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पौड़ी में डॉक्टरों की भारी कमी, स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल होने से बढ़ रहा पलायन

पौड़ी की जनता को विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी वजह से लोग जिले से पलायन कर रहे हैं.

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Published : Aug 1, 2019, 10:37 PM IST

पौड़ी में स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या.

पौड़ी: जनपद में विकास और मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं. इसलिए जिले से सर्वाधिक पलायन हो रहा है. वहीं लगातार सरकार की बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बाद भी धरातल में इसका असर होता नहीं दिख रहा है. पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में सरकार नाकामयाब साबित हो रही है.

पौड़ी जिले में मूलभूत सुविधाओं को लेकर वर्तमान सरकार द्वारा किए गए तमाम बड़े वादे खोखले नजर आ रहे हैं. आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बुरा है. जनपद में 365 डॉक्टरों के लिए पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 158 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ता है. वहीं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के चलते सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में असमर्थ है.

पौड़ी में स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या.

यह भी पढें: सड़कों पर हुए गड्ढे लोगों के लिए बने सिरदर्द, नगर आयुक्त का किया घेराव

पौड़ी की जनता ने स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक मांग की है. यहां के लोगों की मांग है कि जिले को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. जिससे पहाड़ी क्षेत्रों के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पलायन न करें.

जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस जंगपांगी ने बताया कि जनपद में चिकित्सकों के 365 पद रिक्त हैं. इसके सापेक्ष मात्र 158 डॉक्टर ही उन्हें प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि निदेशालय की ओर से ही डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया की जानी है. इसके साथ ही जनपद में पैरामेडिकल स्टाफ लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स आदि की कमी चल रही है. इससे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को काफी दिक्कतें होती हैं. यदि जल्द मेडिकल स्टाफ मिल जाए तो जनपद के अधिकतर क्षेत्रों में स्वास्थ सुविधाओं में सुधार आएगा.

पौड़ी: जनपद में विकास और मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं. इसलिए जिले से सर्वाधिक पलायन हो रहा है. वहीं लगातार सरकार की बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बाद भी धरातल में इसका असर होता नहीं दिख रहा है. पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में सरकार नाकामयाब साबित हो रही है.

पौड़ी जिले में मूलभूत सुविधाओं को लेकर वर्तमान सरकार द्वारा किए गए तमाम बड़े वादे खोखले नजर आ रहे हैं. आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बुरा है. जनपद में 365 डॉक्टरों के लिए पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 158 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ता है. वहीं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के चलते सरकार स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में असमर्थ है.

पौड़ी में स्वास्थ्य सुविधाओं की समस्या.

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पौड़ी की जनता ने स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक मांग की है. यहां के लोगों की मांग है कि जिले को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. जिससे पहाड़ी क्षेत्रों के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पलायन न करें.

जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस जंगपांगी ने बताया कि जनपद में चिकित्सकों के 365 पद रिक्त हैं. इसके सापेक्ष मात्र 158 डॉक्टर ही उन्हें प्राप्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि निदेशालय की ओर से ही डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया की जानी है. इसके साथ ही जनपद में पैरामेडिकल स्टाफ लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स आदि की कमी चल रही है. इससे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को काफी दिक्कतें होती हैं. यदि जल्द मेडिकल स्टाफ मिल जाए तो जनपद के अधिकतर क्षेत्रों में स्वास्थ सुविधाओं में सुधार आएगा.

Intro:उत्तराखंड बनने के बाद पौड़ी ने प्रदेश को चार चार मुख्यमंत्री दिए हैं बावजूद उसके आज भी पौड़ी विकास और मूलभूत सुविधाओं के लिए रो रहा है आज पौड़ी प्रदेश में सर्वाधिक पलायन करने वाला जनपद बन गया है वहीं लगातार सरकार की बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बाद भी धरातल में इसका असर होता नहीं दिख रहा पहाड़ों में शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में सभी सरकारें नाकामयाब साबित हुई हैं वर्तमान सरकार के तमाम बड़े वादों के बाद आज भी जनपद पौड़ी में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बहुत बुरा है जनपद में 365 डॉक्टरों के लिए पद स्वीकृत हैं लेकिन मात्र 158 डॉक्टर ही कार्यरत हैं जिसका सीधा असर मरीजों पर पता है वही पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के चलते स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई जा रही हैं।


Body:उत्तराखंड आंदोलन की जननी कही जाने वाली पौड़ी आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए समय-समय पर मांग कर रही है पौड़ी की जनता ने स्थानीय जनप्रतिनिधि लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक मांग की है कि यहां पर अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएं ताकि पहाड़ का व्यक्ति स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पलायन कर रहा है उस पर कहीं न कहीं अंकुश लगाया जाए लेकिन देखने को या मिलता है कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में ना ही पर्याप्त डॉक्टर हैं और ना ही यहां के उपकरणों को संचालन करने के लिए कोई ऑपरेटर रखा गया है जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों की जनता को सामान्य जांच के लिए भी शहरों की तरफ भागना पड़ता है।
बाईट-संजना(ग्रामीण)


Conclusion:जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बीएस जंगपांगी ने बताया कि जनपद में 365 पद है जिसके सापेक्ष मात्र 158 डॉक्टर ही उन्हें प्राप्त हुए हैं कहा कि निदेशालय की ओर से ही डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया की जानी है इसके साथ ही जनपद में पैरामेडिकल स्टाफ लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स आदि की कमी चल रही है जिससे कहीं ना कहीं चिकित्सालय में भर्ती होने वाले मरीजों को काफी दिक्कत होती है यदि उन्हें जल्द पर मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर मिल जाए तो जनपद के अधिकतर क्षेत्रों में स्वास्थ सुविधाओं में सुधार आएगा।
बाईट-बी.एस जंगपांगी(मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी)
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