ETV Bharat / state

गढ़वाल सीट पर तीरथ का कब्जा, कुछ ऐसा रहा 'सिंह' का राजनीतिक सफरनामा

तीरथ सिंह रावत ने खंडूड़ी के गढ़ पर हासिल की जीत. कांग्रेस ने करिशमे की उम्मीद से पूर्व सीएम मेजर भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे मनीष पर खेला था दांव.

गढ़वाल सीट पर तीरथ का कब्जा.
author img

By

Published : May 23, 2019, 5:25 PM IST

Updated : May 23, 2019, 6:20 PM IST

पौड़ी: तीरथ सिंह रावत एक ऐसा नाम है जो अपने तिलस्म से किसी भी प्रतिद्वंदी को हार का स्वाद चखा सकता है. इस बात को तीरथ सिंह ने लोकसभा गढ़वाल सीट जीतकर सही साबित कर दिया है. पूर्व सीएम मेजर भुवन चंद्र खंडूड़ी के गढ़ कहलाने वाली पौड़ी सीट पर तीरथ ने खंडूड़ी के ही बेटे मनीष को 2 लाख से ज्यादा मतों से हराया. आइये डालते हैं एक नजर तीरथ सिंह रावत के सफरनामे पर...

गढ़वाल सीट पर तीरथ का कब्जा.

तीरथ का राजनीतिक सफरनामा

  • तीरथ सिंह रावत का जन्म पौड़ी की असवालस्यूं पट्टी के सीरों गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम कलम सिंह रावत था.
  • तीरथ सिंह 1983 -1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे. जिसके वाद वे विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री रहे.
  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री रहे. जिसके बाद वे हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष रहे.
  • छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे.
  • भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे.
  • 1997 में तीरथ सिंह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए.
  • इसके बादविधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए.
  • साल 2000 में तीरथ उत्तराखण्ड के पहले शिक्षा मंत्री बने.
  • 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री चुने गए.
  • तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे.
  • उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे.
  • 2012 में वे चौबट्टाखाल विधानसभा से विधायक चुने गये.
  • 2013 में वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने.
  • 2017 में भाजपा के उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया.

पढ़ें- गढ़वाल सीट: BJP के तीरथ जीते , खंडूड़ी के गढ़ में रचा इतिहास

तीरथ सिंह रावत की आंदोलनों में भी रही खास भूमिका

  • रामजन्म भूमि आन्दोलन में 2 महीने जेल में रहे.
  • उत्तराखण्ड आन्दोलन में तीरथ सिंह की सक्रिय भूमिका रही.
  • वे राज्य आन्दोलनकारी के रूप में भी चिन्हित किये गए.
  • तीरथ सिंह ने मुज्जफरनगर (रामपुर तिराहे) से गढ़वाल तक शहीद यात्रा का नेतृत्व किया था.

पौड़ी: तीरथ सिंह रावत एक ऐसा नाम है जो अपने तिलस्म से किसी भी प्रतिद्वंदी को हार का स्वाद चखा सकता है. इस बात को तीरथ सिंह ने लोकसभा गढ़वाल सीट जीतकर सही साबित कर दिया है. पूर्व सीएम मेजर भुवन चंद्र खंडूड़ी के गढ़ कहलाने वाली पौड़ी सीट पर तीरथ ने खंडूड़ी के ही बेटे मनीष को 2 लाख से ज्यादा मतों से हराया. आइये डालते हैं एक नजर तीरथ सिंह रावत के सफरनामे पर...

गढ़वाल सीट पर तीरथ का कब्जा.

तीरथ का राजनीतिक सफरनामा

  • तीरथ सिंह रावत का जन्म पौड़ी की असवालस्यूं पट्टी के सीरों गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम कलम सिंह रावत था.
  • तीरथ सिंह 1983 -1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे. जिसके वाद वे विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री रहे.
  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री रहे. जिसके बाद वे हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष रहे.
  • छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे.
  • भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे.
  • 1997 में तीरथ सिंह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए.
  • इसके बादविधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए.
  • साल 2000 में तीरथ उत्तराखण्ड के पहले शिक्षा मंत्री बने.
  • 2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री चुने गए.
  • तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे.
  • उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे.
  • 2012 में वे चौबट्टाखाल विधानसभा से विधायक चुने गये.
  • 2013 में वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने.
  • 2017 में भाजपा के उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया.

पढ़ें- गढ़वाल सीट: BJP के तीरथ जीते , खंडूड़ी के गढ़ में रचा इतिहास

तीरथ सिंह रावत की आंदोलनों में भी रही खास भूमिका

  • रामजन्म भूमि आन्दोलन में 2 महीने जेल में रहे.
  • उत्तराखण्ड आन्दोलन में तीरथ सिंह की सक्रिय भूमिका रही.
  • वे राज्य आन्दोलनकारी के रूप में भी चिन्हित किये गए.
  • तीरथ सिंह ने मुज्जफरनगर (रामपुर तिराहे) से गढ़वाल तक शहीद यात्रा का नेतृत्व किया था.
Intro:Body:

गढ़वाल सीट पर तीरथ का कब्जा, कुछ ऐसा रहा 'सिंह' का राजनीतिक सफरनामा

पौड़ी: तीरथ सिंह रावत एक ऐसा नाम है जो अपने तिलस्म से किसी भी प्रतिद्वंदी को हार का स्वाद चखा सकता है. इस बात को तीरथ सिंह ने लोकसभा गढ़वाल सीट जीतकर सही साबित कर दिया है. पूर्व सीएम मेजर भुवन चंद्र खंडूड़ी के गढ़ कहलाने वाली पौड़ी सीट पर तीरथ ने खंडूड़ी के ही बेटे मनीष को 2 लाख से ज्यादा मतों से हराया. आइये डालते हैं एक नजर तीरथ सिंह रावत के सफरनामे पर...    



तीरथ सिंह रावत का जन्म पौड़ी की असवालस्यूं पट्टी के सीरों गांव में हुआ था.

उनके पिता का नाम कलम सिंह रावत था.

तीरथ सिंह 1983 -1988 तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक रहे.

जिसके वाद वे विद्यार्थी परिषद् (उत्तराखण्ड) के संगठन मंत्री रहे.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के राष्ट्रीय मंत्री रहे.

जिसके बाद वे हेमवती नंदन गढ़वाल विश्व विधालय में छात्र संघ अध्यक्ष रहे.

छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे.

भारतीय जनता युवा मोर्चा (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे.

1997 में तीरथ सिंह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए.

 जिसके बाद वे विधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति के अध्यक्ष बनाये गए.

साल  2000 में  तीरथ उत्तराखण्ड के पहले शिक्षा मंत्री रहे. 

2007 में भारतीय जनता पार्टी उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए.

तत्पश्चात प्रदेश चुनाव अधिकारी तथा प्रदेश सदस्यता प्रमुख रहे.

उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे.

2012 में वे चौबट्टाखाल विधानसभा से विधायक चुने गये.

2013 में वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने.

जिसके बाद  2017 में भाजपा के उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया गया.



तीरथ सिंह रावत(विशेष)

रामजन्म भूमि आन्दोलन में 2 महीने जेल में रहे.

उत्तराखण्ड आन्दोलन में तीरथ सिंह की सक्रिय भूमिका रही. 

वे राज्य आन्दोलनकारी के रूप में भी चिन्हित किये गए

तीरथ सिंह ने मुज्जफरनगर (रामपुर तिराहे) से गढ़वाल तक शहीद यात्रा का नेतृत्व किया.


Conclusion:
Last Updated : May 23, 2019, 6:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.