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पहचाना इन्हें? ये हैं देश के सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, अब बाइक पर निकले हैं केदारनाथ

उत्तराखंड इस धरती पर ईश्वर की नेमत है. अगर आपने जीवन में एक बार उत्तराखंड नहीं घूमा तो आपका जीवन व्यर्थ है. ये कहना है कि योग और आध्यात्म के गुरु जग्गी वासुदेव 'सद्गुरु' का. सद्गुरु इन दिनों उत्तराखंड आए हुए हैं. आज वो केदारनाथ यात्रा पर जाने के लिए श्रीनगर पहुंचे थे.

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सद्गुरु समाचार
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Published : Sep 29, 2021, 4:02 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 10:40 PM IST

श्रीनगर: प्रसिद्ध योग और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव आज श्रीनगर में थे. सद्गुरु केदारनाथ यात्रा पर निकले हैं. यहां थोड़ी देर के लिए रुके सद्गुरु ने कहा कि उत्तराखंड इस धरती को दी गई ईश्वर की अनमोल धरोहर है. भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार उत्तराखंड जरूर आना चाहिए.

उत्तराखंड की यात्रा है जरूरी: सद्गुरु ने कहा कि जो व्यक्ति जीवन में एक बार भी उत्तराखंड नहीं आता है, समझो उसका जीवन व्यर्थ है. उन्होंने कहा कि वो देशवासियों को यही संदेश देने के लिए उत्तराखंड आए हुए हैं.

सद्गुरु ने अपने भक्तों के साथ मुलाकात भी की. उन्हें अपना आशीर्वाद दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें उत्तराखंड का मौसम, यहां की प्रकृति बहुत अच्छी लग रही है. सद्गुरु ने बताया कि वे केदारनाथ की यात्रा करने जा रहे हैं. इसके पश्चात वे बदरीनाथ की यात्रा पर जाएंगे.

सद्गगुरु निकले केदारनाथ.

करोड़ों की वैनिटी वैन चल रही साथ: इस दौरान सद्गुरु को पहले देवप्रयाग पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई. उसके बाद कीर्तिनगर, श्रीनगर पुलिस ने भी उन्हें पूरी सुरक्षा दी. सद्गुरु जग्गी वासुदेव अपनी पसंदीदा बाइक पर ही राइड करते हुए नजर आये. उन्होंने सारे सेफ्टी उपकरण भी पहने हुए थे. इस दौरान उनके आराम के लिए करोड़ों रुपये की लागत की वैनिटी वैन भी उनके साथ चल रही थी.

बाबा रामदेव को बाइक की सवारी करा चुके हैं सद्गुरु: करीब तीन साल पहले बाबा रामदेव सद्गुरु से मिलने उनके ईशा फाउंडेशन कोयंबटूर गए थे. जग्गी बासुदेव ने बाबा रामदेव को बाइक की सैर का ऑफर दिया तो बाबा तैयार हो गए. इसके बाद सद्गुरु ने अपनी बाइक से फर्राटे मारते हुए बाबा रामदेव को आश्रम की सैर कराई थी. भारत के दो जाने-माने योग गुरुओं को बाइक की सवारी करते देख लोग हैरान और रोमांचित हो गए थे.

कौन हैं सद्गुरु जग्गी वासुदेव: जग्गी वासुदेव का जन्म 5 सितम्बर 1957 को कर्नाटक के मैसूर शहर में हुआ. उनके पिता एक डॉक्टर थे. इन्हें 'सद्गुरु' भी कहा जाता है. ये ईशा फाउंडेशन नामक लाभ रहित मानव सेवी संस्‍थान के संस्थापक हैं. ईशा फाउंडेशन भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, लेबनान, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में योग कार्यक्रम सिखाता है. साथ ही साथ कई सामाजिक और सामुदायिक विकास योजनाओं पर भी काम करता है.

ये भी पढ़ें: ...जैसे ही पूरे लाव-लश्कर के साथ पतंजलि पहुंचा हाईटेक बाइक सवार, रामदेव-बालकृष्ण ने छू लिए पैर

जग्गी वासुदेव ने 8 भाषाओं में 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं. सद्गुरु का आश्रम कोयंबटूर शहर से करीब 40 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है. इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य योग का प्रचार-प्रसार कर उसे लोगों के लिए सुलभ बनाना है. सद्गुरु के अनुयायी उन्हें एक ऐसा व्यक्ति मानते हैं जो लोगों के जीवन में प्रकाश भरने का और उनको नई दिशा दिखाने का काम करता है.

श्रीनगर: प्रसिद्ध योग और आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव आज श्रीनगर में थे. सद्गुरु केदारनाथ यात्रा पर निकले हैं. यहां थोड़ी देर के लिए रुके सद्गुरु ने कहा कि उत्तराखंड इस धरती को दी गई ईश्वर की अनमोल धरोहर है. भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक बार उत्तराखंड जरूर आना चाहिए.

उत्तराखंड की यात्रा है जरूरी: सद्गुरु ने कहा कि जो व्यक्ति जीवन में एक बार भी उत्तराखंड नहीं आता है, समझो उसका जीवन व्यर्थ है. उन्होंने कहा कि वो देशवासियों को यही संदेश देने के लिए उत्तराखंड आए हुए हैं.

सद्गुरु ने अपने भक्तों के साथ मुलाकात भी की. उन्हें अपना आशीर्वाद दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें उत्तराखंड का मौसम, यहां की प्रकृति बहुत अच्छी लग रही है. सद्गुरु ने बताया कि वे केदारनाथ की यात्रा करने जा रहे हैं. इसके पश्चात वे बदरीनाथ की यात्रा पर जाएंगे.

सद्गगुरु निकले केदारनाथ.

करोड़ों की वैनिटी वैन चल रही साथ: इस दौरान सद्गुरु को पहले देवप्रयाग पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई. उसके बाद कीर्तिनगर, श्रीनगर पुलिस ने भी उन्हें पूरी सुरक्षा दी. सद्गुरु जग्गी वासुदेव अपनी पसंदीदा बाइक पर ही राइड करते हुए नजर आये. उन्होंने सारे सेफ्टी उपकरण भी पहने हुए थे. इस दौरान उनके आराम के लिए करोड़ों रुपये की लागत की वैनिटी वैन भी उनके साथ चल रही थी.

बाबा रामदेव को बाइक की सवारी करा चुके हैं सद्गुरु: करीब तीन साल पहले बाबा रामदेव सद्गुरु से मिलने उनके ईशा फाउंडेशन कोयंबटूर गए थे. जग्गी बासुदेव ने बाबा रामदेव को बाइक की सैर का ऑफर दिया तो बाबा तैयार हो गए. इसके बाद सद्गुरु ने अपनी बाइक से फर्राटे मारते हुए बाबा रामदेव को आश्रम की सैर कराई थी. भारत के दो जाने-माने योग गुरुओं को बाइक की सवारी करते देख लोग हैरान और रोमांचित हो गए थे.

कौन हैं सद्गुरु जग्गी वासुदेव: जग्गी वासुदेव का जन्म 5 सितम्बर 1957 को कर्नाटक के मैसूर शहर में हुआ. उनके पिता एक डॉक्टर थे. इन्हें 'सद्गुरु' भी कहा जाता है. ये ईशा फाउंडेशन नामक लाभ रहित मानव सेवी संस्‍थान के संस्थापक हैं. ईशा फाउंडेशन भारत सहित संयुक्त राज्य अमेरिका, इंग्लैंड, लेबनान, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में योग कार्यक्रम सिखाता है. साथ ही साथ कई सामाजिक और सामुदायिक विकास योजनाओं पर भी काम करता है.

ये भी पढ़ें: ...जैसे ही पूरे लाव-लश्कर के साथ पतंजलि पहुंचा हाईटेक बाइक सवार, रामदेव-बालकृष्ण ने छू लिए पैर

जग्गी वासुदेव ने 8 भाषाओं में 100 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं. सद्गुरु का आश्रम कोयंबटूर शहर से करीब 40 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है. इस फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य योग का प्रचार-प्रसार कर उसे लोगों के लिए सुलभ बनाना है. सद्गुरु के अनुयायी उन्हें एक ऐसा व्यक्ति मानते हैं जो लोगों के जीवन में प्रकाश भरने का और उनको नई दिशा दिखाने का काम करता है.

Last Updated : Sep 29, 2021, 10:40 PM IST
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