पौड़ी: पिछले 6 साल से संचालित हो रहे पॉलिटेक्निक कॉलेज पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं. जानकरी के अनुसार प्रबंधन यहां अध्ययनरत छात्रों से स्थानांतरित होने के लिए विकल्प मांगे हैं. छात्रों की घटती संख्या के कॉलेज के बंद होने का मुख्य कारण बताया जा रहा है. इसके साथ ही कॉलेज में नई प्रवेश प्रक्रिया भी बंद कर दी गई है. वर्तमान में यहां पर प्रधानाचार्य सहित 16 शिक्षक-कर्मचारी सेवारत हैं. बंद हो रहे कॉलेज को लेकर अब नागरिक कल्याण मंच से जुड़े लोगों ने इसके लिए सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का मन बनाया हैं.
राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज साल 2014 से पौड़ी में संचालित है. संस्थान की शुरुआत मैकेनिकल इंजीनियरिंग ट्रेड की 25 सीटों के साथ की गई थी. शुरू में कॉलेज विकासखंड मुख्यालय के समीप बाल विकास विभाग के भवन में संचालित किया जा रहा था. इसी भवन में विभाग के वन स्टॉप सेंटर के खुलने के चलते पॉलिटेक्निक कॉलेज को कृषि विभाग के प्रशिक्षण केंद्र में शिफ्ट करना पड़ा. इस बीच संस्थान के लिए नए भवन की निर्माण प्रक्रिया भी शुरू की गई. अब प्राविधिकी शिक्षा निदेशालय ने छात्रों की संख्या को कम बताते हुए संस्थान में अध्ययनरत सभी छात्रों को शिफ्ट किए जाने के लिए विकल्प मांगें हैं. छात्रों ने श्रीनगर और देहरादून सहित अन्य संस्थानों के विकल्प भी दे दिए हैं.
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प्रधानाचार्य ओमकार शर्मा की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार संस्थान में कुल 45 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. जिनमें अंतिम वर्ष के 18 बच्चें पास आउट हो जाएंगे. अब केवल 27 बच्चे शेष रह गए है. इन सभी बच्चों को अन्य संस्थान में शिफ्ट किए जाने को लेकर विकल्प भरकर दे दिए हैं, जिन्हें जल्द ही शिफ्ट कर लिया जाएगा.
वहीं नागरिक कल्याण मंच से जुड़े लोगों ने बताया कि पौड़ी मुख्यालय में नये संस्थान खुलने के बजाय इन्हें बन्द किया जा रहा है, जो कि सरकार की नाकामी को साफ दर्शाता है. यदि जल्द ही इसे रोका नहीं गया तो वह इसके लिए आंदोलन करेंगे.