरेटर का काम करता था. हत्याकांड में शातिर भारत वीर पुत्र कर्णपाल और मोनू मलिक दोनों निवासी नारसन कला बड़ी थाना मंगलौर जिला हरिद्वार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से एक पिस्टल 32 बोर, एक तमंचा 315 बोर, 6 जिंदा कारतूस और घटना में उपयोग में लाई गई मोटरसाइकिल uk08p 8754 बरामद की गई है.

शेखर हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा.

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पौड़ी जिले के कोटद्वार में गत 13 अगस्त को दिनदहाड़े हुई देहरादून के युवक शेखर चंद्र ढौंडियाल की हत्या का खुलासा कोतवाली पुलिस ने करने का दावा किया है. पुलिस के अनुसार शेखर की हत्या का कारण अवैध वसूली मान रही है. लेकिन वसूली किससे की जानी थी, ये पुलिस नहीं बता पा रही है. जबकि लोगों का कहना है कि यह एक सुनियोजित हत्याकांड है. जेल में बैठे अपराधी फोन से निर्देश देकर कोटद्वार में लगातार हत्याओं का प्लान बना रहे हैं, लेकिन पुलिस इसपर रोक लगाने में नाकामयाब रही है. हर बार पुलिस हत्या होने के बाद उसमें लीपापोती कर जांच पूरी कर देती है.

सूत्रों की मानें तो पूर्व हिस्ट्रीशीटर योगेंबर उर्फ डब्बू को मारने का साजिश थी, लेकिन बदमाशों ने शेखर को गोली मार दी. बताया जा रहा है कि जेल में बंद सुरेंद्र उर्फ सूरी ने योगेंद्र की हत्या की सुपारी दी थी. अपराधी रुपेश त्यागी ने हत्या के लिए शूटर भेजे थे.

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हत्यारों के तार 13 सितंबर 2017 को हुई एडवोकेट सुशील रघुवंशी हत्याकांड से भी जुड़े हैं. पुलिस की मानें तो हत्यारे वारदात को अंजाम देने के लिए 3 दिन से रेकी कर रहे थे. पुलिस का कहना है कि बदमाशों ने डराने के लिए गोली चलाई गई थी, जो कि शेखर को लग गई और उसकी मौत हो गई.

जब रंगदारी का मामला केवल मालिकों से था तो शेखर पर गोली क्यों चलाई गयी, यह एक बड़ा सवाल है. पुलिस की कहानी में बहुत सारे झोल नजर आ रहे हैं. वहीं मृतक के भाई का कहना है कि अगर हत्यारे उसके भाई को मारने के लिए नहीं आए थे तो फिर उन्होंने उस पर गोली क्यों चलाई ? वह अगर 3 दिन से रेकी कर रहे थे तो उन्होंने और किसी पर गोली क्यों नहीं चलाई? यह एक बड़ा सवाल है. मृतक के भाई ने कहा कि पुलिस की ऐसी कार्यप्रणाली में कोई भी सुरक्षित नहीं है.

Intro:summary पुलिस ने शेखर हत्याकांड का किया खुलासा, पुलिस बता रही थी अवैध वसूली का मामला, मृतक केवल ऑपरेटर का काम करता था, 13 अगस्त को हुई थी हत्या, पुलिस ने दो हत्यारों को मैं 32 बोर की पिस्टल व 315 बोर का तमंचा और बाइक सहित किया गिरफ्तार। अभियुक्त गणों का पूर्व अपराधिक इतिहास रहा है, मोनू मलिक पर 7 मुकदमें और भारतवीर पर दो मुकदमे पूर्व में ही दर्ज हैं।

intro शेखर हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा पुलिस, पुलिस बता रही है अवैध वसूली का मामला, मृतक केबल ऑपरेटर का काम करता था, 13 अगस्त को हुई थी शेखर की हत्या।
13 अगस्त को हुई शेखर की हत्या को पुलिस अवैध वसूली का मामला मान रही है लेकिन वसूली किससे की जानी थी ये पुलिस बताने में ना कामयाब रही जबकि लोगों का कहना है कि यह एक सुनियोजित हत्याकांड है , जेल में बैठे अपराधी फोन से निर्देश देकर कोटद्वार में लगातार हत्याओं का प्लान बना रहे हैं, लेकिन पुलिस इस को रोक लगाने में नाकामयाब रही है, हर बार पुलिस हत्या होने के बाद उसमें लीपापोती कर जांच पूरी कर देती है।




Body:विओ1- सूत्रों की मानें तो पूर्व हिस्ट्रीशीटर योगेंद्र उर्फ डब्बू को मारने आए थे हत्यारो को जेल में बैठे सुरेंद्र उर्फ सूरी ने दी थी योगेंद्र उर्फ डब्बू की हत्या करने की सुपारी, दुर्दांत अपराधी रुपेश त्यागी ने कराये थे सूटर उपलब्ध।
हत्यारों के तार 13 सितंबर 2017 को हुई एडवोकेट सुशील रघुवंशी के हत्याकांड से जुड़े हैं, कोटद्वार में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर वह ऐसा कदम उठा रहे हैं, पुलिस की माने तो 3 दिन से रेकी कर रहे थे हत्यारे।
सवाल यह भी उठता है जब हत्यारे 3 दिन से अगर रेकी कर रहे थे, पुलिस कहा थी? पुलिस का कहना यह है कि वह डराने के लिए गोली चलाई गई थी, जो कि शेखर को लग गई और उसकी मौत हो गई जबकि पुलिस की इस पूरी कहानी किसी के भी गले नहीं उतर रही है,

जब रंगदारी का मामला केवल मालिको से था तो शेखर पर गोली क्यों चलाई गयी, यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता नजर आ रहा है। पुलिस की कहानी में बहुत सारे झोल नजर आ रहे हैं जिससे कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक सवालिया निशान खड़ा हो चुका है,

वीओ2-मृतक के भाई का कहना है कि अगर हत्यारे मेरे भाई को मारने के लिए नहीं आए थे तो फिर उन्होंने उस पर गोली क्यों चलाई ?वह अगर 3 दिन से रैकी कर रहे थे तो उन्होंने और किसी पर गोली क्यों नहीं चलाई?यह एक बड़े सवाल है मृतक के भाई ने कहा कि पुलिस की ऐसी कार्यप्रणाली में कोई भी सुरक्षित नहीं है। मृतक के भाई ने कहा कि मृतक के छोटे-छोटे बच्चे हैं पत्नी है अब उनका क्या होगा सरकार को भी उसके बारे में सोचना चाहिए।

बाइट म्रतक का भाई

बाइट दलीप सिंह कुंवर एसएसपी पौडी


क्या था पूरा मामला
वीओ- कोटद्वार के सिम्बलचौड स्थित शिव केबल नेटवर्क के कंट्रोल रूम में गत 13 अगस्त को केवल नेटवर्किंग के एक्सपर्ट देहरादून निवासी शेखर चंद्र ढ़ोडियाल की अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिस वक्त यह वारदात हुई थी उस समय से शेखर केवल कंट्रोल रूम के बरामदे में टहलते हुए अपने मोबाइल पर किस से बात करने की कोशिश कर रहे थे, घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी के नेतृत्व में कई टीमें बनाई गई थी, जो यूपी उत्तराखंड के हरिद्वार रुड़की देहरादून में लगातार हत्यारों की खोज कर रही थी, पुलिस ने लगभग इन 14 दिनों में 2 दर्जन से भी अधिक संदिग्ध लोगों की धरपकड़ कर पूछताछ कर चुकी है, सर्विस लाइन,सीसीटीवी फुटेज, म्रतक के फोन लैपटॉप के आधार पर जांच करती रही, आखिरकार पुलिस को 14 दिनों के बाद सफलता हासिल हुई और पुलिस ने शेखर हत्याकांड से जुड़े सभी लोगों को मय पिस्टल और अन्य सामान के साथ गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।


पकड़े गए अपराधी

भारत वीर पुत्र कर्णपाल निवासी नारसन कला बड़ी थाना मंगलूर जिला हरिद्वार

मोनू मलिक पुत्र यशपाल निवासी नारसन कला बड़ी थाना मंगलूर जिला हरिद्वार

अभी तक गणों से बरामद माल

एक पिस्टल 32 बोर में चार जिंदा कारतूस

घटनाक्रम में उपयुक्त मोटरसाइकिल uk08p 8754

तमंचा 315 बोर व दो जिंदा कारतूस


Conclusion:
Last Updated : Aug 28, 2019, 7:39 PM IST
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