पौड़ी: जनपद में विकास और मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं. इसलिए जिले से सर्वाधिक पलायन हो रहा है. वहीं लगातार सरकार की बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बाद भी धरातल में इसका असर होता नहीं दिख रहा है. पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में सरकार नाकामयाब साबित हो रही है.
पौड़ी जिले में मूलभूत सुविधाओं को लेकर वर्तमान सरकार द्वारा किए गए तमाम बड़े वादे खोखले नजर आ रहे हैं. आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बुरा है. जनपद में 365 डॉक्टरों के लिए पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 158 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ता है. वहीं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के चलते सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में असमर्थ है.
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पौड़ी की जनता ने स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक मांग की है. यहां के लोगों की मांग है कि जिले को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. जिससे पहाड़ी क्षेत्रों के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पलायन न करें.
जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस जंगपांगी ने बताया कि जनपद में चिकित्सकों के 365 पद रिक्त हैं. इसके सापेक्ष मात्र 158 डॉक्टर ही उन्हें प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि निदेशालय की ओर से ही डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया की जानी है. इसके साथ ही जनपद में पैरामेडिकल स्टाफ लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स आदि की कमी चल रही है. इससे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को काफी दिक्कतें होती हैं. यदि जल्द मेडिकल स्टाफ मिल जाए तो जनपद के अधिकतर क्षेत्रों में स्वास्थ सुविधाओं में सुधार आएगा.