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भाई को बचाने के लिए गुलदार से लड़ने वाली राखी को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने नहीं किया भर्ती - कोटद्वार न्यूज

उत्तराखंड में आतंक का पर्याय बने गुलदार ने कोटद्वार में एक भाई-बहन पर हमला कर दिया था. इस दौरान 11 साल की राखी अपने 4 साल के भाई को बचाने के लिए गुलदार से भिड़ गई थी, लेकिन इन दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गई. राखी को इलाज के लिए परिजन सफदरजंग अस्पताल दिल्ली लेकर गए थे, लेकिन वहां भी उसे इलाज नहीं मिला.

राखी
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Published : Oct 7, 2019, 11:52 PM IST

Updated : Oct 8, 2019, 12:27 PM IST

कोटद्वार: बीते शुक्रवार को अपने चार साल के भाई को बचाने के लिए गुलदार से लड़ी 11 साल की राखी इलाज के लिए दर-दर भटक रही है. गुलदार के हमले में गंभीर रूप से घायल हुई राखी को शुक्रवार शाम को कोटद्वार बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया, लेकिन यहां भी उसे इलाज नहीं मिल सका. जिसके बाद परिजन उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली लेकर गए, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया.

इन हालत में राखी सरकारी सिस्टम के आगे जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है और परिजन बेबस नजर आ रहे हैं. दरअसल, शुक्रवार रात को 11 साल की राखी अपने चार के साल के भाई राघव सिंह के साथ घर से बाहर खेलने गई थी. वापस लौटे वक्त उन पर गुलदार ने हमला कर दिया, लेकिन अपने भाई को बचाने के लिए राखी गुलदार के लड़ गई. राखी ने गुलदार से डरने के बजाए उसका सामना किया और अपने भाई की रक्षा की. राखी ने राघव को नीचे दबा लिया था. जिससे गुलदार उस पर हमला न कर सके. वहीं आसपास मौजूद लोगों ने भी गुलदार को देखकर शोर मचाना शुरू कर दिया. लोगों का हो हल्ला सुनकर गुलदार वहां से भाग गया.

पढ़ें- 4 साल के भाई को गुलदार से बचाने के लिए 11 साल की राखी बनी 'तीलू रौतेली'

स्थानीय लोगों ने तत्काल राखी को कोटद्वार के बेस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर ऋषिकेश एम्स भेज दिया गया, लेकिन राखी को यहां भी इलाज नहीं मिल सका. इसके बाद परिजन उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली गए, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया है.

कोटद्वार: बीते शुक्रवार को अपने चार साल के भाई को बचाने के लिए गुलदार से लड़ी 11 साल की राखी इलाज के लिए दर-दर भटक रही है. गुलदार के हमले में गंभीर रूप से घायल हुई राखी को शुक्रवार शाम को कोटद्वार बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया, लेकिन यहां भी उसे इलाज नहीं मिल सका. जिसके बाद परिजन उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली लेकर गए, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया.

इन हालत में राखी सरकारी सिस्टम के आगे जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है और परिजन बेबस नजर आ रहे हैं. दरअसल, शुक्रवार रात को 11 साल की राखी अपने चार के साल के भाई राघव सिंह के साथ घर से बाहर खेलने गई थी. वापस लौटे वक्त उन पर गुलदार ने हमला कर दिया, लेकिन अपने भाई को बचाने के लिए राखी गुलदार के लड़ गई. राखी ने गुलदार से डरने के बजाए उसका सामना किया और अपने भाई की रक्षा की. राखी ने राघव को नीचे दबा लिया था. जिससे गुलदार उस पर हमला न कर सके. वहीं आसपास मौजूद लोगों ने भी गुलदार को देखकर शोर मचाना शुरू कर दिया. लोगों का हो हल्ला सुनकर गुलदार वहां से भाग गया.

पढ़ें- 4 साल के भाई को गुलदार से बचाने के लिए 11 साल की राखी बनी 'तीलू रौतेली'

स्थानीय लोगों ने तत्काल राखी को कोटद्वार के बेस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर ऋषिकेश एम्स भेज दिया गया, लेकिन राखी को यहां भी इलाज नहीं मिल सका. इसके बाद परिजन उसे सफदरजंग अस्पताल दिल्ली गए, लेकिन यहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया है.

Intro:summary 11वर्षी राखी बनी अपने भाई के लिए तीलू रौतेली, 4 साल के भाई राघव को बचाया गुलदार से, अपने आप हो गई बुरी तरह घायल। घायल राखी का उपचार दिल्ली के सफदरजंग में जारी। तीलू रौतेली को गढ़वाल की रानी लक्ष्मी बाई के नाम से भी जाना जाता है।

intro kotdwar, तीलू रौतेली की रणभूमि विकासखंड बीरोंखाल क्षेत्र में 11 साल की बालिका ने तीलू रौतेली बनकर पहाड़ में आतंक का पर्याप्त बने गुलदार से अपने कंधे पर ले जा रहे 4 साल के मासूम भाई राघव को बचाने में कामयाब हुई, लेकिन अपने आप बुरी तरह घायल हो गयी और गुलदार को भागने पर मजबूर कर दिया, घटना पौड़ी जनपद के विकासखंड बीरोंखाल क्षेत्र के ग्राम बेकुण्डाई तल्ली गांव का है, जहां पर गुलदार ने बीते शुक्रबार को मासूम भाई-बहन पर हमला कर दिया था, भाई को बचाने के प्रयास में बहन गंभीर रूप से घायल हो गई, दोनों को उपचार के लिए राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया गया, जहां से 11 वर्षीय राखी की हालत गंभीर देखते हैं उसे एम्स ऋषिकेश रैफर किया गया, लेकिन वहां से भी सफदरगंज अस्पताल दिल्ली रेफर कर दिया जहां पर उसका उपचार चल रहा है।

राखी पुत्री दलवीर सिंह रावत
माता शालनी देवी
माता पिता करते है खेती बाड़ी का काम।

कौन थी तीलू रौतेली....

तीलू रौतेली गढ़वाल उत्तराखंड की ऐसी वीरांगना जो केवल 15 वर्ष की उम्र में रणभूमि में कूद पड़ी थी और 7 साल तक जिसने अपने दुश्मन राजाओं को कड़ी चुनौती दी थी, 15 साल से 20 वर्ष की आयु में साथ युद्ध लड़ने वाली तीलू रौतेली संभवत विश्व की एकमात्र वीरांगना है। तीलू रौतेली ने अपने बचपन का अधिकांश समय बीरोंखाल के कांडा मल्ला गांव में बिताया, आज भी हर वर्ष उनके नाम पर कौथिग और वॉलीबॉल मैच का आयोजन किया जाता है, इस प्रतियोगिता में संभवत क्षेत्रवासी भाग लेते हैं। उनकी याद में आज भी कांडा ग्राम्मा बीरोंखाल क्षेत्र के निवासीयो जे द्वारा हर वर्ष कौथिंग ( मेला) आयोजन करते हैं और ढोल दमाऊ तथा निशान के साथ तीलू रौतेली की प्रतिमा का पूजन करते हैं।


Body:वीओ1- बीरोंखाल ब्लॉक की 11 वर्षीय राखी ने गुलदार से अपने मासूम भाई को बचाने के खातिर जान की परवाह नहीं कि गुलदार से बचाने के लिए राखी ने अपने भाई से लिपट गयी और गुलदार के लगातार वार करने पर भी उसने अपने छोटे भाई को नहीं छोड़ा। पूरी घटना में भाई तो बच गया, लेकिन राखी गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसका वर्तमान में दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में उपचार जारी है, परिजनों के मुताबिक शुक्रवार दोपहर को मा खेत में काम करने गई थी, राखी और राधव भी उनके साथ थे, लौटते वक्त राखी भाई राघव को कंधे पर बैठाकर मां से आगे आगे चल रही थी, तभी रास्ते में घात लागये बैठे गुलदार ने राघव पर झपट्टा मार दिया राखी ने तुरंत भाई को गुलदार के पंजों से बचाकर अपने सीने से चिपका दिया, गुलदार राखी पर पंजे और दांत से वार करता है लेकिन खून से लथपथ होने के बाद भी राखी ने भाई को गुलदार की चपेट में नहीं आने दिया पीछे से आ रही मा ने जब मंजर देखा तो चीख-पुकार शुरू हो गई, तब जाकर गुलदार ने राखी को छोड़कर झाड़ियों में भाग गया, भाई राघव को सही सलामत देखकर रखी बेहोस हो गयी।

वीओ2- वहीं पूरे मामले पर राखी की मामी सोनम देवी का कहना है कि राखी और उसका भाई 4 साल का गुंडा राघव खेत से वापस घर जा रहे थे तभी गुलदार ने उस पर हमला कर दिया छोटी सी 11 वर्ष की बच्ची ने अपने 4 साल के भाई को बाग से बचाने के लिए उसके ऊपर से कूद गई और उसे बचा लिया बाघ ने उस पर हमला कर दिया उस पर बहुत सारी चोटें आई हैं।

बाइट- सोनम देवी मामी

वीओ3- समाजसेवी जितेंद्र डोबरियाल ने कहा कि वाकई मैं जिस तरह से इस मासूम बालिका ने अपने छोटे भाई को बचाने की कोशिश की और वह इस मैं सफल भी रह, इससे लगता है कि तीलू रौतेली की रणभूमि में तीलू रौतेली जैसी विरांगना अभी भी धरती पर बहुत है, उसी का एक उदाहरण बीरोंखाल क्षेत्र में देखने को मिला, जिस तरह से तीलू रौतेली बाल्यकाल में ही अपने क्षेत्र को बचाने के लिए रणभूमि में कूद पड़ी थी, ठीक उसी तरह 11 साल की मासूम बच्ची राखी अपने छोटे 4 साल के भाई को गुलदार से बचाने के लिए संघर्ष किया , और अपने भाई को सुरक्षित बचा लिया भले ही वह बुरी तरह घायल हो गई, जबकि गुलदार को देखकर बड़े बुजुर्ग पूरी दहशत में रहते हैं, लेकिन इस बालिका ने अपने छोटे 4 साल के मासूम भाई को गुलदार के मुंह से छीना और उसे बचा लिया। मेरा मानना है कि इस बालिका को वीरता का पुरस्कार मिलना चाहिए साथ ही दुखद विषय यह भी है कि सरकार ने इस बालिका के उपचार के लिए किसी तरह का अपना स्टेटमेंट नहीं दिया, ना ही सरकार की तरफ से इस के स्वास्थ्य के लिए किसी प्रकार का कोई कार्य किया जा रहा है , यह बहुत दुखद बात है जबकि तीलू रौतेली देवभूमि गढ़वाल में रानी लक्ष्मी बाई के नाम से जानी जाती है।

बाइट जितेन्द्र डोबरियाल समाजसेवी

4 साल के राघव की फ़ोटो।






Conclusion:
Last Updated : Oct 8, 2019, 12:27 PM IST
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