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कलालघाटी चौकी को थाने में तब्दील करने की जगी उम्मीद, शासन को भेजा प्रस्ताव

कलालघाटी चौकी को जल्द थाना बनाया जा सकता है. अभी तक सुरक्षा का जिम्मा एक सब इंस्पेक्टर और 10 पुलिसकर्मियों के ऊपर है. जबकि, यहां की आबादी एक लाख से ऊपर है. अब मामले को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजा गया है.

kalalghati chauki kotdwar
कलालघाटी चौकी
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Published : Mar 23, 2021, 5:08 PM IST

कोटद्वारः बीते लंबे समय से कलालघाटी चौकी को थाने में तब्दील करने की मांग उठती रही है. कई बार जनप्रतिनिधियों ने चौकी को थाने में तब्दील करने के लिए प्रस्ताव भी पुलिस अधीक्षक पौड़ी को भेजे, लेकिन शासन से मंजूरी न मिलने के कारण आज तक भी कलालघाटी चौकी को थाने में तब्दील नहीं किया जा सका है. अब एक बार दोबारा से थाना बनाने की आस जगी है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मानें तो प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं. शासन से मंजूरी मिलते ही चौकी को थाने में तब्दील कर दिया जाएगा.

बता दें कि कोटद्वार कोतवाली के कलालघाटी चौकी क्षेत्र करीब 1 लाख आबादी वाला क्षेत्र है. चौकी क्षेत्र में दो औद्योगिक क्षेत्र भी हैं. जिसमें एक जसोधरपुर औद्योगिक तो दूसरा सिडकुल सिगड़ी स्थापित है. दोनों औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों की संख्या में बाहरी राज्यों के श्रमिक कार्य करते हैं. वहीं, इस चौकी क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर से सटा हुआ है. एक ओर मालन नदी से लगा हुआ है. जबकि, दूसरा छोर राजाजी नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है. जिस कारण पूरा क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है.

ये भी पढ़ेंः देहरादूनः 19 नागरिक इंस्पेक्टरों की तैनाती में फेरबदल, 10 भेजे गए पहाड़

वहीं, सुरक्षा के लिए चौकी में एक सब इंस्पेक्टर और 10 पुलिसकर्मी तैनात हैं. ऐसे में एक सब इंस्पेक्टर और 10 पुलिसकर्मियों से पूरे क्षेत्र में निगरानी करने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में चौकी को थाने में तब्दील करने की जरूरत महसूस की जा रही है.

चौकी का इतिहास-

  • करीब 7 दशक पहले स्थापना हुई थी.
  • वर्तमान में चौकी क्षेत्र में 8 वार्ड मौजूद हैं.
  • दो औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल है.
  • करीब एक लाख की आबादी शामिल है.
  • एक सब इंपेक्टर तैनात है.
  • एक एएसआई की तैनाती है.
  • 10 सिपाही भी चौकी में ड्यूटी दे रहे हैं.

वहीं, जनप्रतिनिधि शैलेश शैलेंद्र डबराल ने बताया कि पूरे इलाके में दो सिडकुल क्षेत्र हैं. जिसमें हजारों की संख्या में बाहरी राज्य से लोग आते जाते रहते हैं. जबकि, स्थानीय जनसंख्या भी एक लाख से अधिक है. जमाने से क्षेत्र में एक ही चौकी है. जिसमें एक सब इंस्पेक्टर और आठ से दस सिपाही मौजूद हैं. जिस कारण क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं का बोलबाला अधिक रहता है. लंबे समय से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की मांग रही है कि चौकी को थाने में तब्दील किया जाए, जिससे आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके.

वहीं, पूरे मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेणुका देवी का कहना है कि जिले के अंदर कई जगहों पर नए थाने और चौकियों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. जिसे शासन को भेजा गया है. शासन से स्वीकृति मिलने के बाद चौकियों को थाने में तब्दील किया जाएगा. जबकि, राजस्व क्षेत्रों में चौकी खोली जाएगी. जिससे लॉ एंड ऑर्डर बना रहे.

कोटद्वारः बीते लंबे समय से कलालघाटी चौकी को थाने में तब्दील करने की मांग उठती रही है. कई बार जनप्रतिनिधियों ने चौकी को थाने में तब्दील करने के लिए प्रस्ताव भी पुलिस अधीक्षक पौड़ी को भेजे, लेकिन शासन से मंजूरी न मिलने के कारण आज तक भी कलालघाटी चौकी को थाने में तब्दील नहीं किया जा सका है. अब एक बार दोबारा से थाना बनाने की आस जगी है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मानें तो प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं. शासन से मंजूरी मिलते ही चौकी को थाने में तब्दील कर दिया जाएगा.

बता दें कि कोटद्वार कोतवाली के कलालघाटी चौकी क्षेत्र करीब 1 लाख आबादी वाला क्षेत्र है. चौकी क्षेत्र में दो औद्योगिक क्षेत्र भी हैं. जिसमें एक जसोधरपुर औद्योगिक तो दूसरा सिडकुल सिगड़ी स्थापित है. दोनों औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों की संख्या में बाहरी राज्यों के श्रमिक कार्य करते हैं. वहीं, इस चौकी क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर से सटा हुआ है. एक ओर मालन नदी से लगा हुआ है. जबकि, दूसरा छोर राजाजी नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है. जिस कारण पूरा क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है.

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वहीं, सुरक्षा के लिए चौकी में एक सब इंस्पेक्टर और 10 पुलिसकर्मी तैनात हैं. ऐसे में एक सब इंस्पेक्टर और 10 पुलिसकर्मियों से पूरे क्षेत्र में निगरानी करने में भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में चौकी को थाने में तब्दील करने की जरूरत महसूस की जा रही है.

चौकी का इतिहास-

  • करीब 7 दशक पहले स्थापना हुई थी.
  • वर्तमान में चौकी क्षेत्र में 8 वार्ड मौजूद हैं.
  • दो औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल है.
  • करीब एक लाख की आबादी शामिल है.
  • एक सब इंपेक्टर तैनात है.
  • एक एएसआई की तैनाती है.
  • 10 सिपाही भी चौकी में ड्यूटी दे रहे हैं.

वहीं, जनप्रतिनिधि शैलेश शैलेंद्र डबराल ने बताया कि पूरे इलाके में दो सिडकुल क्षेत्र हैं. जिसमें हजारों की संख्या में बाहरी राज्य से लोग आते जाते रहते हैं. जबकि, स्थानीय जनसंख्या भी एक लाख से अधिक है. जमाने से क्षेत्र में एक ही चौकी है. जिसमें एक सब इंस्पेक्टर और आठ से दस सिपाही मौजूद हैं. जिस कारण क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं का बोलबाला अधिक रहता है. लंबे समय से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की मांग रही है कि चौकी को थाने में तब्दील किया जाए, जिससे आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके.

वहीं, पूरे मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेणुका देवी का कहना है कि जिले के अंदर कई जगहों पर नए थाने और चौकियों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. जिसे शासन को भेजा गया है. शासन से स्वीकृति मिलने के बाद चौकियों को थाने में तब्दील किया जाएगा. जबकि, राजस्व क्षेत्रों में चौकी खोली जाएगी. जिससे लॉ एंड ऑर्डर बना रहे.

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